भारतीय सेना के शौर्य,साहस और वीरता का प्रतीक : ऑपरेशन सिंदूर

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“ऑपरेशन सिंदूर” भारतीय सेना के शौर्य, युद्ध कौशल, और राष्ट्रीय एकता का एक शानदार उदाहरण बन गया है। यह न केवल पहलगाम हमले का जवाब था, बल्कि यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। इस कार्रवाई ने न केवल आतंकी ढांचे को नष्ट किया, बल्कि यह भारतीय समाज में एक नई चेतना का प्रतीक बनी। सिंदूर का लाल रंग अब केवल सौभाग्य का नहीं, बल्कि सैनिकों के बलिदान और राष्ट्र के गौरव का भी प्रतीक है।

7 मई 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक और सुनियोजित हमले किए। यह सैन्य कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थी। इस आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई, इस हमले के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्चस्तरीय बैठक में सशस्त्र बलों को पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई के लिए खुली छूट देने की घोषणा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि दोषियों को “पृथ्वी के किसी भी कोने तक खोजकर सजा दी जाएगी।” ऑपरेशन सिंदूर न केवल भारतीय सेना के शौर्य और सामरिक कुशलता का प्रतीक बना, बल्कि यह सिंदूर के लाल रंग के माध्यम से उन महिलाओं के बलिदान और दृढ़ता को भी श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने पहलगाम हमले में अपने जीवनसाथी खोए।

पहलगाम में आतंकवादियों ने क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए पर्यटकों को उनके परिवारों के सामने गोली मारी थी। भारतीय जांच एजेंसियों ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, और हिजबुल मुजाहिदीन का हाथ होने की पुष्टि की है। यह हमला द रेसिस्टेंस फ्रंट जैसे संगठनों द्वारा किया गया था। इस हमले ने भारत में गहरी नाराजगी और एकजुटता की भावना पैदा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सख्त कार्रवाई का वादा किया, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ उच्च-स्तरीय बैठकों में जवाबी कार्रवाई की रणनीति तैयार की गई। भारतीय सेना को पूर्ण स्वतंत्रता दी गई कि वे इस हमले का उचित और प्रभावी जवाब दें।

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ऑपरेशन सिंदूर का नामकरण स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। “सिंदूर” शब्द हिंदू संस्कृति में विवाहित महिलाओं द्वारा मांग में लगाए जाने वाले लाल रंग के प्रतीक को दर्शाता है, जो सौभाग्य और जीवनसाथी के प्रति समर्पण का प्रतीक है। पहलगाम हमले में कई महिलाओं ने अपने पतियों को खोया, और ऑपरेशन का नाम उनकी भावनाओं और बलिदान को सम्मान देने का एक प्रतीकात्मक प्रयास था। भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक एक्स पोस्ट में “ऑपरेशन सिंदूर” लिखा, जिसमें “सिंदूर” के एक “O” को सिंदूर की कटोरी के रूप में दर्शाया गया, जिसका कुछ हिस्सा छलक गया-यह उस क्रूरता का प्रतीक था, जिसने 25 महिलाओं के जीवनसाथी छीन ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया। यह 1971 के युद्ध के बाद पहली बार था जब तीनों सेनाओं ने एक साथ पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की।

यह ऑपरेशन 6-7 मई 2025 की मध्यरात्रि को शुरू हुआ। भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर मुख्यालय, लश्कर-ए-तैयबा का मुरिदके आधार, और मुजफ्फराबाद व कोटली में आतंकी शिविर शामिल थे। इन ठिकानों को खुफिया एजेंसियों द्वारा प्रदान किए गए सटीक निर्देशांकों के आधार पर चुना गया था। हमले में उच्च-परिशुद्धता वाले हथियारों का उपयोग किया गया, जिसमें स्कैल्प, क्रूज मिसाइल, हैमर प्रेसिजन बम, और लॉइटरिंग म्यूनिशन्स शामिल थे।

