“काम बोलता है! जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल बने जनता की पहली उम्मीद  ईमानदारी, संवेदनशीलता और कार्यकुशलता का उदाहरण”

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नैनीताल।
प्रदेश प्रशासनिक व्यवस्था में कुछ अधिकारी अपनी कुर्सी से नहीं, बल्कि अपने कार्यों से सम्मान अर्जित करते हैं — और उन्हीं नामों में अग्रणी हैं जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल।
सादा जीवन, स्पष्ट निर्णय, पारदर्शिता और “जनसेवा सर्वोपरि” के सिद्धांत पर आधारित उनकी कार्यशैली ने उन्हें आम जनता से लेकर कर्मचारियों तक के लिए विश्वास और प्रेरणा का प्रतीक बना दिया है।

कहा जाता है कि “पद शक्ति देता है, लेकिन कर्म पहचान।”
और यह बात जिलाधिकारी रयाल पर पूर्णत: सत्य साबित होती है।

कठोर प्रशासन + मानवीय दृष्टि = ललित मोहन रयाल की प्रशासनिक पहचान

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जहाँ जरूरत हो वहाँ कठोर निर्णय लेने में वे पीछे नहीं हटते, वहीं किसी पीड़ित, किसान, बेरोजगार युवा या असहाय नागरिक की समस्या सामने हो तो उनका व्यवहार संवेदनशील और सहज हो जाता है।
उनकी यही दोहरी परिपूर्णता उन्हें एक विशिष्ट प्रशासक बनाती है।

सरकारी कामकाज में तेजी, जवाबदेही और पारदर्शिता

जिले में पदभार संभालने के बाद उन्होंने कई विभागों को समयबद्ध निस्तारण, फील्ड विज़िट ज़रूरी, और जनसुनवाई अनिवार्य जैसे निर्देश देकर कामकाज की रफ़्तार बढ़ा दी।
नतीजतन:

लंबित फाइलें रिकॉर्ड स्तर पर कम हुईं

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जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जैसी जनसुविधाएँ अब समय पर जारी होने लगीं

राजस्व विवादों के समाधान की प्रक्रिया तेज हुई

जनसमस्याओं की सुनवाई अब सिर्फ औपचारिकता नहीं, वास्तविक कार्रवाई का प्रारंभ बन गई है

ऐसा फीडबैक दुर्लभ है, लेकिन यह बताता है कि प्रशासन और जनता के बीच भरोसा तेजी से मजबूत हो रहा है।

विकास के साथ मानवीय स्पर्श

आपदा प्रभावित क्षेत्रों, स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं, और ग्रामीण समस्याओं की समीक्षा के दौरान वे केवल रिपोर्ट पर भरोसा नहीं करते  वे स्वयं अवलोकन करते हैं।कई जगह उन्हें बिना प्रोटोकॉल, साधारण पहनावे में, सीधे जनता के बीच देखा गया है।

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एक आदर्श प्रशासनिक अधिकारी की पहचान ,ईमानदार निर्णय लेने में दृढ़, अनुशासनप्रिय ,संवेदनशील जनता के लिए सहज उपलब्ध

ऐसे गुण ही उन्हें एक कर्तव्यनिष्ठ और प्रेरणादायक अधिकारी की श्रेणी में रखते हैं।
जनता की उम्मीदें—”यही गति और यही व्यवस्था आगे भी जारी रहे”
जिला अब उन्हें केवल एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में नहीं, बल्कि विकास, न्याय और सुशासन की उम्मीद के केंद्र के रूप में देख रहा है।

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