कुमाऊँ के इस प्राचीन मंदिर में आज बुद्ध पूर्णिमां के अवसर पर विशेष पूजन के साथ प्रसाद वितरण

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गंगोलीहाट के कनारा गूथ गाँव में स्थित माँ भगवती के प्राचीन मंदिर में आज बुद्ध पूर्णिमां के अवसर पर विशेष पूजन के साथ प्रसाद वितरण किया गया
भगवान बद्रीनाथ जी के सानिध्य में यह मन्दिर रामगंगा के किनारे स्थित है
मान्यता है कि तमाम पौराणिक मंदिरों की भांति ही नारायण व माँ कनारा देवी का यह दरबार प्राचीन गाथाओं को समेटे हुए है
इस गाँव के निवासी सूरज सिंह भण्डारी ने बताया सैकड़ो वर्ष पूर्व कुमाऊँ की धरती पर जब राजाओं का शासन हुआ करता था उस दौर में नेपाल के राजा की प्रेरणा से कुमाऊं के राजा ने यह भूमि भगवान बद्रीनाथ जी को दान में दी थी इस गाँव के निवासी भण्डारी उपजाति के लोग है कभी नेपाल से बद्रीनाथ जी को भोग लगानें जिसे स्थानीय भाषा में नैनाक कहा जाता है बद्रीनाथ जी को अर्पित करने नेपाल से कुमाऊँ के रास्ते बद्रीनाथ जाया करते थे नेपाल के राजा की प्रेरणा से कुमाऊँ के राजा ने उन्हें यह भूमि प्रदान कर इस भूमि में एक परिवार को बसाया ओर यह भूमि भगवान बद्रीनाथ को समर्पित की, और कहा आप लोग इस भूमि में सुखपूर्वक रहकर अन्न उत्पन्न करें और उपज का पहला भोग नैनाक भगवान बद्रीनाथ को समर्पित करें, राजाज्ञा के पश्चात् भगवान बिष्णु की कृपा से बद्रीश भक्त भण्डारी परिजनों ने इस भूमि में भगवान बद्रीनाथ धाम की स्थापना की और प्राचीन भोग परम्परा आज भी कायम है मान्यता है कि भगवान बद्रीनाथ माँ कनारा के भाई है
प्रत्येक वर्ष चैत्र की पहली नवरात्र को भगवान बद्रीनाथ अपनी बहन माता भगवती को भिटौली देने जाते हैं, इसके अतिरिक्त इन मदिरों में समय समय पर विशेष पूजन व भण्डारे का आयोजन होता है कनारा देवी इस भूमि की कुलदेवी हैं। परम कल्याणिका देवी के रूप में यहाँ माँ कानारा देवी की पूजा होती है संकट हरणी मंगल करणी देवी के रूप में भक्तजन इन्हें पूजते है कुमाऊँ के वीरों की गौरव गाथा को भी कनारा गाँव अपनें आप में समेटे हुए है
वीर चक्र विजेता माँ काली के परम भक्त स्वर्गीय श्री शेर सिंह भंडारी ने इसी भूमि पर जन्म लेकर भारतीय सेना का मान बढ़ाया
कुल मिलाकर कनारा गूंथ गाँव का आध्यात्मिक महत्व बड़ा ही निराला है
गंगोलीहाट से कनारा गुंथ की दुरी दस किलोमीटर है, जरमालगांव से कनारा गूंथ के लिए वीर चक्र विजेता श्री शेर सिंह भंडारी सड़क है जिसका निर्माण एक वर्ष पहले ही हुआ है यह सड़क माता देवी कनारा मां धाम की परिक्रमा करती है,

रिपोर्ट : रमाकान्त पन्त

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