हल्दूचौड़/लालकुआँ।
हल्दूचौड़ व आसपास के हाथी प्रभावित क्षेत्रों में वन्यजीवों का बढ़ता आतंक ग्रामीणों के लिए लगातार चिंता का विषय बना हुआ है। गांवों में हाथियों की बढ़ती आवाजाही न केवल लोगों में भय का माहौल बना रही है बल्कि फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा रही है। हालात गंभीर होते देख अब वन विभाग सक्रिय हो गया है और लगातार क्षेत्रीय निरीक्षण तथा समाधान के प्रयास जारी हैं।
इसी क्रम में आज तराई पूर्वी वन प्रभाग की टीम ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इससे पहले तराई केंद्रीय वन प्रभाग के डीएफओ भी हालात का जायजा लेने पहुंच चुके हैं। आज के निरीक्षण में तराई पूर्वी वन प्रभाग के गौला रेंज के उप प्रभागीय वनाधिकारी अनिल जोशी, वन क्षेत्राधिकारी चन्दन सिंह अधिकारी, ग्राम प्रधान रूकमणी नेगी एवं ग्राम प्रधान पूजा बिष्ट समेत विभागीय टीम मौजूद रही।
अधिकारियों ने गोपीपुरम, बच्चीधर्मा, दुम्काबंगर, दीना और जयराम पर्मा सहित कई प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया और ग्रामीणों से विस्तृत चर्चा की। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से हाथियों की आवाजाही तेजी से बढ़ गई है, जिसके चलते ग्रामीण रातभर जागकर पहरा देने को मजबूर हैं। कई स्थानों पर फसलों को भारी नुकसान भी हुआ है।
समस्या सुनने के बाद अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि
रात्रि गश्त को और मजबूत किया जाएगा।
निगरानी तंत्र बढ़ाया जाएगा।
प्रभावित खेतों की सुरक्षा हेतु ठोस और प्रभावी व्यवस्था जल्द लागू की जाएगी।
वन विभाग की दो टीमों की सक्रियता से ग्रामीणों में अब राहत की उम्मीद जागी है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि समय रहते प्रभावी कदम उठाए गए, तो हाथियों के बढ़ते आतंक से जल्द निजात मिल सकती है।
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