लालकुआँ/
माँ अवंतिका की दिव्य भूमि पर आज एक ऐतिहासिक शुभारंभ हुआ। मंदिर समिति द्वारा मंदिर को और अधिक भव्य एवं आकर्षक स्वरूप प्रदान करने के उद्देश्य से श्री अवंतिका मंदिर प्रवेश द्वार (भव्य गेट) निर्माण कार्य की शुरुआत विधिवत पूजा-अर्चना के साथ की गई।
इस अवसर पर मंदिर समिति के अध्यक्ष पूरन सिंह रजवार एवं महामंत्री भुवन पांडे ने पूजा करके निर्माण कार्य का शुभारंभ किया।
पूजन कार्यक्रम की विधि-विधानानुसार सम्पन्न कराने का श्रेय पंडित चंद्रशेखर जोशी को जाता है, जिन्होंने वैदिक मंत्रों के साथ कार्यक्रम को भक्तिमय और आध्यात्मिक वातावरण प्रदान किया।
पूजन कार्यक्रम में भक्त रविंद्र यादव, स्थानीय नागरिक एवं अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे और सभी ने जय माँ अवंतिका के जयकारों से वातावरण गुंजायमान किया।
नीम करोली महाराज की प्रिय स्थली : बढ़ रही श्रद्धा और विश्वास
हाल के दिनों में यह मान्यता और अधिक दृढ़ हुई है कि यह मंदिर स्थान नीम करोली बाबा की अत्यंत प्रिय स्थली है। बाबा का आध्यात्मिक स्पर्श, यहाँ की शांति और अद्भुत ऊर्जा को महसूस करने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है।
यही कारण है कि स्थानीय लोगों एवं भक्तों के भीतर माँ अवंतिका के प्रति आस्था, विश्वास और उत्साह में अद्भुत वृद्धि देखी जा रही है। मंदिर की पौराणिकता और इसके आध्यात्मिक महत्व को अब अधिक भक्त समझने लगे हैं।
मंदिर समिति की भावनात्मक अपील “यह सिर्फ गेट नहीं, आस्था का प्रतीक है”
मंदिर समिति के अध्यक्ष पूरन सिंह रजवार ने सभी भक्तों से विनम्र अपील करते हुए कहा:
“माँ अवंतिका के इस धाम पर बन रहा यह गेट सिर्फ ईंट-पत्थर से बना प्रवेश द्वार नहीं, बल्कि हमारी आस्था, पहचान और संस्कृति का प्रतीक है। आप सभी से अनुरोध है कि इस निर्माण कार्य में अपनी क्षमता अनुसार सहयोग प्रदान करें। चाहे वह – रेता, बजरी, सीमेंट, सरिया या आर्थिक सहयोग के रूप में हो, प्रत्येक योगदान माँ अवंतिका की सेवा में समर्पण होगा।”
उन्होंने आगे कहा कि —
“जब समाज एक साथ खड़ा होता है तो कोई भी सपना छोटा नहीं रहता। यह प्रवेश द्वार आने वाली पीढ़ियों के लिए श्रद्धा और गौरव का संदेश लेकर खड़ा होगा।”
भक्तों में उत्साह : माँ अवंतिका धाम बन रहा सनातन संस्कृति का केंद्र
गेट निर्माण के साथ-साथ मंदिर समिति जल्द ही अन्य सौंदर्यीकरण कार्य भी प्रारंभ करेगी। स्थानीय लोग इसे केवल एक निर्माण कार्य नहीं, बल्कि माँ अवंतिका के धाम को नए दिव्य स्वरूप में स्थापित करने की आध्यात्मिक यात्रा मान रहे हैं।
🙏 अपील
“जो जैसे समर्थ है, वैसे सहयोग करें, क्योंकि यह मंदिर सभी का है।”
एक ईंट भी भक्ति से चढ़ेगी तो माँ अवंतिका उसे आशीर्वाद मानेंगी।”
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