शिव कथा की मची धूम व्यास किशोर जोशी के साथ चक्रधर पंत ने भी किया शिव महिमा का वर्णन

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पिथौरागढ़ शहर के कृष्णापुरी क्षेत्र में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा की सातवें दिन प्रसिद्ध कथा वाचक व्यास श्री किशोर जोशी ने भगवान शंकर के अनेक पावन चरित्रों का सुन्दर वर्णन करते हुए पिण्डी पूजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा शिव से बड़ा गुरू विश्व में कोई नही है।जो शिव की शरणागत है उसके लिए कुछ भी दुर्लभ नही है।उन्होनें शिव भक्ति पर प्रकाश डालते हुए शिवलिंग के पूजन की महिमां से भक्तजनों को अवगत कराते हुए कहा भक्ति अपने इष्ट के प्रति ऐसा समर्पण भाव है, जो हमारे मन में यह विश्वास जगाता है कि उसकी शरण में हम सदा शांति, निर्मल भाव, सुरक्षित व सदाचारी रहेंगे। भक्ति का यह भाव और विश्वास आनन्द का स्रोत है। व संगम है।

श्री जोशी ने कहा जो व्यक्ति शिवपुराण को सुनता है उसे भोग और मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है। अगर किसी व्यक्ति से अनजाने या जान-बूझकर कोई पाप हो जाए तो अगर वो शिवपुराण को सुनने लगता है तो वह घोर से घोर पापों से मुक्त हो जाता है। तथा वह शिव लोक का भागी बनता है। उन्होनें कहा श्री शिव महापुराण महान् ज्ञान यज्ञ है। यह मानवीय जीवन को भक्तिमय बनाकर आनन्द से भर देता है। उन्होनें विभिन्न क्षेत्रों में स्थित शिव लिगों की महत्ता के साथ साथ नर्मदेश्वर महात्म्य का भी सुन्दर वर्णन किया

प्रमुख भागवताचार्य चक्रधर पंत ने भी आज की पावन कथा में भगवान शिव के विभिन्न चरित्रों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अब कृष्णापुरी भगवान श्री कृष्ण के ईष्ट शिव की भी पुरी हो गयी है श्री पंत ने कहा भव-सागर से पार पाने के लिये श्री शिव पुराण कथा पावन औषधी है इस पुराण की कथा सुनने से जीवन धन्य-धन्य हो जाता है।और जन्म जन्मान्तर के पापों का हरण हो जाता है। इसलिए मनुष्य को निष्काम भाव से अपने समस्त कर्म शिव को अर्पित कर देने चाहिए और सदा ईश्वर का चिन्तन करना चाहिये

इस अवसर पर मुख्य यजमान श्रीमती एवं श्री पूरन चन्द्र पन्त श्रीमती एवं श्री राजेन्द्र पन्त श्रीमती एवं श्री दीप चन्द्र पन्त के अलावा पण्डित गंगा प्रसाद पन्त तारा दत्त पन्त गोपाल कृष्ण पन्त चक्रधर पंत देवेन्द्र जोशी विनोद पाठक अंकित जोशी शेखर चन्द्र जोशी राजेन्द्र पन्त बंसत बल्लभ पंत गिरीश पाठक देवी दत्त गोविन्द बल्लभ देवकी पाटनी मुदित जोशी मनीष पाठक हीरा बल्लभ पंत अंकित बिष्ट हंसी उपाध्याय हेमा पंत गीता पंत आशा जोशी लीला पंत किरन जोशी नीमा पंत रेनु पुनेठा चन्द्रा पन्त चेतना पंत वन्दना पंत अदिति पंत रुद्राक्ष पंत काव्या पंत रश्मि बिष्ट अंकित बिष्ट तुषार पंत सहित अनेकों मौजूद रहे

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