(मनोज कुमार अग्रवाल-विनायक फीचर्स)
भारत ने पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए आतंकवादी ठिकानों पर जोरदार हमला कर बता दिया है कि अब भारत सीमा पार के आतंकवाद को जड़ मूल से खत्म करने के लिए मन बना चुका है । भारत ने अपनी हदों में बैठे-बैठे 9 आतंकी पनाहगार ठिकानों पर हमला किया है। इन हमलों में लश्कर एक तैयबा और जैश ए मोहम्मद के ठिकानों को तहस-नहस कर दिया। इस कार्रवाई का नाम दिया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’। आपको बता दें कि जब आतंकवादियों ने पहलगाम में आतंकी हमले किए थे तो पुरुष पर्यटकों को धर्म पूछकर गोली मारी थी। इस दौरान आतंकियों ने एक नवविवाहिता को यह कहते हुए छोड़ दिया था कि ‘मोदी को बता देना’। रात में जब भारत की मिसाइल अटैक कर रही थी तो पीएम मोदी लगातार खुद इस पूरे ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे थे। तीनों सेनाओं के संयुक्त ऑपरेशन में ऑपरेशन ‘सिंदूर’ लॉन्च किया गया था। पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर टारगेटेड स्ट्राइक किया। बिना सीमा पार किए पाकिस्तान के पंजाब के बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद और मुरिदके स्थित लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय को उड़ा दिया। इन हमलों में किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया है।
बुधवार तड़के जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की जमीन पर कहर बरपाया, तो इस प्रहार की गूंज इस्लामाबाद से लेकर रावलपिंडी तक सुनाई दी। आतंकी ठिकानों पर हुए सटीक हमलों से पाकिस्तान की नींद उड़ गई और अब हालात युद्ध जैसे बन चुके हैं। भारत ने 9 आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले में कम से कम 90 आतंकियों को मौत की नींद सुला दिया। इसके बाद पाकिस्तान में भारतीय सेना का खौफ इस कदर है कि उनके रक्षा मंत्री खुद सामने आकर ‘तनाव खत्म करने’ की गुहार लगाने लगे हैं।”भारत के ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमलों के बाद अब पाकिस्तान बैकफुट पर नजर आ रहा है। बुधवार को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ब्लूमबर्ग से बातचीत में कहा कि अगर भारत हालात को और न बढ़ाए तो पाकिस्तान भी इस तनाव को “खत्म” करने को तैयार है। लेकिन पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के इन बयान पर भरोसा नहीं किया जा सकता है आशंका है कि अपने देश में हो रही फजीहत को दबाने के लिए पाकिस्तान हर सूरत में भारत के खिलाफ कुछ न कुछ अवांछनीय कारवाई करेगा।
कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की। सूत्रों के मुताबिक तीनों सेनाओं का संयुक्त अभियान ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह से सफल रहा। लश्कर और जैश के हेडक्वार्टर तबाह हो गए हैं। वहीं पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद में स्थित आतंक का नया कंट्रोल रूम ’88’ पूरी तरह तबाह कर दिया गया है। यह वही अड्डा था जहाँ से पाकिस्तान आर्मी और आइएसआइ भारत के खिलाफ घुसपैठ की रणनीतियां बनाते थे। सूत्रों के अनुसार, ’88’ कंट्रोल रूम जैश-ए-मोहम्मद का नया ऑपरेशनल सेंटर था। यह सिर्फ एक इमारत नहीं थी, बल्कि एक कमांड और कंट्रोल हब था, जहां से आतंकियों की मूवमेंट, लॉन्चिंग टाइम और इंटेल नेटवर्क को मॉनिटर किया जाता था। आतंकियों को पाक के मुज्जफराबाद के ट्रांजिट कैम्प सवाई नाला से 98 किलोमीटर दूर दुधनियाल लॉन्च पैड से घुसपैठ के लिए लाया जाता था। मुजफ्फराबाद ऐतिहासिक रूप से लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रमुख केंद्र रहा है। यह क्षेत्र नियंत्रण रेखा के नजदीक होने और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होने के कारण लश्कर के प्रशिक्षण शिविरों और ऑपरेशनल सेंटरों की मेजबानी करता रहा है। लश्कर-ए-तैयबा की स्थापना 1980 के दशक के अंत में हाफिज सईद ने की थी। सूत्रों के अनुसार, मुरीदके (जो लाहौर से 30 किमी दूर है) 1990 से लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय रहा है। यह हाफिज सईद के नेतृत्व में काम करता है और मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है। जैश-ए-मोहम्मद का सक्रिय आतंकी ढांचा बहावलपुर में मौजूद है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले से ठीक तीन दिन पहले बहावलपुर में जैश के मुख्यालय पर हमास कमांडर खालिद काय्यूमी और रऊफ असगर के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। सूत्रों का कहना है कि बहावलपुर में कई स्थानों पर एयरस्ट्राइक की गई हैं।
भारत की एयर स्ट्राइक से बौखलाए पाकिस्तान ने सीमा पर सीजफायर उल्लंघन शुरू कर दिया है। भारतीय सेना ने जानकारी दी है कि पाकिस्तान ने पुंछ-राजौरी क्षेत्र के भीमबर गली में तोपखाने से गोलीबारी करके एक बार फिर संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन किया है, जिसका भारतीय सेना उचित तरीके से जवाब दे रही है।
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान और पीओके में बेहद सटीक और सावधानीपूर्वक आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया। पीआईबी ने जानकारी दी है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्लानिंग को बहुत ही रणनीतिक रूप से तैयार किया गया ताकि आतंकवादियों की गतिविधियों को करारा जवाब दिया जा सके। भारतीय सेना की कार्रवाई में करीब एक सौ आतंकियों व उनके परिजनों के मारे जाने की संभावना जताई जा रही है हालांकि पाकिस्तान ने इस कारवाई में 26 लोगों की मौत को स्वीकार कर लिया है।
जिस तरह 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों को निर्ममतापूर्वक मौत के घाट उतार दिया गया था उससे समूचे देश के अन्तर्मन को चोट पहुंची। देश का जनमानस भारी उद्वेलित हुआ। तब सवाल उठने लगे कि क्या भारत में हिन्दू होना अपराध है? यदि इस तरह आतंकवादी निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार देंगे तो सरकार और रक्षा संसाधनों की उपयोगिता ही क्या है? मोदी सरकार ने पहलगाम हमले के पंद्रह दिन बाद जिस तरह एक योजना बना कर पाकिस्तान पर कार्यवाही की उसकी समूचे विपक्ष समेत सभी विरोधी दलों ने भी सराहना की है। सरकार आतंकवाद को पोषित करने वाले पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की आगामी योजना भी बना चुकी है यदि पाकिस्तान ने कोई जवाबी हिमाकत की तो पाकिस्तान को मुंहतोड जवाब दिया जाएगा। कुल मिलाकर आपरेशन सिंदूर तो सिर्फ ट्रेलर है यदि पाकिस्तान नहीं माना तो भारत इस आतंकवाद के खिलाफ छेड़े अभियान को आखिरी अंजाम तक पहुंचाने का काम करेगा। *(विनायक फीचर्स)*



लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें