श्रद्वा व भक्ति का अलौकिक संगम है कहारा महादेव

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कहार महादेव का प्राचीन शक्ति स्थल अलौकिक रहस्य के साथ आज भी भक्तों की निष्ठा में श्रद्धा की देहली पर परम पूज्यनीय है वियावान जंगल में स्थित इस स्थान पर भगवान शिव की आराधना का क्रम कब से चला आ रहा है यह सब अज्ञात है

लालकुआं व हल्दूचौड के मध्य में पश्चिम दिशा में घनघोर जंगल में स्थित कहारा महादेव का सिद्ध स्थान भक्तों की समस्त मनोकामना को पूरी करने वाला कहा गया है स्थानीय भक्त डी के जोशी का कहना है इस स्थान पर जो भी प्राणी अपने आराधना के श्रद्धा पुष्प भगवान शिव के चरणों में अर्पित करता है उसके रोग,शोक ,दुख दरिद्रता व समस्त विपदाओं का हरण हो जाता है यही कारण है कि शिवरात्रि सावन सोमवार व अन्य पर्वो पर स्थानीय लोग यहां आकर शिवजी की बडे ही मनोयोग से पूजा करते है खासतौर से हल्दूचौड के ग्रामीणों की कहारा महादेव जी के प्रति गहरी निष्ठा है इस घनघोर जंगल में शिवजी की पूजा कब से होती आ रही है इस बात का कुछ स्पष्ट पता नही है

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लेकिन वनों में निवास करने वाले दूधिये इन्हें अपने ईष्ट देव के रूप में दशकों से पूजते आये है खासतौर से हल्दूचौड के भानदेव नवाड कृष्णा नवाड के वाशिदें व जिन्हें इस स्थल के बारे में जानकारी है वे भगवान भोलेनाथ पर दूध व जल अर्पित करने समय समय पर यहां आते जाते रहते है यह स्थान कभी कहारों की विश्राम स्थली हुआ करती थी जानकार लोग बताते है कि खत्तों में निवास करने वाले लोग जब कहार के रूप मे दुग्ध का ब्यापार करने वनों से आवागमन करते थे तो उपरोक्त स्थान पर भगवान शिव को दूध चढाकर अपने लक्ष्य की ओर बढते थे भगवान शिव की कृपा से उनके घरों में दुध दही की भरमार रहती थी वर्ष 1960 के दशक में सापकटानी आदि खत्तों के लोग अक्सर जब इस मार्ग से आया जाया करते थे तो इस स्थान पर विश्राम करके आपार मनोशांति प्राप्त करते थे इस स्थान पर कहार महादेव की प्राचीन शिव पिण्डी के दर्शन शिव भक्तों के लिए भगवान शिव की अलौकिक सौगात है ,आज भी ग्रामीण जन व वनों में निवास करने वाले लोग पहली फसल व दूध की पहली धारा कहारा महादेव को अर्पित करना नही भूलते है जब भी लोग अपने को किसी संकट में पाते है तो इन पर आश्रित भक्त जन सीधे इन्हे याद करते है इस स्थान पर भक्तजनों ने एक छोटे से मन्दिर का निर्माण कर रक्खा है समय समय पर रामायण व भजन कीर्तन आदि अनेक कार्यक्रम यहां पर आयोजित होते रहते है घने जंगलों के मध्य स्थित होने के कारण इसकी अपार प्राकृतिक सुंदरता बरबस ही यहां आने वाले आगन्तुकों का मन मोह लेती है हल्दूचौड के कहारा देवता के बारे में स्थानीय लोगों को पूरी तरह जानकारी नही है लालकुआं के अधिकाशं वाशिंदे भी कहार महादेव से अनभिज्ञ है जबकि तीर्थाटन की दृष्टि से यह पावन स्थल काफी विकसित हो सकता है कहारा महादेव वन्य जीव जन्तुओं के भी आराध्य है

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कहारा महादेव की भूमि से रमाकान्त पन्त की स्पेशल रिपोर्ट

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