खटीमा/माँ कमला फाउन्डेशन से जुड़े पंकज सिंह इन दिनों पर्वतीय क्षेत्र के अनेको हिस्सों में योग के प्रति जागृत्ति अभियान चलाकर लोगों को नशे से दूर रहने का आवाहन कर रहे है उनके द्वारा चलाये गये इस अभियान में अनेक युवा उनके साथ जुड़कर उनके इस अभियान को आगे बढ़ा रहे है
विगत कई दिनों से अनेक भागों में उन्होंने योग की शिक्षा देकर नशे के दुष्परिणाम से लोगों को सचेत करने का अभियान चला रक्खा है
टनकपुर खटीमा नानकमत्ता पिथौरागढ़ सहित अनेक भागों में युवाओं और आम जनमानस को सचेत करते हुए उन्होंने कहा
नशा मानव जीवन के लिए अभिशाप नहीं बल्कि महा अभिशाप है उन्होंने कहा मनुष्य का जीवन ईश्वर का दिया गया अनमोल उपहार है इसे सवारकर कर रखना प्रत्येक मनुष्य का पावन कर्तव्य है कहा भी गया है पहला सुख निरोगी काया। लेकिन आज समाज में बढ़ते नशे के प्रचलन ने इस काया को खोखला करके रख दिया है।
नशा एक अभिशाप ही नहीं बल्कि महाअभिशाप है । यह एक ऐसी महाभयानक बुराई है, जिससे इंसान का अमूल्य जीवन वक्त से पहले ही मौत का शिकार होकर मौत के आगोश में विलय हो जाता है । नशे के विभिन्न रुप दिन प्रतिदिन तेजी के साथ अपनी जड़े जमा रहे है। समाज में अफीम, भांग, गांजा, शराब, जर्दा, गुटखा, तम्बाकू और धूम्रपान (बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, चिलम) सहित चरस, स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक दवाओं और पदार्थों का उपयोग अब तेजी से होने लगा है । इन जहरीले और नशीले पदार्थों के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आर्थिक हानि पहुंचने के साथ ही इससे वातावरण भी प्रदूषित होता है और परिवार की सामाजिक स्थिति को जंक लगता है। नशे के आदी व्यक्ति को समाज में हीन दृष्टि से देखा जाता है । उन्होंने कहा नशे करने वाला व्यक्ति परिवार के लिए अझेल हो जाता है, उसका समाज एवं राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्व शून्य हो जाती है । नशा मनुष्य को अपराध की ओर ले जाता है जो शांतिपूर्ण समाज के लिए अभिशाप का जहर है। इसलिए जीवन में योग अपनाये और नशे से दूर रहे



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