फिल्म निर्माता निर्देशक विक्की योगी को मातृ शोक, कर्म,निष्ठा,व संघर्ष का संगम थी श्रीमती बंसती देवी

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उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के पूर्व सदस्य एवं निर्माता निर्देशक विक्की योगी की माता श्रीमती बंसती देवी का बीते दिनों निधन हो गया
आध्यात्मिक जगत की महान् विराट विभूति ,लोक मंगलकारी कर्मो का सृजन करके निष्काम कर्म की प्रेरणा देकर जीवन पथ को निर्मल आभा से सवांरकर करूणा की दिव्य छाया बरसाने वाली, कर्म ही जिनका महान् आर्दश था ,दया ही जिनका परम धाम था ,अलौकिक सत्ता के प्रति हर पल जिनका रूझान था जो मानवीय रूप में साक्षात् करूणा की मूर्ति थी ,आत्मा की अमरता व शरीर की नश्वरता को जो भलि भांति जानती थी, देवभूमि व यहां के तीर्थ स्थलों के प्रति जिनके हदय में अपार श्रद्वा थी समय समय पर जिनका पर्दापण देवकार्यो में होता रहता था ,वो सरल हृदय ममता व करूणा की साक्षात् मूर्ति श्रीमती बसती देवी जी अब इस नश्वर संसार में नही रही उनके निधन की सूचना से समूचा क्षेत्र शोक से व्याकुल हो उठा है, यहां के जनमानस में उनके प्रति गहरी श्रद्वा थी श्रीमती बसंती देवी जी का आत्मिक रूप से मिलना जुलना उनके विशाल हृदय की विराटता को झलकाता था सरल से भी सरल ममतामयी बंसती देवी जी ने अपनी जीवन साधना को निष्काम कर्मयोगी की तरह जिया वे सच्चे अर्थो में दरियादिली की जीती जागती मिशाल थी,

श्रीमती बसंती देवी को लगभग 40 दिन पूर्व हार्ट अटैक पड़ा था निजि चिकित्सालय में उनका इलाज चल रहा था जो आई सी सी यू में भर्ति थी बीते 28 मार्च को उपचार के दौरान 2:30 बजे उनका निधन हो गया पवित्र तीर्थ चित्राशिला घाट रानीबाग में उन्हें अन्तिम विदाई दी गयी हालांकि उनके निधन को एक सप्ताह बीत चुका है लेकिन उनके प्रति शोक संवेदनाओं का क्रम जारी है
जनपद पिथौरागढ़ के धरिगाव ब्लॉक गंगोलीहाट में जन्मी बसंती देवी वर्तमान समय में दमुवाढूंगा हल्द्वानी अपनें निवास में रहती थी इनके पति गोविदानंद महाराज भी आध्यात्मिक विचारधारा के धनी व्यक्तित्व होनें के साथ साथ सैन्य अधिकारी थे विवाह के बाद पंजाब, रुडकी चंडीगढ़, बरेली, सिकंदराबाद, बनारस आदि स्थानों में रहने के बाद हल्द्वानी उनकी निवास भूमि रही
इनके पुत्र फिल्मी निर्माता निर्देशक विक्की योगी कहते हैं उनकी माता जी ने बहुत संघर्ष किया है और आगे बढ़ने में मुझे बहुत सहयोग किया है,आज मैं जो भी हूं उन्हीं के संघर्ष से हूँ उन्ही ने जीवन के हर मोड़ पर मुझे नयी दिशा दी मेरा मार्ग प्रशस्त किया मेरी माता जी ही मेरा सबसे महान् आदर्श है वे नम आखों से कहते है उनका आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ हैं हमेशा रहेगा, उन्होंने बताया बड़ा भाई दिनेश ही माता के क्रियाकर्म,पूजापाठ मैं बैठे हैं, बहन विजयलक्ष्मी और दामाद राजू (राजेंद्र) 40 दिनो से सेवा कर रहे थे, योगी ने कहा मृत्यृ जीवन की सच्चाई हैं एक दिन सभी को इस नश्वर देह का त्याग करना पड़ता है पर माताजी जिस सच्चाई व संघर्ष को लेकर चली थी वह सदैव स्मरणीय रहेगी उन्होंने सदैव स्नेह, प्रेम, भाईचारा की ही शिक्षा दी जिसका वे सदैव पालन करेंगे
उनके निधन पर दीपक बल्यूटिया सामाजिक नेता – शिवगणेश, राहुल कुमार, महेशानंद, अजय कुमार, गोपाल सिंह रावत, विज्ये कुमार, गणेश चंद्र, राजेंद्र प्रसाद गंगोला (चाचा) सौरव गंगोला, महेश चंद्र, कन्नूपंत, प्यारेलाल , कृष्णा कुमार, सर्वजीत प्रसाद, उमेश राम आर्य, नवीन जोशी, वीरेंद्र कुमार, जगत सिंह बनी , हरक सिंह, भुवन चंद्र जोशी , डॉ रणजीत सिंह, मथुराप्रसाद, दीपक कुमार सहित तमाम राजनितिज्ञों समाज सेवियों आध्यात्मिक जगत से जुड़े तमाम लोगों ने शोक व्यक्त किया

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