लाल कुआं तहसील में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजा

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अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत पांचवीं विधानसभा के दूसरे सत्र में गोवंश संरक्षण कानून 2007 को निरस्त करने या गोवंश की कीमत निर्धारित कर सरकारी खरीद निश्चित करने तथा बिन्दुखत्ता के भूमिहीन किसानों को मालिकाना हक दिलाने के लिए राजस्व गांव बनाने का प्रस्ताव लाने, सभी दुग्ध उत्पादकों को सस्ती दर पर भूसा उपलब्ध कराया जाए व उत्तराखंड की खेती और पशुपालन को रोजगारपरक बनाने के लिए अधिकार सम्पन्न अनिवार्य चकबन्दी लागू करने हेतु लालकुआं तहसील में प्रदर्शन करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजा गया। मांग पत्र की प्रतिलिपि विधानसभा सत्र में मांग उठाने के लिए लाल कुआं विधानसभा क्षेत्र के विधायक को भी भेजी गयी।

इस अवसर पर अखिल भारतीय किसान महासभा के उत्तराखंड राज्य उपाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, “उत्तराखंड में आने वाली सभी सरकारों द्वारा आम जनजीवन को प्रभावित करने वाली जनविरोधी नीतियों को ही विस्तार दिया है। इसीलिए उत्तराखंड का किसान और आम जन तबाह होने को मजबूर है। इसलिये जनपक्षीय नीतियां बनाना और उत्तराखण्ड किसान बहुल आबादी वाली जनसंख्या को राहत पहुँचाना राज्य सरकार का पहला मकसद होना चाहिए लेकिन इसका ठीक विपरीत हो रहा है।”

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उन्होंने कहा कि, “सरकार प्राथमिकता के आधार पर उत्तराखण्ड राज्य के किसानों, पशुपालकों और आमजन के हितों को सर्वोपरि मानते हुए पांचवीं विधानसभा के 14 जून से चलने वाले दूसरे सत्र में भी यदि आवारा पशुओं की समस्या, राजस्व गांव निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने, सभी दुग्ध उत्पादकों को सस्ती दर पर भूसा उपलब्ध कराने जैसे सवालों के समाधान की दिशा में आगे नहीं बढ़ती है तो अखिल भारतीय किसान महासभा को यहाँ की जनता के हित में व्यापक जनांदोलन को बाध्य होना पड़ेगा ।”

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भाकपा (माले) जिला सचिव डॉ कैलाश पांडेय ने कहा कि, “जनता से वादाखिलाफी करना भाजपा सरकार की पहचान बन चुकी है। बिंदुखत्ता वासियों से किया गया राजस्व गांव का वादा हो या आवारा पशुओं से किसानों को निजात दिलाने का सवाल। हर मुद्दे हर सवाल का भाजपा ने मज़ाक बनाकर रख दिया है। लेकिन अब फसलों को नष्ट कर रहे आवारा पशुओं के मामले में किसानों का धैर्य चुकता जा रहा है इसलिए सरकार तत्काल इसका समाधान करे और पहले से ही परेशान सभी दुग्ध उत्पादकों को सस्ती दर पर भूसा उपलब्ध कराया जाए।”

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गौरतलब है कि अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा 28 मार्च 2022 को भी इन्हीं सवालों पर दिनांक 29 मार्च 2022 से चले पांचवीं विधानसभा के प्रथम सत्र में ज्ञापन ज्ञापित किया था परन्तु न तो राज्य सरकार और न ही लालकुआं विधायक द्वारा कोई संज्ञान लिया गया जो कि इस सरकार की जनता के मुद्दों के समाधान के प्रति उदासीनता को दर्शाता है।

प्रदर्शन में बहादुर सिंह जंगी, विमला रौथाण, डॉ कैलाश पांडेय, किशन बघरी, ललित जोशी, पुष्कर दुबड़िया, गोपाल सिंह अधिकारी, हीरा सिंह नेगी, गोपाल गडिया, दीवान सिंह बिष्ट, सौम्य भट्ट, हिमांशु बिष्ट आदि शामिल रहे।

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