बिन्दुखत्ता क्षेत्र के इन्दिरा नगर की ओर हो रहे लगातार भू-कटाव से सहमे हुए हैं ग्रामीण
उफनाती गौला नदी से तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को सता रहा है जान-माल का भय
बिन्दुखत्ता – लालकुआं, क्षेत्रभर में तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते सारा जन-जीवन अस्त – व्यस्त हो चला है, नदियां उफान पर हैं और हर तरफ आवा-जाही बाधित हो जाने से लोग बहुत मुश्किल में हैं।
लगातार हो रही भारी बारिश के कारण यहाँ गौला नदी ने भी रौद्र रूप ले लिया है, जिस कारण बिन्दुखत्ता क्षेत्र के इन्दिरा नगर व रावत नगर के बड़े इलाके में काश्तकारों की उपजाऊ कृषि भूमि पर कटाव शुरू हो गया है। तेजी से हो रहे भूकटाव के कारण इन गाँवों के लोग बुरी तरह सहमे हुए हैं।
हालांकि गौला नदी से सटे बिन्दुखता क्षेत्र के उक्त गाँवों की बाढ़ से सुरक्षा के मद्देजर नदी तटों पर जगह-जगह सुरक्षा दीवारें और चैक डैम ( पत्थरों के जाल ) बनाए गए हैं, परन्तु गौला नदी की भयंकर बाढ़ ने जो तांडव मचाया हुआ है, उसके आगे सुरक्षा के सारे उपाय नाकाफी साबित हुए हैं।
इस बाबत स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि नदी से लगी कृषि भूमि को बचाने के नाम पर यूं तो हर बार भारी-भरकम धनराशि खर्च कर सुरक्षा दीवारें / बड़े – बड़े जाल बिछाये जाते हैं, परन्तु समस्या जस की तस बनी रहती है। परिणाम स्वरूप हर साल बड़े पैमाने पर उपजाऊ कृषि भूमि गौला नदी की बाढ़ की भेंट चढ़ जाती है।
ग्रामीणों का कहना है कि नदी तटो पर बड़े-बड़े पत्थरों से जाल बनाये जाते हैं, लेकिन ये जाल बाढ़ के वेग को नहीं झेल पाते हैं। उनकी गुणवत्ता हमेशा ही सवालों में रहती है।
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार कोई ठोस कार्ययोजना बनाकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कराने दिशा में गम्भीरता से विचार करे और बार-बार होने वाले नुकसान को रोके ।
बहरहाल लगातार भारी बारिश के चलते उफनाती गौला नदी से तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग अपने जान-माल व कृषि भूमि की सुरक्षा को लेकर काफी खौफ़जदा हैं और सरकार तथा प्रशासन से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।



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