हमले पूरी तरह से भारतीय क्षेत्र से किए गए, और भारतीय वायुसेना के विमानों ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया। स्टैंडऑफ क्रूज मिसाइलों और बियॉन्ड-विजुअल-रेंज हथियारों का उपयोग सुनिश्चित करता था कि कार्रवाई सटीक और गैर-उत्तेजक हो। रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कोई भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा निशाना नहीं बनाई गई, और लक्ष्य चयन में काफी संयम बरता गया। ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचाया। नौ लक्षित ठिकानों में से प्रत्येक का भारत के खिलाफ आतंकी साजिशों और घुसपैठ के प्रयासों का लंबा इतिहास था। भारतीय सेना ने अपने एक्स पोस्ट में घोषणा की, “न्याय हुआ। जय हिंद!”

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भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया, तो पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। भारतीय वायुसेना ने बहावलपुर, कोटली, और मुजफ्फराबाद में सटीक मिसाइल हमले किए, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकाने नष्ट हो गए। इस ऑपरेशन की निगरानी स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे थे, और इसे तीनों सेनाओं (थल, जल, वायु) ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया।

“ऑपरेशन सिंदूर” के बाद पाकिस्तान ने दावा किया कि हमलों में आठ नागरिक मारे गए, जिनमें तीन बच्चे शामिल थे, और 38 अन्य घायल हुए। पाकिस्तानी सेना ने कहा कि हमले तीन स्थानों मुजफ्फराबाद, कोटली, और बहावलपुर पर किए गए, और इनमें एक मस्जिद भी प्रभावित हुई। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसे “युद्ध की कार्रवाई” करार दिया और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी। पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारी गोलीबारी शुरू की, जिसमें तीन भारतीय नागरिक मारे गए। पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि उसने दो या पांच भारतीय विमानों को मार गिराया, और एक भारतीय ब्रिगेड मुख्यालय को नष्ट कर दिया। हालांकि, भारत ने इन दावों का खंडन किया। भारतीय अधिकारियों ने बताया कि एक पाकिस्तानी लड़ाकू विमान पंपोर में मार गिराया गया।
पाकिस्तानी सांसदों और नेतृत्व की प्रतिक्रिया तीखी थी, लेकिन उसमें डर और बौखलाहट साफ झलक रही थी। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने इसे “भारत की आक्रामक कार्रवाई” करार दिया और दावा किया कि इसमें नागरिकों को निशाना बनाया गया। हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया कि यह ऑपरेशन केवल आतंकी ठिकानों के खिलाफ था और किसी सैन्य या नागरिक सुविधा को निशाना नहीं बनाया गया।

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान पूरी ताकत से जवाब देगा, लेकिन उनकी यह बयानबाजी खोखली साबित हुई। पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र को 48 घंटे के लिए बंद कर दिया, और पंजाब प्रांत में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए। बहावलपुर के अस्पतालों में आपातकाल की स्थिति घोषित की गई, और कई शहरों में बिजली गुल हो गई।

सोशल मीडिया पर कुछ पाकिस्तानी सांसदों और नेताओं ने भारत की कार्रवाई को कायराना बताया, लेकिन उनकी आवाज में आत्मविश्वास की कमी साफ दिख रही थी। एक्स पर कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया कि मस्जिदों से लोगों को घरों में ताला लगाकर भागने की सलाह दी जा रही थी, जो पाकिस्तान में व्याप्त दहशत को दर्शाता है।

“ऑपरेशन सिंदूर” को भारत में व्यापक समर्थन मिला। गृह मंत्री अमित शाह ने इसे “पहलगाम में हमारे निर्दोष भाइयों की क्रूर हत्या का जवाब” करार दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी (एसपी) के शरद पवार, और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस कार्रवाई की सराहना की। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, इजरायल ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया, जबकि अमेरिका और रूस जैसे देशों को ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी गई। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की।

भारत में सिंदूर, जो पहले सौभाग्य का प्रतीक था, अब शौर्य और देशभक्ति का प्रतीक बन गया है। यह भारतीय सेना के साहस और भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।

(संदीप सृजन-विभूति फीचर्स)

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