कमजोर वर्गों के बदलाव, सशक्तिकरण और नई सोच की कहानी लिखते डॉ.मोहन यादव

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(डॉ हितेश वाजपेयी -विनायक फीचर्स)
मध्य प्रदेश, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविधता के लिए जाना जाता है, अब कमजोर वर्गों के कल्याण में अपनी पहचान स्थापित कर रहा है। डॉ. मोहन यादव के एक वर्ष के सफल कार्यकाल में अनुसूचित जाति और जनजाति के उत्थान के लिए न केवल बड़े कदम उठाए गए, बल्कि योजनाओं को धरातल पर प्रभावी ढंग से लागू किया गया। यह कहानी केवल आंकड़ों की नहीं है, यह बदलाव, सशक्तिकरण, और एक नई सोच की कहानी है।

*जनजातीय वर्ग: सपनों को पंख देने का अभियान*

*तेंदूपत्ता संग्राहकों की मुस्कान*

जहां पहले तेंदूपत्ता संग्राहकों को 3,000 रुपये प्रति मानक बोरा मिलता था, अब मोहन सरकार ने यह राशि 4,000 रुपये कर दी है। इससे 30 लाख से अधिक संग्राहकों के चेहरों पर खुशी की चमक आई है। साथ ही,115 करोड़ रुपये का बोनस देकर सरकार ने यह साबित किया है कि मेहनतकश हाथों को उनका हक देना प्राथमिकता है।

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*आदिवासी बहनों के लिए ‘आहार अनुदान योजना’*

मोहन-सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजाति की 2.18 लाख बहनों को 450 करोड़ रुपये की सहायता राशि देकर उनके जीवन में पोषण और आत्मनिर्भरता का नया अध्याय लिख दिया है।

*शिक्षा: भविष्य को रोशन करने की पहल*

“पढ़ाई में आगे, हर चुनौती को पीछे” – इस सोच के साथ जनजातीय विद्यार्थियों को आकांक्षा योजना के तहत जेईई, क्लैट, और नीट की तैयारी का मौका दिया गया। इसके साथ ही मोहन-सरकार ने 728 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति भी दी जिसने बच्चों के सपनों को नए पंख दिए।

*इतिहास और संस्कृति का सम्मान*

मोहन-सरकार ने छिंदवाड़ा में श्री बादल भोई संग्रहालय और जबलपुर में शंकर शाह और रघुनाथ शाह संग्रहालय का लोकार्पण कर आदिवासी योद्धाओं की गाथाओं को अमर कर दिया।

*अनुसूचित जाति: नए अवसरों की दस्तक*

*बजट बढ़ा, उम्मीदें भी बढ़ीं*

अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए मोहन-सरकार ने 27,900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया। यह केवल एक संख्या नहीं है, यह उन हजारों परिवारों के सपनों को साकार करने की उम्मीद है जो अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देना चाहते हैं।

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*छात्रवृत्ति में बढ़ोतरी: पढ़ाई का हर सपना अब संभव*

घुमंतू और विमुक्त वर्ग के बच्चों के लिए मोहन-सरकार ने छात्रवृत्ति 1,230 रुपये से बढ़ाकर 1,550 रुपये (लड़कों के लिए) और 1,270 रुपये से बढ़ाकर 1,590 रुपये (लड़कियों के लिए) कर दी है। अब हर बच्चा अपनी किताबें, यूनिफॉर्म और पढ़ाई का खर्च आसानी से उठा सकता है।

*हेल्पलाइन: हर समस्या का समाधान*

छात्रावास में पढ़ने वाले बच्चों के लिए 24×7 मित्र हेल्पलाइन ने यह सुनिश्चित किया है कि उनका मार्गदर्शन कभी रुक न पाए।

*असली हीरो: पेसा मोबिलाइजर्स और बैगा, भारिया, सहरिया युवा*

*पेसा मोबिलाइजर्स को दोगुना मानदेय*

ग्रामीण इलाकों में बदलाव लाने वाले पेसा मोबिलाइजर्स का मानदेय मोहन-सरकार ने 4,000 रुपये से बढ़ाकर 8,000 रुपये किया।
ये वो लोग हैं जो गांवों में शासन की योजनाओं को पहुंचाते हैं।

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*युवाओं को नौकरी के लिए तैयारी*

मोहन-सरकार ने पुलिस, सेना और होमगार्ड में भर्ती के लिए जनजातीय युवाओं को विशेष प्रशिक्षण देकर यह साबित किया कि सशक्त युवा, सशक्त समाज की नींव है।

*सामाजिक न्याय का स्वर्ण युग*

डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में कमजोर वर्गों के कल्याण का यह अभियान, केवल सरकारी प्रयास नहीं, बल्कि एक आंदोलन बन चुका है। यह आंदोलन हर कमजोर वर्ग को अपनी पहचान देने का है।

*“तेंदूपत्ते की महक, शिक्षा की रोशनी, और आहार का संतुलन”* – ये सब मिलकर एक नए मध्य प्रदेश की कहानी लिख रहे हैं।

डॉ. मोहन यादव और उनकी टीम ने यह साबित कर दिया है कि जब इरादे मजबूत हों, तो बदलाव हर कोने तक पहुंचता है। यह सिर्फ शुरुआत है। आने वाले समय में, यह काम देश के बाकी राज्यों के लिए मिसाल बनकर उभरेगा।(लेखक मध्यप्रदेश भाजपा के प्रवक्ता हैं)

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