जीएसटी दरों में संशोधन का लाभ छोटे उपभोक्ताओं को देने में कम्पनियां करने लगी हैं अगर-मगर

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+ केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ऐसे में क्या कदम उगाएंगी ?
+ वित्त मंत्री ने जीडीपी 6.8 फीसदी से अधिक रहने की जताई है उम्मीद

नई दिल्ली ।
केन्द्र सरकार द्वारा जी एस टी की दरों में बदलाव किये जाने के बाद तमाम उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें कम होने को लेकर तो सम्पूर्ण देश आश्वस्त है, परन्तु घटाई गई दरों का लाभ जनता को मिलने की बात पर जब अनेकानेक आशंकाएं व्यक्त की जा रही थी, तब केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि जीएसटी की दरों में किये गए संशोधनों का उपभोक्ताओं को सीधा लाभ सुनिश्चित किया जाएगा ।
उन्होंने हाल ही में जीएसटी स्लैब में संशोधन के बावजूद देश की जीडीपी 6.8 फीसदी से ज्यादा रहने उम्मीद व्यक्त करते हुए कहा था कि उपभोक्ता वस्तुओं की खपत बढ़ने से अर्थव्यवस्था में तेज वृद्धि होगी और जीएसटी कटौती के बाद जो 48 000 करोड़ की जीएसटी कमी होगी, उसकी भरपाई आसानी से हो जाएगी ।
वित्त मंत्री ने कहा था कि राजकोषीय घाटे पर कोई असर नहीं होगा, बेहतर प्रबंधन के जरिये अर्थव्यवस्था को संवारा जायेगा और अमेरिका के टैरिफ वार के चलते वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था को लेकर मची उथल-पुथल के बीच मोदी सरकार के इस फैसले को सही वक्त पर सही कदम माना और बताया कि विपरीत हालातों में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जीएसटी संशोधन बहुत महत्वपूर्ण व जरूरी कदम
था ।
इस बीच भारतीय उद्योग समूहों एवं कम्पनियों की ओर से कहा जाने लगा है कि वो अपने छोटे यानी कम कीमत की वस्तुओं के दाम नहीं घटायेंगी । मसलन रुपये 5- 10 की पैंकिंग में आने वाले किसी भी उपभोक्ता वस्तुओं के दाम करने में उत्पादक कम्पनियां अगर-मगर करने लगी हैं। ऐसे में जीएसटी संशोधन का लाभ उपभोक्ताओं और खासतौर से छोटे-छोटे पैकेट्स की पैंकिंग में सामान खरीदने वालों को सरकार आखिर किस तरह से लाभ दे पायेगी ।
कम्पनियों की तरफ से कहा जा रहा है कि पहले से रुपए 5, 10 या 15 की पैकिंग में बिकने वाली वस्तुओ का मूल्य कम करने की बजाय उन पैंकिग में उत्पाद को कुछ मात्रा बढ़ा दी जाएगी, ताकि ग्राहको को छूट का लाभ प्राप्त हो सके ।
जानकार लोगों की मानें तो कम्पनियां ऐसा आश्वासन देकर सरकार व उपभोक्ताओं की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास करेंगी । उनका यह भी मानना है कि कम्पनियों के इस खेल से उपभोक्ताओं को लाभ मिले अथवा न मिले , परन्तु सरकार के प्रति उपभोक्ताओं का भरोसा अवश्य कम होगा और विपक्षियों को मौका मिल जाएगा । अर्थात वे सरकार के खिलाफ छोटे उपभोक्ताओं व गरीबों को भ्रमित कराने में सफल हो सकते हैं।
इन हालातों में सरकार अब आगे क्या कदम उठाएगी , यह तो देखने वाली बात होगी, लेकिन आम लोगों का भरोसा कायम रखने के लिए सरकार हर उपभोक्ता वस्तु के दाम कम करने के लिए कम्पनियों पर सख्ती से दबाव बनाए ।
ध्यान रहे कि हाल ही तक देश में अलग-अलग वस्तुओं तथा सेवाओं पर कुछ क्षेत्रों को छोड़कर जी एस टी के लिए मुख्यतः चार स्लैब निर्धारित किये गए थे, अर्थात 5 फीसदी दर , 12 फीसदी, 18 फीसदी व 28 फीसदी दर से सरकार जी एस टी वसूल कर रही थी । नये संशोधन के बाद अब रोजमर्रा की वस्तुओं पर जीएसटी के मात्र दो स्लैब रह गए है, यानी 5 फीसदी और 18 फीसदी । हॉ लक्जरी वस्तुओं पर जीएसटी पूर्ववत 40 फिसदी तक रहेगा। ये बदली हुई दरें 22 सितम्बर 2025 से लागू हो जायेंगी । सरकार के इस कदम से निःसन्देह देश की आम जनता को बहुत बड़ी राहत मिलने जा रही है। परन्तु कम्पनियों का अड़ियल रुख सरकार के लिए चुनौती बन सकता है।
जानकारों का कहना है कि उपभोक्ता वस्तुओं की हर छोटी-बड़ी पैंकिग पर जीएसटी संशोधन से पूर्व का रेट और संशोधन के बाद का रेट, दोनों ही साफ-साफ प्रिंट करने का आदेश सरकार द्वारा कम्पनियों को दिया जाना चाहिए, ताकि उपभोक्ताओं को पता चल सके कि सरकार द्वारा उनको कितना लाभ दिया जा रहा है।
फिर से बता दें कि जीएसटी में नये बदलाव से रोजमर्रा की वस्तुएं: हेयर ऑयल, शैम्पू, टूथपेस्ट, साबुन, टॉयलेट सोप, दांतों के ब्रश, शेविंग क्रीम, मक्खन, घी, चीज, पैक्ड नमकीन, भुजिया, मिश्रित स्नैक्स, बच्चों की फीडिंग बोतल, नैपकिन और क्लिनिकल डायपर जैसी वस्तुओं पर जीएसटी 18% या 12% से घटाकर 5%कर दी गई है।
कृषि से जुड़ी चीजें: ट्रैक्टर, ट्रैक्टर के टायर और पार्ट्स, बायोपेस्टिसाइड्स, माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स, ड्रिप इरिगेशन सिस्टम, स्प्रिंकलर, मृदा तैयारी और फसल कटाई की मशीनें आदि पर जीएसटी 18% या 12% से घटाकर 5% रह गई है ।

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इसी क्रम में स्वास्थ्य सेवाएं: व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी खत्म किया गया है, जबकि थर्मामीटर, मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, ग्लूकोमीटर, टेस्ट स्ट्रिप्स, डायग्नोस्टिक किट्स और रिएजेंट्स, कॉरेक्टिव चश्मे पर जीएसटी की दर 5% या फिर 0% कर दी गई है।
वाहन: पेट्रोल, पेट्रोल हाइब्रिड, LPG, CNG कारें, डीजल और डीजल हाइब्रिड कारें (कुछ सीमाओं तक), तीन पहिया वाहन, 350 सीसी तक की मोटरसाइकिल, मालवहन वाहनों पर जीएसटी 28% से घटकर 18% रह जाएगा ।
शिक्षा सामग्री: मानचित्र, चार्ट, ग्लोब, पेंसिल, शार्पनर, क्रेयॉन, पेस्टल, व्यायाम पुस्तकें, नोटबुक, इरेजर आदि पर जीएसटी खत्म किया गया है ।
इलेक्ट्रॉनिक्स: एयर कंडीशनर, टीवी (32 इंच से ऊपर के LED और LCD सहित), पर जीएसटी 5 फीसदी रह जाएगा ।

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क्या होगा महंगा–
लग्जरी और हानिकारक वस्तुएं: पान मसाला और तंबाकू जैसे उत्पादों पर फिलहाल 28% जीएसटी और अतिरिक्त सेस लागू रहेगा । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जब तक राज्यों का कर्ज चुकता नहीं होता, तब तक यह व्यवस्था रहेगी. बाद में इन पर 40% जीएसटी लगेगा, लेकिन कोई अतिरिक्त ड्यूटी नहीं होगी ।बड़ी कारें: 1200 सीसी से ज्यादा की पेट्रोल कारों और 1500 सीसी से ज्यादा की डीजल कारों पर 40% जीएसटी लगेगा ।सरकार ने कारोबारियों के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन को आसान कर दिया है । अब तीन दिन में रजिस्ट्रेशन मिलेगा, जिससे छोटे व्यापारियों और MSME को फायदा होगा।