अवंतिका धाम में भक्ति की गूंज अवंतिकेश्वर महादेव को 51 किलो का भव्य घण्टा समर्पित, श्रद्धालुओं ने रचा आस्था का अनुपम दृश्य

ख़बर शेयर करें

 

लालकुआँ।
अवंतिका मंदिर के पावन प्रांगण में स्थित अवंति केश्वर महादेव को संजीव वर्तन भण्डार, लालकुआँ की ओर से 51 किलोग्राम वजनी भव्य घण्टा श्रद्धा व भक्ति भाव से समर्पित किया गया। इस अवसर पर मंदिर परिसर “हर-हर महादेव” के जयकारों से गूंज उठा और सम्पूर्ण वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण हो गया।

घण्टा प्रतिष्ठा का पावन अनुष्ठान आचार्य पं० चन्द्रशेखर जोशी द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूजन-अर्चन कर सम्पन्न कराया गया। पूजन के उपरांत श्रद्धालुओं ने महादेव से परिवार, क्षेत्र और समाज की सुख-समृद्धि की कामना की।

इस पुण्य अवसर पर श्रीमती दुर्गावती यादव, रविन्द्र यादव, फूलपति यादव, कमलेश यादव, विशाल यादव, राहुल यादव, नीकिता यादव, अरविन्द कुमार तिवारी, श्रीमती मंजू तिवारी, राजलक्ष्मी पण्डित, श्रीमती दुर्गा रजवार, पूरन रजवार, आदर्श रामलीला कमेटी के अध्यक्ष बी०सी० भट्ट, सौम्या महरा, श्री सरस्वती, श्रीमती निर्मला यादव, प्रीति यादव, कमलेश यादव, दीवान सिंह बिष्ट, दानी इन्द्र तुलेड़ा, अनिल मेलकानी, पं० राजीव गौड़, पं० ललित मिश्रा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

यह भी पढ़ें 👉  रमाकान्त पन्त | धार्मिक यात्रा विशेष : “पितृ तृप्ति का तीर्थ : उज्जैन का पित्रेश्वर महादेव, जहाँ पूर्वजों से जुड़ती है आत्मा”

मंदिर समिति के अध्यक्ष पूरन सिंह रजवार ने इस अवसर पर कहा कि भक्तों द्वारा समर्पित यह घण्टा माँ अवंतिका के प्रति अटूट आस्था और समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि अवंतिका धाम केवल आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि चेतना और साधना की भूमि है, जहाँ आकर भक्तों को आत्मिक शांति की अनुभूति होती है।

यह भी पढ़ें 👉  हड़कंप : स्कूल जाने निकली कक्षा 10 की तीन छात्राएं लापता, पुलिस को मिले अहम सुराग

 महादेव मंदिर में घण्टा चढ़ाने का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, शिवालय में घण्टा चढ़ाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और वातावरण पवित्र होता है। घण्टा की ध्वनि को ब्रह्मनाद माना गया है, जो साधक के चित्त को एकाग्र कर शिव तत्व से जोड़ती है। यह मान्यता है कि घण्टा अर्पण करने से कष्ट, बाधा और भय दूर होते हैं तथा मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

 माँ अवंतिका की महिमा

माँ अवंतिका को शक्ति, करुणा और संरक्षण की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि माँ अवंतिका के दरबार में सच्चे मन से की गई प्रार्थना कभी निष्फल नहीं जाती। यहाँ आने वाला हर भक्त माँ की कृपा से जीवन में नई दिशा और शक्ति पाता है।

यह भी पढ़ें 👉  भाजपा को मिला नया अध्यक्ष, संगठन में नई ऊर्जा आगामी चुनावों को लेकर रणनीति तेज”

 नीम करोली बाबा का आशीर्वाद

अवंतिका धाम का आध्यात्मिक महत्व नीम करोली बाबा की कृपा से और भी बढ़ जाता है। बाबा सदैव भक्ति, सेवा और प्रेम का संदेश देते रहे। उनका कहना था कि “जहाँ सच्ची भक्ति होती है, वहाँ ईश्वर स्वयं प्रकट हो जाते हैं।” अवंतिका धाम में उमड़ी श्रद्धा उसी सच्ची भक्ति का सजीव प्रमाण है।

कुल मिलाकर यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बना, बल्कि सामाजिक एकता और सामूहिक श्रद्धा की अनुपम मिसाल भी प्रस्तुत कर गया।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad