महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत रत्न पंडित गोविन्द बल्लभ पंत व उनके परिवार का राष्ट्र निर्माण में योगदान पर वैबसाइट का शीघ्र होगा शुभारम्भ : गोपाल रावत

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युवाओं को महापुरुषों के जीवन से परिचित कराने तथा नये भारत के निर्माण में जुटने को प्रोत्साहित करने की है कोशिश
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हल्द्वानी ( नैनीताल ), भारत रत्न पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त जयन्ती समारोह समिति द्वारा भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त तथा उनके परिवार का राष्ट्र निर्माण में योगदान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक अभिनव प्रयास आरम्भ किया है। इसके तहत समिति जल्द ही एक वैबसाइट लॉन्च करने की तैयारियों को अन्तिम रूप देने में जुटी हुई है ।

यह बात यहाँ गोरापड़ाव स्थित समिति के कैम्प कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए ” भारत रत्न पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त जयन्ती समारोह समिति के प्रदेश मुख्य संयोजक गोपाल रावत ने कही।

श्री गोपाल रावत ने कहा कि महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व० पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त का आजादी की लम्बी लड़ाई में जो संघर्ष रहा, जो त्याग रहा और जो ब्रितानी हुकूमत द्वारा जो कठोर यातनाए दी गयी थी, उस सब के बारे में पुराने लोगो को तो जानकारियां रही हैं, परन्त आज की नई पीढ़ी उन तमाम बातों से परिचित नहीं है। श्री रावत ने कहा कि आजादी के बाद भी देश के नव निर्माण में भारत रत्न पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त का योगदान स्वर्णाक्षरों में दर्ज है । इतना ही नहीं बाद में उनके सुपुत्र स्व कृष्ण चन्द्र पन्त का भी देश को आगे ले जाने में अदभुत योगदान रहा।
श्री रावत ने कहा कि महान लोगो का जीवन हर नई पीढी के लिए अनुसरणीय व प्रेरणादायी होता है, वशर्ते उनके व्यक्तित्व व कृतित्व से नई पीढ़ी भली-भांति परिचित हो । उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में समाज महापुरुषों समाज व देश के लिए दिये गये उनके योगदान को भूलता जा रहा है । ख़ासतौर से युवा पीढ़ी अपने महान आदर्शो को लेकर उदासीन हो चली है। ऐस में युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाने से लेकर दायित्वों व कर्त्तव्यों के प्रति जागरूक करने तथा उनका सही मार्ग दर्शन करने के लिए समिति द्वारा www. pantpath.org नाम से एक वैबसाइट तैयार की गयी है, जिसे जल्द ही लॉन्च किया जायेगा। वैबसाइट के जरिये पन्त परिवार का राष्ट्र प्रेम, देश भक्ति, त्याग, संघर्ष व नये भारत के निर्माण में किये गये योगदान को लेकर विस्तृत जानकारी देश – दुनिया तक पहुंचाने का प्रयास है। ताकि युवाओ को राष्ट्र निर्माण के लिए आगे आने तथा अपनी भूमिका सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित किया जा सके श्री रावत ने कहा कि यह वैबसाइट एक डिजिटल संग्रह तथा शैक्षिक संसाधन के रूप में उपयोग की जायेगी, जिसके जरिये भारत रत्न गोविन्द बल्लभ पन्त जीवन यात्रा के ऐतिहासिक घटनाओ से लेकर देश के लिए किये गये कार्यों का विस्तृत विवरण सुलभ हो सकेगा। उन्होंने कहा कि एक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका से लेकर
वर्ष 1937- 39 में संयुक्त प्रान्त के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में स्व गोबिन्द बल्लभ पन्त के महान कार्यों तथा स्वतंत्र भारत के गृह मंत्री के रूप में देश के नव निर्माण में उनके द्वारा किए गए ऐतिहासिक कार्यों को जानकर आज की पीढ़ी निश्चित रूप से उन पर गर्व करेगी और प्रेरणा लेकर देश के स्वाभिमान को बढ़ाने में अवश्य भागीदारी करेगी
यहाँ यह उल्लिखित करना भी महत्वपूर्ण है कि पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त के महान कार्यों के चलते उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ” भारत रत्न ” से अलंकृत किया गया था । देश सेवा की उनकी महान बिरासत को बाद मे उनके सुपुत्र कृष्ण चन्द्र पन्त ने बढ़ाया और 25-30 वर्षों तक अलग-अलग केन्द्रीय मंत्रालयों का कुशल व सफल नेतृत्व किया।

