मनकामेश्वर मंदिर कल्याण आश्रम रुद्रपुर में श्रीमद् भागवत कथा 31 अगस्त से, कमेटी के अध्यक्ष राम बाबू मिश्रा ने की भक्तों से अपील कहा अधिक से अधिक संख्या में कथा श्रवण कर पुण्य के भागी बनें

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मनकामेश्वर मंदिर कल्याण आश्रम रुद्रपुर में 31अगस्त से श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का शुभारम्भ होने जा रहा है कथा का विराम 6 सितम्बर को होगा और 7 सितम्बर को विराट हवन यज्ञ के साथ विशाल भण्ड़ारे का आयोजन होगा
प्रसिद्ध कथा वाचक स्वामी श्री नारायण चैतन्य महाराज जी की सुधा मयी वाणी से यहाँ श्रीमद् भागवत कथा की ज्ञान गंगा प्रवाहित होगी कथा के प्रमुख यजमान श्रीमती पुष्पा सक्सेना एवं श्री ओम प्रकाश सक्सेना है
मंदिर कमेटी के अध्यक्ष श्री रामबाबू मिश्रा ने समस्त धर्म प्रेमी जनता से अपील करते हुए कहा है कि अधिक से अधिक संख्या में श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कर पुण्य अर्जित करें
इधर स्वामी श्री नारायण चैतन्य महाराज जी ने कहा श्रीमद् भागवत कथा, ज्ञान, कर्म, आध्यात्म और जीवन कल्याण का मार्ग प्रदर्शित करती है भवसागर पार होनें का सुन्दर सेतु है।
उन्होनें कहा जीवन में कभी भी श्रीमद् भागवत कथा आयोजन श्रवण का अवसर मिले तो अवश्य ग्रहण करें व महापुण्य के भागी बनें। इसका श्रवण अभयत्व को प्रदान करने वाला है।श्रीमद भागवत कथा की महिमां बताते हुए उन्होनें कहा भागवत कथा सुनने से जीवन को मुक्ति मिलती है। और आनन्द का संचार होता है।उन्होनें कहा भागवत जीवन का सार है व कलियुग का कल्प वृक्ष, जो हमें जीवन जीने की सरल व अलौकिक राह प्रदान करता है।व अभयता प्रदान करता है। जीवन का ज्ञान श्रीमद्भागवत कथा से ही प्रकट होता है। उन्होंने मन को बंधन और मुक्ति दोनों का कारण बताया। और कहा कि मन को वश में करके इसे परमात्मा से जोड़ना ही जीवन का सार है।और परमात्मा को प्राप्त करना ही मानव जीवन का उद्देश्य है।भागवत कथा का श्रवण,मनन,व पालन समस्त दु:खों का अंत है जो जीवन को मर्यादित रहने की प्रेरणा देता है। अपनी सुधामय वाणी की धार से वार्ता करते उन्होंने आगे कहा मनुष्य काम, क्रोध, मद व लोभ के वशीभूत होकर प्रभु से दूर होता चला जाता है और यही ब्यथा जीवन भर उसका पीछा नहीं छोड़ती है जबकि अगर जीवन की व्यथा को दूर करना हो तो भागवत कथा का श्रवण कर प्रभु के चरणों में अनुराग करना चाहिए। यही जीवन की सार्थकता है

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