घनघोर रात और सर्द हवाओं में भी डटे वन रक्षक, हाथियों से ग्रामीणों की रक्षा को जागता रहा वन विभाग

ख़बर शेयर करें

 

(ग्राउंड ज़ीरो से रिपोर्ट)

ग्रामीण अंचलों में हाथियों की बढ़ती आवाजाही के बीच वन विभाग के कर्मचारी मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए दिन-रात मुस्तैदी से डटे हुए हैं। कड़ाके की सर्द हवाओं और घनघोर रात्रि में भी ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मैदान में लगातार पहरा दे रहे हैं।

ग्राउंड ज़ीरो पर वन दरोगा शंकर दत्त पनेरू, भगत सिंह, अरुण कुमार, सागर, बलवन्त सिंह खाती सहित अन्य वनकर्मी पूरी सजगता के साथ हाथियों की गतिविधियों पर निगरानी रखते हुए देखे गए। विषम परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों के प्रति इन वन कर्मियों की निष्ठा और समर्पण सराहनीय है।

यह भी पढ़ें 👉  भाजपा को मिला नया अध्यक्ष, संगठन में नई ऊर्जा आगामी चुनावों को लेकर रणनीति तेज”

वन विभाग के कर्मचारी न केवल हाथियों को आबादी से दूर रखने का प्रयास कर रहे हैं, बल्कि ग्रामीणों को भी सतर्क कर सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील कर रहे हैं। रात के अंधेरे में टॉर्च, सर्चलाइट और पारंपरिक तरीकों से निगरानी करते हुए वनकर्मी मानव जीवन की रक्षा के साथ-साथ वन्यजीवों को किसी प्रकार की क्षति न पहुंचे, इसका भी विशेष ध्यान रख रहे हैं।

हाथी वन्यजीव संरक्षण का अहम हिस्सा हैं और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। जंगलों के सीमित होते दायरे और प्राकृतिक आवास में हो रहे बदलावों के कारण हाथियों का रिहायशी इलाकों की ओर आना एक स्वाभाविक चुनौती बन गया है। ऐसे में वन विभाग का प्रयास है कि न तो हाथियों को नुकसान पहुंचे और न ही ग्रामीणों की जान-माल पर कोई संकट आए।

यह भी पढ़ें 👉  हड़कंप : स्कूल जाने निकली कक्षा 10 की तीन छात्राएं लापता, पुलिस को मिले अहम सुराग

वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों की समस्याएं भी कम नहीं हैं। फसलों को नुकसान, रातों की नींद हराम होना और हर पल भय का माहौल ग्रामीण जीवन को प्रभावित कर रहा है। बावजूद इसके, वन विभाग द्वारा की जा रही सतत निगरानी और चौकसी से ग्रामीणों में कुछ हद तक राहत महसूस की जा रही है।

यह भी पढ़ें 👉  भाजपा को मिला नया अध्यक्ष, संगठन में नई ऊर्जा आगामी चुनावों को लेकर रणनीति तेज”

स्थानीय ग्रामीणों ने भी वन विभाग के इन जांबाज कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा कि कठिन परिस्थितियों में जिस तरह वे रात-रात भर जागकर पहरा दे रहे हैं, वह काबिले-तारीफ है। वन विभाग की यह सतर्कता न केवल मानव–हाथी संघर्ष को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि सहअस्तित्व की भावना को भी मजबूती प्रदान कर रही है।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad