पूर्व दर्जा राज्यमन्त्री गोपाल रावत ने की कोटगाड़ी में पूजा मांगी सभी के लिए मंगलकामना

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गोरापड़ाव/ पूर्व दर्जा राज्य मन्त्री वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्त्ता भाजपा नेता एवं भारत रत्न पण्डित गोविन्द बल्लभ पंत जयंती के प्रदेश संयोजक गोपाल रावत ने उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध शक्ति पीठ कोटगाड़ी देवी अर्थात् कोकिला देवी मन्दिर पहुंचकर क्षेत्र की सुख समृद्धि मंगलकामना को लेकर माँ कोकिला के दर्शन कर पूजन अर्चन किया

श्री रावत ने बताया माता कोटगाड़ी का मंदिर जनपद पिथौरागढ़ के पांखू क्षेत्र में स्थित है। इस समस्त चराचर जगत की क्रियाये शक्ति की कृपा से सम्पन हो रही है। शक्ति की कृपा से मनुष्य के पाप सूखे वन की भांति जलकर भस्म हो जाते हैं, जिससे मनुष्य शोक, क्लेश, दु:ख से रहित हो जाते है। जिस प्रकार सूर्य के प्रकाश के सामने अंधकार छंट जाता है, उसी प्रकार माँ की कृपा से मनुष्य के सभी मनोरथ सिद्व हो जातें है। शिव व शक्ति के युगल महात्म्य से यहां का समूचा क्षेत्र पूज्यनीय है।

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उन्होंने बताया माँ परम न्याय करती है हिमालय के देवी शक्ति पीठों मे कोकिला माता का महात्म्य सबसे निराला है, सिद्वि की अभिलाषा रखने वाले तथा ऐश्वर्य की कामना करने वाले लोगों के लिए भी यह स्थान त्वरित फलदायक है देवी के उपासक इन्हें विश्वेश्वरी, चन्द्रिका, कोटवी, सुगन्धा, परमेश्वरी, चण्डिका, वन्दनीया, सरस्वती, अभया प्रचण्डा, देवमाता, नागमाता, प्रभा आदि अनेक नामों से पुकारते है।
यात्रा से लौटे श्री गोपाल रावत ने बताया कोकिला माता अर्थात् कोटगाड़ी देवी को न्याय की देवी के रुप में प्रतिष्ठा प्राप्त है। जिस किसी को भी कही से जब न्याय की उम्मीद नही रह जाती है, तो वह कोटगाड़ी देवी की शरण में जाकर न्याय की गुहार करता है, यह भी मान्यता है,कि कोटगाड़ी देवी उसे अवश्य ही न्याय दिलाती है, कोकिला कोटगाड़ी देवी तत्काल न्याय देने को तत्पर रहती है, मंदिर के समीप ही अनेक पावन व सुरभ्य स्थल मौजूद है। यह देवी साक्षात् है। कोट का तात्पर्य अदालत से माना जाता है, पीड़ितों को तत्काल न्याय देने के कारण ही इस देवी को न्याय की देवी माना जाता है, और इसी भाव से इनकी पूजा प्रतिष्ठा सम्पन कराने की परम्परा है, कोकिला माता का दरबार श्रद्वा व भक्ति का संगम है, जो सदियों से पूज्यनीय है

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श्री रावत के साथ धर्म यात्री सुरेन्द्र सिंह रावत, श्रीमती उमा रावत ,दिग्विजय सिंह रावत राजा, श्रीमती पूजा रावत पार्वती रावत , सुमित रावत, पूजा अधिकारी रावत आरोही रावत, कविन्द्र सिंह रावत श्रीमती सीमा रावत, मानवेन्द्र सिंह रावत आयुश, विश्वजीत रावत लक्की, राजेन्द्र सिंह सम्मल, विरेन्द्र सिंह बोरा, सहित तमाम परिवारीजन मित्रजन आदि मौजूद रहे

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