श्री रावत ने कहा इला पंत का राजनीतिक कार्यकाल भी इस परिवार की जनसेवा के प्रति अटूट समर्पण को दर्शाता है, जिसमें उनका अपने कार्यकाल के दौरान प्रभाव महत्वपूर्ण रहा। वह संसद में विदेशी मामलों की सलाहकार समिति की सदस्य भी थी

स्वर्गीय के सी पन्त के बाद उनकी धर्म पत्नी श्रीमती इला पन्त नैनीताल संसदीय सीट से सासद चुनी गयी, और इस प्रकार अपने परिवार की राष्ट्र सेवा की परम्परा को आगे बढ़ाया । संसद में वह विदेशी मामलों की समिति में सदस्य रही तथा अपनी शानदार भूमिका निभाते हुए परिवार का गौरव बढ़ाया ।
वर्तमान में पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त के नाती यानी के सी पन्त के सुपुत्र सुनील पन्त बेशक! सक्रिय राजनीति से दूरी बनाए हुए हैं, लेकिन अनेकानेक सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यों से जुड़ कर समाज व देश के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं। इस तरह समाज राष्ट्र के प्रति अपने परिवार की सेवा परम्परा को लेकर समर्पित हैं।

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बल्लभ पन्त परिवार– एक दृष्यावलोकन
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+ पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त
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1916-20 कुली बेगार प्रथा समाप्त करने को अंग्रेजी सरकार के विरुद्ध विशाल जन आन्दोलन का सफल नेतृत्व
1920-45- स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान बिटिश सरकार द्वारा अनेकों बार जेल में डालकर यातनाएं ही गयी ।
1937- 39– तत्कालीन संयुक्त प्रान्त के प्रधानमंत्री रहे।
1946-54– प्रथम मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
1954-61– केन्द्रीय गृह मंत्री, भारत सरकार व नेता सदन राज्यसभा

के सी पन्त
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1962-67 — संसद सदस्य नैनीताल
1967-71 — संसद सदस्य नैनीताल, भारी उद्योग मंत्री व वित्त मंत्री भारत सरकार
1971 – 77 — संसद सदस्य केन्द्रीय विजली, इलैक्ट्रोनिक, परमाणु ऊर्जा मंत्री
1978-84– संसद सदस्य राज्यसभा- उत्तर प्रदेश
1979-80 — नेता सदन, राज्यसभा
1982-84– अध्यक्ष, ऊर्जा सलाहकार बोर्ड
198-90 — केन्द्रीय शिक्षा मंत्री, इस्पात व खान मत्री, रक्षा मंत्री भारत सरकार
1992-95 — अध्यक्ष, 10वें वित्त आयोग
1998-2004 — राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के गठन के लिए टास्क फोर्स के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष योजना आयोग, केन्द्रीय मंत्री मण्डल में सुरक्षा परिषद के सदस्य, कश्मीर के लिए प्रधानमंत्री के वार्ताकार, प्रधानमंत्री द्वारा आधारभूत संरचना पर गठित कार्यबल के अध्यक्ष, भारतीय जनसंख्या आयोग के अध्यक्ष, अध्यक्ष- RIS, भारत- ब्रिटेन राउण्ड टेबल वार्ता के अध्यक्ष ।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की नींव रखने व प्रथम एन एस ए की नियुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
इला पन्त
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1998-99 — संसद सदस्य, नैनीताल ‘
संसद में विदेशी मामलों की सलाहकार समिति की सदस्य रहीं
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मदन मधुकर

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