देहरादून
देवभूमि उत्तराखंड में डेमोग्राफी चेंज जैसे अति संवेदनशील विषय पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गंभीर रुख अपनाते हुए ठोस और प्रभावी कदम उठाने का निर्णय लिया है। इसके लिए धामी सरकार के गृह विभाग द्वारा पुलिस की सत्यापन प्रकिया को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दे दिए गए हैं ।
गौरतलव है कि बाहरी राज्यों से आए हुए लोग यहां सत्यापन प्रकिया में किसी न किसी तरह बाधा खड़ी करते आ रहे हैं और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड, वोटर आई डी, राशन कार्ड आदि बनाने में कामयाब हो जा रहे है,जिससे उत्तराखंड की डेमोग्राफी पर गम्भीर प्रतिकूल असर देखा जा रहा है।
गृह सचिव शैलेश बगौली को दिए गए दिशा- निर्देशों के क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि यहां आकर काम करने वाले लोगों के लिए सत्यापन की प्रकिया को कड़ा किया जाए और स्थानीय पुलिस को इसके लिए जिम्मेवार बनाया जाए।
आमतौर पर देखा गया है कि मैदानी जिलों में पुलिस की व्यस्तताएं अधिक है,जिसकी वजह से सत्यापन का काम केवल औपचारिक अभियान चलाए जाने तक सीमित रह जा रहा है। हालांकि जब अभियान चलता है तो बहुत से लोग पकड़ में आते है, परन्तु सन्तोषजनक परिणाम नही मिल पा रहे हैं। पिछले दिनों देहरादून व हरिद्वार में चलाए गए अभियान में बंग्लादेशी घुसपैठियों की मौजूदगी हैरान करने वाली थी।
जानकारी के मुताबिक गृह विभाग ने अपने अंतर्गत पुलिस प्रशासन को एक ऐसा ऐप बनाने को कहा है, जो कि पुलिस के लिए सत्यापन प्रकिया को आसान बनाएगा।
इस ऐप में पुलिस और शासन के आई टी विभाग द्वारा मिलकर काम शुरू कर दिया गया है, ताकि यहां आने वाले का एक डेटा बेस तैयार हो सके।
अभी तक सत्यापन का कोई स्पष्ट रिकॉर्ड पुलिस के पास नहीं रहता है। अलग अलग थाना चौकियों में सत्यापन प्रकिया एक रजिस्टर तक सीमित है। पुलिस मुख्यालय ने अब उक्त रजिस्टर में दर्ज जानकारियों को मुख्यालय मंगवाना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक उक्त ऐप का ट्रायल का काम चल रहा है और इसी माह के अंत तक यह एप पूरी तरह से काम करना शुरू कर देगा।
इस ऐप पर फोकस कर रही कुमाऊं मंडल की पुलिस महानिरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल का कहना है कि सत्यापन की चुनौतियों को कम करने के लिए पुलिस प्रशासन तकनीक की मदद ले रहा है। यदि यह ऐप कामयाब हो गया तो इससे पुलिस प्रशासन के साथ- साथ बाहरी शहरों से आए लोगों की भी मुश्किलें आसान हो जाएंगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कहते हैं कि राज्य सरकार देवभूमि की संस्कृति को संजोए रखने के लिए वचनबद्ध है। बाहरी शहरों से आए लोग किस प्रवृति के हैं, ये जानने के लिए सत्यापन अनिवार्य कराया गया है । उनका कहना है कि इस सत्यापन प्रकिया में लम्बा वक्त न लगे, इस लिए गृह विभाग से आधुनिक तकनीक का सहारा लेने के लिए कहा गया है।
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें