(जोगिंदर पाल जिंदर-विनायक फीचर्स)
दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्य मंत्री रेखा गुप्ता की प्रेस कांफ्रेंस से स्कूली दिनों की याद ताजा हो गई । जैसे ही हम पुरानी क्लास से नयी क्लास में जाते तो नयी क्लास के टीचर कहते पिछली क्लास में क्या पढ़ कर आए हो ? और अगले साल फिर यही क्रम दोहराया जाता । नयी क्लास में फिर टीचर पूछते पिछली क्लास में क्या पढ़ कर आए हो ? यही हाल सरकारों का है जब भी कोई नयी सरकार बनती है आते ही पिछली सरकार पर पहला सीधा हमला, ” पिछली सरकार खजाना खाली कर के गयी है ।” पिछली क्लास में क्या पढ़ कर आए हो की तरह यह वाक्य बार-बार दोहराया जाता है चाहे सरकार जिस की भी बने ।
ढेर सारे वादे और योजनाएं पुरानी आप सरकार की हैं । बहुत से वादे भाजपा भी कर के आई है कि पिछली सभी योजनाओं के साथ-साथ उसके दावों का अतिरिक्त लाभ दिल्ली की जनता को मिलेगा । इतना ही नहीं इस बार स्वयं मोदी की भी गारंटी है ।
अब अगली बात यह कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने भी मुख्यमंत्री के कार्यालय में लगी बाबा साहब अंबेडकर और भगत सिंह की फोटो हटाने का आरोप लगाया । जिस पर स्पष्टीकरण यह आया कि हटाई नहीं बल्कि स्थान बदला गया है । चलो इसी बहाने से जनता को पता तो चला कि बाबा साहब भीम राव अंबेडकर और भगत सिंह का इनके दिलों में कितना और कहां स्थान है ? या फिर बाबा साहब और भगत सिंह के नाम का उपयोग मात्र उनके अनुयायियों को भ्रमित करने के लिए प्रयोग किया जाता है ?
इस मामले में आम आदमी पार्टी भी कोई दूध की धुली हुई नहीं है । इनका भी बाबा साहब, भगत सिंह और दलित प्रेम दिखावा मात्र ही था । क्योंकि यह वही पार्टी है जिसने बाबा साहब की 22 प्रतिज्ञाएं लेने पर अपने ही मंत्री राजेंद्र पाल गौतम से इस्तीफा ले लिया था । केजरीवाल करेंसी नोटों पर किसी विशेष देवी-देवता का चित्र प्रकाशित करने के हिमायती थे । खुद को हनुमान भक्त साबित करते थे । बुजुर्गों को तीर्थ यात्राएं करवाते थे । इतने अधिक धार्मिक लोग बाबा साहब और भगत सिंह के अनुयाई कैसे हो सकते हैं ?
खैर नयी सरकार को आते ही नया कुछ करना ही पड़ता है चाहे फोटो लगाई जाएं या हटाई जाएं । अपनी-अपनी सुविधा, आस्था और विश्वास का मामला है । जनता को इससे क्या सरोकर ! दिल्ली चुनाव प्रचार की एक बात अच्छी लगी कि इसमें बंटोगे तो कटोगे का नारा नहीं दिया गया । समझदार दिल्ली की जनता ने भाजपा के सर पर ताज रखा है । बस नयी सरकार जनता की आशाओं, अपेक्षाओं पर खरी उतरे, यही कामना की जानी चाहिए ।(विनायक फीचर्स)



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