हल्दूचौड़।
हल्दूचौड़ क्षेत्र में जंगली हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। स्थिति यह है कि सूर्यास्त होते ही पूरा इलाका भय और अनिश्चितता के माहौल में घिर जाता है। गंगापुर, कबड़वाल, बमेटा बंगर, केशव, जयपुर बीसा, जग्गी बंगर जैसे ग्रामसभाओं में उत्पात मचा चुके हाथियों का झुंड अब हल्दूचौड़ नया बाजार के पास स्थित दुमका बंगर बच्चीधर्मा क्षेत्र तक पहुँच गया है।
रातभर मचाया उत्पात, खेत–खलिहान और घर बने निशाना
बीती रात हाथियों के झुंड ने दुमका बंगर बच्चीधर्मा ग्रामसभा में भारी नुकसान पहुंचाया। खेतों में खड़ी फसलों को रौंदने के बाद अब हाथियों ने घरों की ओर रुख करना शुरू कर दिया है, जिससे ग्रामीणों में भय और तनाव चरम पर है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हाथियों का झुंड शाम होते ही गांव की ओर घूमने लगता है और तड़के सुबह तक आसपास मंडराता रहता है, जिससे खासकर बच्चों और महिलाओं के लिए घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जताई नाराजगी
ग्राम प्रधान रुक्मणि नेगी, कनिष्ठ प्रमुख कमल भंडारी और क्षेत्रीय पंचायत जनप्रतिनिधियों ने वन विभाग की लापरवाही पर गंभीर रोष व्यक्त किया है। उनका कहना है कि लगातार शिकायतों और चेतावनियों के बावजूद विभाग द्वारा न तो गश्त बढ़ाई गई और न ही किसी ठोस सुरक्षा योजना पर अमल किया गया।
जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि जहां सरकार वन्य मानव संघर्ष को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सरकार की नीति और संवेदनशीलता को ठेंगा दिखा रहे हैं।
“पूरे क्षेत्र में बढ़ रहा खतरा” – ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों की बढ़ती आवाजाही से जन-धन हानि का खतरा हर दिन गहराता जा रहा है। खेत, सड़कें, स्कूल—सब असुरक्षित हो चुके हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि वन विभाग ने तत्काल कार्रवाई नहीं की तो वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें
क्षेत्र में एंटी-डिप्रेडेशन स्क्वॉड की तत्काल तैनाती
रात्रि गश्त को बढ़ाया जाए
खेतों और आबादी के आसपास सोलर फेंसिंग, अलार्म या अलर्ट सिस्टम लगाए जाएँ
प्रभावित क्षेत्रों में लगातार निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया टीम सक्रिय की जाए
“किसी भी समय हो सकती है बड़ी दुर्घटना”
गांव के लोगों ने प्रशासन और वन विभाग से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि हालात दिन–प्रतिदिन गंभीर होते जा रहे हैं, और यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो किसी भी क्षण बड़ा हादसा हो सकता है।
हल्दूचौड़ क्षेत्र में वन्यजीव–मानव संघर्ष लगातार गहराता जा रहा है, और ग्रामीणों की सुरक्षा अब प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी है।
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