हल्दूचौड़ / लालकुआँ।
क्षेत्र में लगातार बढ़ते हाथियों के आतंक ने ग्रामीणों का जनजीवन प्रभावित कर दिया है। बीते कई दिनों से रात होते ही हाथियों के झुंड गांवों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल है। हालात ये हैं कि कई लोग रातें जागकर ही गुजार रहे हैं ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
क्षेत्र के गोपीपुरम, बच्चीधर्मा, दीना, दुम्का-बंगर, जयराम परम सहित कई गांव हाथियों की आवाजाही से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों के झुंड खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक हानि झेलनी पड़ रही है।
वन विभाग सक्रिय, निरीक्षण जारी
हाथियों की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए तराई पूर्वी और तराई केंद्रीय वन प्रभाग दोनों क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं।
आज मौके पर पहुँची वन विभाग की टीम में थे
उप प्रभागीय वनाधिकारी अनिल जोशी
वन क्षेत्राधिकारी चंदन सिंह अधिकारी
ग्राम पंचायत प्रतिनिधिगण
वन कर्मियों की विशेष टीम
वन अधिकारियों ने प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण कर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं।
ग्रामीणों की मांग ,सुरक्षा उपाय बढ़ाए जाएं
ग्रामीणों ने कहा:
“हम खेतों की रखवाली करें तो हाथी खतरा, और घर पर रहें तो नुकसान का डर। अब स्थिति असहनीय होती जा रही है।”
लोगों ने वन विभाग से निम्न मांगें रखीं—
✔ रात्रि गश्त बढ़ाई जाए
✔ खेतों के पास फेंसिंग और अलर्ट सिस्टम लगाए जाएं
✔ नुकसान का मुआवजा प्रक्रिया सरल हो
वन विभाग का आश्वासन
वन अधिकारियों ने कहा कि समस्या गंभीर है और जल्द ही अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे।
उनके अनुसार
रात्रि पेट्रोलिंग बढ़ेगी
अतिरिक्त वन कर्मी तैनात होंगे
हाथियों को जंगल की ओर मोड़ने के लिए तकनीकी उपाय अपनाए जाएंगे
ग्रामीणों में हल्की राहत, मगर चिंता कायम
वन विभाग की सक्रियता से लोगों में उम्मीद जगी है, लेकिन लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए ग्रामीण अब भी आशंकित हैं।
कुल मिलाकर हाथियों की लगातार मौजूदगी अब सिर्फ वन्यजीव गतिविधि नहीं, बल्कि ग्रामीण सुरक्षा और आजीविका का गंभीर मुद्दा बन चुकी है।
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें
