नशे से दूरी रखो, संस्कृति को पहचानो भाईजी का युवाओं को प्रेरक संदेश

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हल्द्वानी।
वरिष्ठ समाजसेवी भूपेंद्र सिंह बिष्ट भाई जी ने युवाओं से समाज, संस्कृति और अपने भविष्य के प्रति सजग रहने का आह्वान किया है। एक मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि आज का युवा वर्ग आधुनिकता की दौड़ में अपनी जड़ों और संस्कारों से दूर होता जा रहा है, जो चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा “नशा क्षणिक आनंद देता है, लेकिन जीवनभर की संभावनाओं को समाप्त कर देता है। इसके विपरीत संस्कृति, योग, शिक्षा और चरित्र निर्माण जीवन को ऊंचाइयों तक ले जाता है।” भाई जी ने आगे कहा कि उत्तराखंड जैसी पवित्र भूमि पर जन्म लेना गर्व की बात है, जहां हर पर्व, गीत, परंपरा और त्योहार में सनातन संस्कृति की झलक मिलती है। युवाओं का दायित्व है कि वे न केवल अपनी विरासत को समझें, बल्कि आने वाली पीढ़ियों तक इसे गर्व से पहुंचाएं।उन्होंने कहा कि पश्चिमी दिखावे की प्रतिस्पर्धा ने युवाओं को भ्रमित किया है, परंतु समाधान सरल है
“नशे से दूरी, आत्मविश्वास में वृद्धि और संस्कृति से जुड़ाव।”

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उन्होंने अपील की कि विद्यालयों, खेल मंचों और सामाजिक संगठनों को युवाओं के लिए ऐसा वातावरण तैयार करना चाहिए, जहां वे योग, संगीत, लोक कला, प्रकृति संरक्षण और सामाजिक सेवा में शामिल हो सकें उन्होंने युवा पीढ़ी को भावुक संदेश देते हुए कहा “यदि हम अपनी संस्कृति नहीं पहचानेंगे, तो हम खुद को खो देंगे।
युवा ही देश का वर्तमान और भविष्य हैं  जागरूक बनो, संस्कारों से जुड़े रहो और नशे को ‘ना’ कहो।”
समाज सेवी भाईजी जी के इस संदेश ने उपस्थित युवाओं और नागरिकों में सकारात्मक ऊर्जा और जागरूकता का संचार किया।