भारतीय रिज़र्व बैंक देश की वित्तीय प्रणाली का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो मौद्रिक नीतियों को लागू करने, मुद्रा प्रबंधन और वित्तीय जागरूकता बढ़ाने जैसे कार्यों के लिए जाना जाता है। हाल के वर्षों में, आरबीआई ने जनता को साइबर धोखाधड़ी और वित्तीय अपराधों के प्रति जागरूक करने के लिए कई अभियान शुरू किए हैं। इनमें से एक अभियान में बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन की आवाज का उपयोग किया गया, जिसका उद्देश्य लोगों को साइबर ठगी से बचाने के लिए जागरूक करना है।
जब भी हम किसी नंबर पर कॉल करते हैं, तो कॉल कनेक्ट होने से पहले अमिताभ बच्चन की आवाज में एक संदेश सुनाई देता है, जिसमें साइबर धोखाधड़ी से बचने की सलाह दी जाती है। संदेश में आमतौर पर यह बताया जाता है कि कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान व्यक्तिगत जानकारी जैसे ओटीपी, पासवर्ड, या बैंक खाता विवरण नहीं मांगता। साथ ही, यह लोगों को संदिग्ध लिंक्स पर क्लिक करने या अनजान कॉल्स का जवाब देने से मना करता है। यह संदेश विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध है, ताकि देश के हर हिस्से में लोग इसे समझ सकें। लेकिन, यह संदेश, जो मोबाइल फोनों पर कॉलर ट्यून के रूप में बजता है, कुछ लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। क्योंकि यह संदेश हर बार कॉल करने पर बार-बार सुनाई देता है, जिससे कुछ उपयोगकर्ताओं को असुविधा होने लगी। विशेष रूप से, वे लोग जो दिन में कई बार कॉल करते हैं, जैसे कि व्यवसायी, पेशेवर, या ग्राहक सेवा से जुड़े कर्मचारी, इस संदेश को सुनकर थकान और चिड़चिड़ापन महसूस करने लगे।
लोगों की सबसे बड़ी शिकायत यह है कि यह संदेश हर कॉल के साथ दोहराया जाता है। भले ही संदेश महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे बार-बार सुनना कुछ लोगों के लिए कष्टप्रद हो सकता है। विशेष रूप से, आपातकालीन स्थिति में, जब कोई तुरंत कॉल कनेक्ट करना चाहता है, यह संदेश देरी का कारण बन सकता है। हालांकि संदेश संक्षिप्त है, फिर भी यह 10-15 सेकंड तक चलता है। बार-बार कॉल करने वालों के लिए यह समय भी काफी लंबा लगता है। जो कि उनके समय को बर्बाद करता है।
अमिताभ बच्चन की आवाज, जो सामान्य रूप से प्रेरक और आकर्षक मानी जाती है, इस संदर्भ में कुछ लोगों को चेतावनी देने वाली या डरावनी लग सकती है। बार-बार एक ही संदेश सुनने से कुछ उपयोगकर्ताओं में तनाव या बेचैनी की भावना उत्पन्न हो सकती है। कुछ मामलों में, कॉलर ट्यून के कारण कॉल कनेक्ट होने में देरी होती है, जिससे उपयोगकर्ताओं को लगता है कि उनकी कॉल ठीक से काम नहीं कर रही। यह तकनीकी असुविधा उन लोगों के लिए विशेष रूप से परेशान करने वाली है जो कमजोर नेटवर्क क्षेत्रों में रहते हैं।
आरबीआई ने इस अभियान को लागू करने के लिए टेलीकॉम कंपनियों के साथ साझेदारी की है। जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया जैसी प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों ने इस संदेश को अपने नेटवर्क पर कॉलर ट्यून के रूप में लागू किया। हालांकि, टेलीकॉम कंपनियों ने उपयोगकर्ताओं को इस संदेश को बंद करने का कोई विकल्प नहीं दिया है, जिससे असंतोष बढ़ा है। कुछ उपयोगकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि इस संदेश को वैकल्पिक किया जाए, ताकि जो लोग इसे सुनना न चाहें, वे इसे बंद कर सकें।
टेलीकॉम कंपनियों को उपयोगकर्ताओं को यह विकल्प देना चाहिए कि वे इस संदेश को सुनना चाहते हैं या नहीं। एक साधारण सेटिंग के माध्यम से उपयोगकर्ता इसे अक्षम कर सकते हैं। हर कॉल पर संदेश बजाने के बजाय, इसे दिन में एक निश्चित संख्या तक सीमित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, दिन में पहली कुछ कॉलों पर ही यह संदेश बजे। संदेश को और संक्षिप्त किया जा सकता है ताकि यह उपयोगकर्ताओं के लिए कम कष्टप्रद हो। आरबीआई को जागरूकता बढ़ाने के लिए अन्य माध्यमों, जैसे सोशल मीडिया, टीवी विज्ञापन, या एसएमएस अभियानों पर भी ध्यान देना चाहिए। इससे कॉलर ट्यून पर निर्भरता कम होगी।
आरबीआई और टेलीकॉम कंपनियों को उपयोगकर्ताओं की शिकायतों पर ध्यान देना चाहिए और इस अभियान को और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने के लिए उपाय करने चाहिए। जागरूकता और सुविधा के बीच संतुलन बनाना महत्वपूर्ण है ताकि यह अभियान अपनी प्रभावशीलता बनाए रखे और साथ ही उपयोगकर्ताओं की असुविधा को कम करे। अमिताभ बच्चन की आवाज, जो पहले पोलियो उन्मूलन जैसे अभियानों में चमत्कार कर चुकी है, इस अभियान में भी सकारात्मक बदलाव ला सकती है, बशर्ते इसे सही दिशा में लागू किया जाए।
(संदीप सृजन-विनायक फीचर्स



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