मंगलवार 07 अक्टूबर को सनातन परम्परानुसार होगा स्व० मोहन चद्र पंत का पीपल पानी संस्कार कार्यक्रम
भरे-पूरे परिवार द्वारा हीरानगर स्थित अपने आवास पर किया जाएगा पितृ भोज का विशाल आयोजन
हल्द्वानी ।
सादा जीवन उच्च विचार की प्रतिमूर्ति एवं मानवीय मूल्यों की अद्भुत मिशाल रहे पूर्व वन क्षेत्राधिकारी स्व० श्री मोहन चन्द्र पन्त का ‘ पीपल पानी ‘ संस्कार कार्यक्रम 07 अक्टूबर मंगलवार को सनातन परम्परानुसार सम्पन्न किया जाएगा ।
इसी क्रम में उनके भरे – पूरे परिवार द्वारा हीरानगर स्थित अपने आवास पर एक विशाल ‘पितृ – भोज’ का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी स्वजनों, परिजनों, मित्र गणों एवं शुभ चिन्तकों की श्रद्धापूर्ण उपस्थिति रहेगी ।
बताते चलें कि पूर्व वन क्षेत्राधिकारी मोहन चन्द्र पन्त 26 सितम्बर 2025 को 91 वर्ष की आयु में अपने भौतिक शरीर का त्याग कर गोलोक धाम को प्रस्थान कर गए थे । सनातन हिन्दू परम्परानुसार 07 अक्टूबर मंगलवार को उनका उनका पीपल पानी का कार्यक्रम सम्पन्न होना है।
स्व० मोहन चन्द्र पन्त एक कर्मठ, संवेदनशील एवं कर्तव्यनिष्ठ वन क्षेत्राधिकारी के साथ-साथ एक महान पर्यावरण प्रेमी एवं निःस्वार्थ समाजसेवी के रूप में भी लोकप्रिय रहे और इस प्रकार जीवनभर मानवीय संवेदनाओं के आलोक में अन्ततः 26 सितम्बर को अपना जीवन सार्थक करते हुए गोलोक धाम को प्रस्थान कर गए।
लोकप्रिय समाजसेवी मोहन चन्द्र पन्त के निधन पर क्षेत्रभर के सामाजिक, राजनैतिक, आध्यात्मिक एवं व्यावसायिक जगत से जुड़े हुए तमाम लोगों द्वारा उनको भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई और उनके निधन को समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए गहरी संवेदनाएं व्यक्त की गई ।
सेंचुरी पल्प एण्ड पेपर मिल के उपाध्यक्ष नरेश चन्द्रा ने भी मोहन चन्द्र पन्त के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया था। नरेश चन्द्रा ने हीरानगर स्थित उनके आवास पर पहुंच कर अपनी शोक संवेदना प्रकट की और उनके परिवारीजनों को ढांढस बंधाया ।
स्व० श्री मोहन चन्द्र पन्त मूलरूप से पन्त गॉव रानीखेत के निवासी थे और वन विभाग की सेवा में आने के बाद हल्द्वानी के हीरानगर में बस गए थे। उनकी धर्म पत्नी चम्पा पन्त एक सुसंस्कारित एवं धर्मपारायण गृहिणी थी और अपने परिवार को संवारने तथा तीनों बच्चों को शिक्षित व सुसंस्कारी बनाने में उनके द्वारा किये गए त्याग व समर्पण को आज भी परिवार व मित्रगणों में श्रद्धा व सम्मान से याद किया जाता है। वर्ष 2001 में उनका निधन हो गया था ।
स्व० मोहन चन्द्र पन्त के दो पुत्र और एक पुत्री हैं, जो अपने माता- पिता से प्राप्त सेवा, त्याग, सद्भाव एवं मानवीय गुणों जैसे संस्कारों से प्रेरित होकर सम्मान पूर्वक अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
बड़े पुत्र सतीश चन्द्र पन्त एक सफल व्यावसायी हैं जबकि छोटे पुत्र हेम चन्द्र पन्त, सेंचुरी पेपर मिल में बतौर इंजीनियर अपनी शानदार व यादगार सेवाएं देने के बाद सेवा निवृत्त हुए हैं और अब सामाजिक कार्यों में योगदान करते आ रहे हैं। दोनों ही भाइयों का सभ्य, सुशिक्षित एवं सुसंस्कारित परिवार वर्तमान में हीरानगर में निवास करता है।
श्रीमती कृष्णा लोहनी स्व० श्री मोहन चन्द्र पन्त व स्व० श्रीमती चम्पा पन्त की तीसरी सन्तान हैं। कृष्णा लोहनी के पति डॉ० बी सी लोहनी एक जाने-माने डॉक्टर हैं और वर्तमान में बरेली – उत्तर प्रदेश में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
स्व० श्री मोहन चन्द्र पन्त ने पर्यावरण के क्षेत्र में अनेकानेक प्रेरक कार्य किए । पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरुकता अभियान चलाने से लेकर जगह-जगह गोष्ठियां आयोजित कराना और जीवन पर्यन्त पौधारोपण अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाना उनके स्वभाव का हिस्सा रहे।
सामाजिक समस्याओं अथवा सामाजिक सरोकारों को लेकर जिस तरह से स्व० मोहन चन्द्र पन्त आजीवन मुखर रहे, उससे समाज के तमाम लोग आज भी प्रेरणा लेते हैं।
हीरानगर आवासीय सोसायटी के वह लम्बे समय तक चेयरमैन रहे और एक जिम्मेवार नागरिक तथा संरक्षक की भूमिका में अपने दायित्वों का उन्होंने निष्ठापूर्वक निर्वहन किया । उनके व्यक्तित्व की सुचिता एवं महान आदर्श उनके परिवार व स्थानीय समाज के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत बनकर सभी के लिए सार्थक सिद्ध होंगी, ऐसा स्व० श्री मोहन चन्द्र पन्त के हमउम्र लोगों का भरोसा है।
कुल मिलाकर स्व० मोहन चन्द्र पन्त का जीवन समाज के लिए सदैव प्रेरणादायी रहेगा ।











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