केदारनाथ के बाद अब कुमाऊँ के इस मन्दिर का प्रसाद पहुंचेगा भक्तों के द्वार

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गंगोलीहाट/फूड सेफ्टी और सुरक्षा मानकों मैं खरा उतरते हुए श्री 108 महाकाली मंदिर गंगोलीहाट बना कुमाऊं का पहला मंदिर ।
मंदिर समिति के अध्यक्ष पुजारी नरेंद्र रावल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अभिहित अधिकारी तथा पिथौरागढ़ जिले के सीनियर अधिकारी राजेश शर्मा द्वारा आज मंदिर परिसर में मंदिर समिति के अध्यक्ष को प्रमाणपत्र सौंपा गया । अब श्री महाकाली मंदिर का प्रसाद भी खाद्यसुरक्षा मानकों के अनुरूप प्रमाणित है । भक्तजन कही भी आई प्रसाद को मंगवा सकते हैं । भोग,प्रसाद आदि की व्यवस्था रावल परिवार के लोग करते आ रहे हैं मंदिर समिति द्वारा इसको व्यवस्थित रूप से संचालित करने तथा दूर दूर के भक्तो तक पहुंचने की व्यवस्था की गई है ।
श्री रावल ने समिति की ओर से भक्तजनों से निवेदन किया है कि मंदिर समिति के द्वारा दी गई इस सुविधा का अधिकाधिक लाभ उठा कर श्री महाकाली की कृपा प्राप्त करें । इस कार्य मैं जो भी श्रद्धालु प्रसाद हेतु या मंदिर के व्यवस्थित निमार्ण मैं सहयोग करना चाहता हो वो सिर्फ मंदिर समिति के आधिकारिक एक मात्र खाता संख्या
717202010000236
IFSC UBIN0571725
union Bank of India
Sri 108 MAHAKALI MANDIR SAMITI
INFORMATION
8954000241
में ही धनराशि भेजें तथा इसकी सूचना मंदिर समिति को अपने नाम पते सहित 8954000241 पर भेजें ताकि भक्तों तक प्रसाद पहुंचाया जा सके । प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के बाद ये पहला मंदिर है जहां इस प्रकार की व्यवस्था की गई है तथा सरकार द्वारा प्रमाणित है ।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विगत दिनों पिथौरागढ़ में श्री महाकाली मंदिर की महिमा बताई गई तथा इसका सेना कुमाऊं रेजीमेंट के साथ संबंध की व्याख्या की गई जिससे मंदिर में श्रद्धालुओं का आवागमन तेजी से बढ़ रहा है । मंदिर के संबंध में बताते हुए श्री रावल द्वारा कहा गया की ये मंदिर 6 से 8वी शताब्दी के मध्य जगतगुरु शंकराचार्य के कुमाऊं भ्रमण के दौरान प्रकाश में आया तब तक यहां भयंकर गर्जना होने तथा खूंखार देवी के गणों के भय से विरान जंगल था तब शंकर अवतार जगतगुरु ने माता के उग्र स्वभाव को किलित करके आम जनों के लिए इस मंदिर में पूजा पाठ की व्यवस्था की । मंदिर परिसर में पहुंचते ही जगतगुरु शंकराचार्य जी को भी मां की अलौकिक शक्ति और चमत्कार के दर्शन हुए जिसमे जगतगुरु को माँ ने शक्तिहीन बना कर दो दिनों तक इंतजार करवाया उसके पश्चात जगतगुरु के क्षमा प्रार्थना करने के बाद प्रसन्न होकर उनसे स्वयं को किलीत करवाया तथा आम भक्तजनों के लिए दर्शन की राह आसान की उन्ही के द्वारा यहां पर केरल दक्षिण भारत से रावल पुजारियों को लाया गया तथा पूजा अर्चना शुरू करवाई गई । देवताओं द्वारा पूजित माँ महाकाली के चमत्कार उस समय से अनवरत आज तक होते आ रहे हैं जिन्हें भक्तजन आज भी महसूस करते हैं । माता के भोग प्रसाद को खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुरूप प्रमाणित करके सरकार द्वारा भी एक अच्छी पहल की गई है जिसके लिए समिति ने सरकार को धन्यवाद दिया है । कुमाऊं के लिए ये अद्भुत पहल है श्री महाकाली मंदिर के अध्यक्ष नरेंद्र रावल मंदिर को व्यवस्थित करने में जुटे हुए हैं जिस कार्य मैं सभी ग्रामवासी पूर्ण सहयोग कर रहे हैं । अध्यक्ष द्वारा सभी भक्तजनों सरकार ,मीडिया तथा प्रशासनिक अधिकारियों तथा कुमाऊं रेजीमेंट के सभी जवानों का हृदय से आभार व्यक्त किया है ।

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