गोगा जी महाराज का विशेष पूजन व भण्ड़ारा अवंतिका मन्दिर में आज

ख़बर शेयर करें

 

अवंतिका मंदिर लाल कुआं में आज गोगा जी महाराज का जन्मउत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है यहाँ आज प्रातः काल से मंदिर परिसर में स्थित गोगा जी महाराज के पूजन की तैयारियां उल्लास व उमंग पूर्वक चल रही है पूजन कार्यक्रम की जानकारी देते हुए आचार्य प० चन्द्र शेखर जोशी ने बताया कि 20 अगस्त शनिवार को प्रातः बाला जी का चोला श्रृंगार , गणेश पूजन , षोडष मातृकाओं का पूजन, नव ग्रह पूजन , यज्ञ , हवन महा आरती के बाद भण्डारे का आयोजन किया जा रहा है और जन्मोत्सव के इस पावन अवसर पर सांय 6 बजे शुद्ध खोये का केक गोगा जी को समर्पित किया जाऐगा उन्होंने बताया की कार्यक्रम के यजमान आलोक वर्मा द्वारा लोक कल्याण लोकमंगल एवं क्षेत्र की सुख समृद्धि के लिए यह आयोजन यहां किया जा रहा है

यहाँ अवन्तिका दरबार में गोगाजी महाराज की भी मूर्ति स्थापित है दूरदराज क्षेत्रों से इनके भक्त यहां दर्शन करने को आते रहते हैं उल्लेखनीय है कि ये एक महान् योद्वा थे धर्म रक्षक के रुप में इनकी ख्याति दूर-दूर तक फेली हुई है, हनुमान गढ़ जिले के उपखण्ड में गोगाजी के पावन धाम गोगा मेड़ी स्थित गोगीजी का समाधि स्थल इनके जन्म स्थान से लगभग 81 किमी की दूरी पर स्थित है यहां हिन्दू व मुस्लिम दोनों पुजारी भक्तों का मार्ग दर्शन करते है, खासतौर से श्रावण शुक्ल पूर्णिमा से लेकर भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा तक यहा लगने वाले मेले में भक्तजन पधाकर स्वयं को धन्य मानते है। हिन्दू समाज जहां इनको गोगा जीके नाम से पुकारता है, वही मुस्लिम समुदाय जाहर वीर के नाम से इनके दरबार में मत्था टेकते है, सिख समुदाय के लोगों की भी इनके प्रति आस्था है, इनके पिता का नाम जेवर सिंह था जो चौहान राजवंश से सम्बद्व रखते थे इनकी स्तुति करने वाला सर्पभय से मुक्त रहता है।

यह भी पढ़ें 👉  अनुमति मिलते ही नगर पंचायत लालकुआं करवाएगी 300 से 400 गौवंश के लिए शेड का निर्माण ,क्षेत्र को मिलेगी निराश्रित गौवंश से निजात

इसलिए इनको सांपो का देवता भी कहा जाता है इनका जन्म स्थान साधना की दृष्टि से बेहद उपयोगी माना जाता है जयपुर से लगभग 250 किमी दूर स्थित सादलपुर के पास इनकी जन्म भूमि में गुरु गोखनाथ जी का भी आश्रम है घोड़े पर सवार इनकी मूर्ति के दर्शन भक्तों को अलौकिक शान्ति देती है। इनके जन्म स्थान पर भी व त्यौहारों के अवसर पर विशेष मेले लगते है।
लालकुआं स्थित अवन्तिका दरबार में इनके भक्तों ने इनकी मूर्ति स्थापित कर अपने ईष्ट के प्रति अगाध श्रद्वा व्यक्त की है, समय समय पर यहां भजन-कीर्तनों का आयोजन होता रहता है।

यह भी पढ़ें 👉  ठेला, फड, वेंडर्स कल्याण समिति की बैठक जिलाधिकारी कार्यालय में सम्पन, इस विषय पर हुआ विचार विर्मश

गोगा नवमी का पर्व हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि के दिन मनाया जाता है गोगा जी महाराज गुरु गोरखनाथ जी के महान शिष्य में एक थे धर्म की रक्षा सेवा व ध्यान ही इनके जीवन का परम लक्ष्य रहा यह अतुलित बलशाली योद्धाओं में एक रहे
कहा जाता है कि इनका जन्म कुमाऊं के न्याय कारी देवता गोलू देवता की भांति ही गुरु गोरखनाथ जी के वरदान से हुआ था इनकी माता बाछल देवी निःसंतान थी। मान्यता है कि जब गुरु गोरखनाथ ‘गोगामेडी नामक’ टीले पर भगवान शिव की तपस्या कर रहे थे। तब इनकी माता बाछल देवी उनकी शरण मे गईं उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर गुरु गोरखनाथ जी ने उन्हें महा प्रतापी न्यायकारी पुत्र की प्राप्ति का वरदान दिया और प्रसाद स्वरूप एक गुगल नामक फल उन्हें भेंट किया प्रसाद के प्रभाव से ही इनका जन्म गोगाजी महाराज पड़ा

Ad
Ad Ad Ad Ad
Ad