बागेश्वर। आज भैरव अष्टमी के पावन अवसर पर जनपद के प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर परिसर में प्रातः काल से ही भक्ति और श्रद्धा का माहौल छाया रहा। भक्तों ने विधि-विधान से भैरवनाथ का पूजन-अर्चन, दुग्धाभिषेक एवं आरती की।
सुबह मंगला आरती के साथ ही मंदिर परिसर में घंटों और शंखों की गूंज से वातावरण गुंजायमान हो उठा। श्रद्धालुओं ने भैरव बाबा के दरबार में दीप जलाकर सुख-समृद्धि और सुरक्षा की कामना की। महिलाएं और पुरुष दोनों ही पारंपरिक वेशभूषा में दर्शन के लिए पहुंचे।
मंदिर के भक्त जनों की ओर से विशेष सजावट की गई थी। भैरव मंदिर को फूलों और दीपों से अलंकृत किया गया। वहीं स्थानीय पुजारियों द्वारा भैरव चालीसा और काल भैरव स्तोत्र का पाठ किया गया।
भैरव अष्टमी के अवसर पर मंदिर में भक्तों के लिए प्रसाद वितरण और भोजन प्रसादी की भी व्यवस्था की गई।
धार्मिक मान्यता है कि भैरव अष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा करने से भय, रोग, शत्रु और संकटों से मुक्ति मिलती है। यही कारण है कि हर वर्ष यह पर्व भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।
बागेश्वर के इस प्राचीन काल भैरव मंदिर में आज का दिन श्रद्धा, भक्ति और आस्था का उत्सव बन गया, जहाँ दूर-दूर से आए श्रद्धालु “जय काल भैरव बाबा की” के जयकारे लगाते नजर आए।
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