लोकगीतों ने जमाया कौतिक का रंग

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हल्दूचौड़।
यहां चल रहे उत्तरायणी कौतिक के पांचवे दिन कुमाऊंनी लोक गायकों और क्षेत्र के विभिन्न सांस्कृतिक दलों के कलाकारों ने रंग जमाया। कौतिक में पर्वतीय जनजीवन पर आधारित लोक गीतों पर लोग खूब झूमे। लोक गायिका आशा नेगी ने अपनी प्रस्तुतियों से खूब वाहवाही बटोरी राजकीय इंटर कॉलेज हल्दूचौड़ के प्रांगण में कलाकारों ने पहाड़ की संस्कृति के ओतप्रोत गीत प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया
उत्तरायणी कौतिक के पंचम दिन के मेले का शुभारंभ सुराज सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष रमेश जोशी व अष्टदशभुजा महालक्ष्मी मंदिर के महामंडलेश्वर सोमेश्वरयति महाराज ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। लोक गायिका आशा नेगी ने घुंगराली दातुली काटुना घासा सौरसा में इजु लगरो निशाशा।
पारा डाना बुरुषी फूली रै मैं जै कौछी मेरी हीरू आई रै गीत पर समा बांधा।
कौतिक समिति की महिलाओं द्वारा निकाली गई नंदा राजजात यात्रा ने सभी दर्शकों को भावविभोर कर दिया। सुराज सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष ने कौतिक संस्था की सराहना करते हुए कहा कि कुमाऊंनी भाषा बोली, संस्कृति और संस्कारों को प्रदर्शित करता यह आयोजन आने वाली नई पीढ़ी के लिए खूबसूरत सौगात हैं। अध्यात्मिक गुरु महामंडलेश्वर सोमेश्वर यति महाराज ने क्षेत्रवासियों विशेषकर युवाओं से आध्यात्मिक कार्यक्रमों में अधिक से अधिक भागीदारी करने का आह्वान किया। विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे सांस्कृतिक दलों के कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक नृत्य और गीतों की प्रस्तुतियां दीं।
इस दौरान प्रमोद बमेठा राजेंद्र सिंह अधिकारी कीर्ति दुमका कीर्ति पाठक सीमा पाठक भोला कफ्लटिया सुखराम सिंह दीपा दुमका प्रधान दीपा रोहित बिष्ट बंटी खोलिया चंद्र बल्लभ खोलिया सोनू चंदोला  देवेंद्र तिवारी बहादुर सिंह करायत समेत सैकड़ों क्षेत्रवासी मौजूद रहे।/// प्रमोद बमेठा///

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