एनआरआई दूल्हों से शादी करने वाली लड़कियों की परेशानियां साल दर साल बढ़ रही है। यदि पिछले 5 वर्ष के आंकड़ों पर दृष्टि डाली जाए तो पंजाब की लड़कियों ने सबसे ज्यादा धोखे खाए हैं । इनमें अधिकतर ऐसे एनआरआई दूल्हे है जिन्होंने लड़कियों से शादी तो भारत में कर ली पर बाद में अपने साथ नहीं ले गए। जो लड़के शादी करने के बाद अपनी पत्नी को विदेश ले गए वे भी वहां उनसे दुर्व्यवहार कर रहे हैं या फिर उन्हें मेड जैसे कार्यों में लगा रहे हैं। कई केसों में तो पता चला है कि दूल्हे ने तो विदेश में पहले ही शादी रचाई हुई होती है। ऐसे अनेक मामले सामने आ रहे हैं।
अब लड़कियां भी इस मामले में पीछे नहीं है ,देखने में आया है कि कई लड़कियां अच्छे परिवार के लड़कों से शादी रचाकर ससुराल के पैसों से विदेश चली जाती है और विदेश में जाने के पश्चात वह अपने पति को भूल जाती है। अपने पति को विदेश बुलाने की बजाय वह उनसे संपर्क बनाने से ही परहेज करने लगती है। पंजाब में ऐसी घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
इस तरह की जानकारी उन आंकड़ों से सामने आई है जो पुलिस ने राष्ट्रीय महिला आयोग को दिए हैं। वर्ष 2021 से 2024 तक 896 मामले राष्ट्रीय महिला आयोग ने एनआरआई सेल को दिए गए। जिसमें शादी और अन्य घरेलू समस्याओं को लेकर मामले थे। पंजाब में ऐसे मामलों की संख्या 2021 में 152 थी जो 2022 में बढ़कर 176 हो गई है, 2023 में 204 और 2024 में इन शिकायतों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई यह संख्या 276 तक पहुंच चुकी है।
*पंजाब सबसे ज्यादा निशाने पर*
2024 के अंत तक पंजाब में सबसे अधिक शिकायतें मिली जो 276 तक पहुंच गई ,दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र जहां 246 शिकायतें मिली ,तीसरे स्थान पर दिल्ली है जहां 228 शिकायतें मिली। पिछले वर्ष की बात करें तो दिल्ली सबसे ऊपर था। इन आंकड़ों से साफ दिखाई देता है कि दुनिया के विभिन्न विभिन्न देशों में रहने वाले एनआरआई लड़के भारत में सबसे ज्यादा पंजाबी कुड़ियों को धोखा दे रहे हैं।
आंकड़ों के अनुसार आस्ट्रेलिया, कनाडा, यू.के में रहने वाले एनआरआई लड़कों ने पंजाबी लड़कियों के साथ सबसे ज्यादा धोखे किए हैं। पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पंजाब महिला आयोग ने पंजाबी मुटियारों का एक सम्मेलन करवाया,इसमें पीड़ित महिलाओं की समस्याओं को गंभीरता से सुना और इसे शीघ्र हल करने का आश्वासन दिया । अमेरिकन एनआरआई लड़कों ने भारतीय लड़कियों का जहां शोषण किया वहीं धोखेबाजी भी की है।
पंजाब में फगवाड़ा ,फिलौर ,जालंधर इन तीन बड़े शहरों में सबसे ज्यादा शिकायतें मिल रही है ,यहां के अधिकतर लोग पिछले कई वर्षों से विदेश गए हुए हैं,यहां उनके घर खाली पड़े हैं। प्रायः यह शिकायतें ज्यादा है कि ऐसे लोग भारत आकर शादी करते हैं फिर लड़कियों को विदेश ले जाकर उन्हें परेशान करते हैं। फिल्लौर की ईसाई परिवार से संबंधित मारिया ( बदला हुआ नाम) ने बताया कि मेरी शादी एक अच्छे परिवार में ईसाई रीति रिवाज से हुई लेकिन मेरे पति सैमुअल ने पहले ही कनाडा में शादी रचाई हुई थी। मुझे उसके बच्चों की देखभाल करने को कहा गया,विरोध करने पर वह मुझ पर हाथ उठाता। आखिर एक दिन मैंने सारी बात अपने माता-पिता को बताई।
मारिया का कहना है कि एनआरआई लोगों से शादी करने से पहले मां-बाप को तसल्ली कर लेनी चाहिए, अधिकतर एनआरआई धोखेबाज ही निकलते हैं। विदेशों में बसे एनआरआई की चमक धमक को ही नहीं देखना चाहिए ,उनकी असलियत देखकर ही अपनी लड़की के रिश्ते करने चाहिए।
कई लोगों का कहना है कि विदेश में ब्याही उनकी लड़कियां नरक भोग रही है। उन्हें तरह तरह से परेशान किया जाता है , उनकी लड़कियां विदेशों में मैड का काम करने को मजबूर है ,उन्हें घरों की सफाई करनी पड़ती है ,बच्चों को खिलाना पड़ता है ,यहां तक कि पाखानों की सफाई भी करनी पड़ती है। उन्हें नशे के धंधे में भी काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।
दूर के ढोल सुहावने,कहावत की तर्ज पर अमेरिका में रहने वाले एनआरआई लड़कों ने लड़कियों को वहां के सुनहरे सपने दिखाकर उनके साथ सबसे ज्यादा धोखेबाजी की है। पिछले पांच वर्षों में इस देश से संबंधित एनसीडब्ल्यू को 380 से ज्यादा शिकायतें मिली है। इनमें से कुछ भारतीय लोग अमेरिका से आकर भारतीय दुल्हनों से शादी करके अमेरिका ले गए लेकिन वहां जाकर दुल्हन के साथ बुरा बर्ताव शुरू कर दिया। उन्हें घर की नौकरानी बना कर रख लिया। कुछ लोग पहले से ही शादी शुदा थे, उन्होंने अपने बच्चों के लालन-पालन के लिए उन्हें रख लिया।
अधिकतर अमेरिकन एनआरआई लड़कों ने भारतीय लड़कियों से शादी करने के पश्चात उन्हें अपने साथ रखने से साफ इनकार कर दिया। घरवाली को विदेश बुलाने का कहने पर तो उनका एक ही उत्तर होता है कि वीजा लगने में भारी मुश्किल पेश आती है।
उधर ,पंजाब के बुद्धिजीवियों का कहना है कि पंजाब के लोग अपने बच्चों के रिश्ते विदेश में बसे पंजाबियों से करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। डॉलर की चमक पंजाबी सभ्यता पर हावी हो रही है। आधा पंजाब विदेश में बस चुका है जो आधा पंजाब शेष रह गया है वह विदेश में बसने की तैयारी कर रहा है । यही इस समस्या की जड़ है। लोगों को अमेरिका की चकाचौंध और चमक दमक भरी जिंदगी का मोह त्यागना होगा तभी इस समस्या का समाधान संभव है।
(सुभाष आनंद-विभूति फीचर्स)



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