सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहा है सूकना गाँव, मार्गनिर्माण के अभाव में वर्षों से धक्के खा रहे हैं ग्रामीण

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दन्या( अल्मोड़ा)सुकना गाँव का सौंदर्य अपने आप में बड़ा ही अदितीय है जनपद अल्मोड़ा के दन्या क्षेत्र में स्थित यह गाँव आध्यात्मिक संस्कृति की महान विरासत है एक से बढ़कर एक महान प्रतापी योद्धाओं ने यहां की धरती पर जन्म लेकर देश की रक्षा व सेवा की है इसलिए यह गांव स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का भी गाँव कहा जाता है गांवों के विकास की बात जहां तक की जाती है वहां यह गांव विकास से कोसों दूर है यहां विकास के दावे खोखले साबित हैं शासन प्रशासन की उदासीनता के चलते स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का यह प्रसिद्ध गांव आज गुमनामी के साए में गुम है जबकि यहां की धरती पर भगवान शिव की प्राचीन मंदिर उधाणेश्वर महादेव का मंदिर भी काफी लोकप्रिय है जिसका जिक्र पुराणों में विस्तार के साथ आता है सड़क शिक्षा यातायात से वंचित गांव वासी अब दूरदराज क्षेत्रों को पलायन करने के लिए मजबूर हो गए है बचे खुचे ग्रामीण जन ही गांव में किसी तरह अपनी गुजर-बसर कर रहे हैं चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में यहां के लोगों को दूरदराज क्षेत्रों में जाकर के अपना इलाज करवाना पड़ता है मार्ग की इतनी जर्जर हालत है की पैदल चलना भी इस गांव की गलियों में दुश्वार हो गया है

गाँव के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता श्री मोहन चंद्र जोशी ने मुख्यमन्त्री को पत्र लिखकर मांग की है कि ऊधाणेश्वर महादेव मंदिर से गाँव तक तीन किमी सड़क बनानें की मांग की है
ग्राम वासियों की ओर से भेजें गये पत्र में श्री जोशी ने उल्लेख करते हुए लिखा है जनपद अल्मोड़ा के विकास खण्ड धौलादेवी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत “दन्या”‘ सुकना” गाँव स्वतन्त्रता सेनानी परम आदरणीय श्रीमान देवीदत्त जोशी जी का गांव है स्वतन्त्रता के 75 साल बाद भी यह गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित है मार्ग निर्माण न होनें से गाँव वासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है

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सुकना गांव तथा इस क्षेत्र में भारतीय सेना को अपनी अतुलनीय सेवाएं प्रदान करनें वाले लगभग 5 बुजर्ग जिनकी उम्र 80 के ऊपर है रहते है जिन्हे मूलभूत सुविधाओं के अभाव में बेहद झंझावतों का सामना करना पड़ता है

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गांव के ही वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता श्री डी सी जोशी कहते हैं कि आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी इस गांव का बड़ा ही महत्व है यदि तीर्थाटन की श्रृंखला को विकसित किया जाए तो आसपास के गांव में अनेकों पौराणिक धरोहर हैं जो परम पावनता का केंद्र बन सकती हैं

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गाँव के निवासी हरीश चन्द्र जोशी, दिनेश चन्द्र जोशी, गोविन्द बल्लभ जोशी, कैलाश चन्द्र जोशी, मोहन सिंह , तारा दत्त, गणेश सिंह, आदि तमाम ग्रामीणों ने यथाशीघ्र इस गांव में मार्ग निर्माण की मांग करते हुएअन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की सरकार से मांग की है अब देखने का विषय यह है की सरकार की इस गांव के प्रति कब नजरें इनायत होती है

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