एक अदद पक्का मार्ग होता तो शायद बच जाती सूरज की जान ,मोना गाँव को सड़क से जोड़ने या फिर जर्जर सम्पर्क मार्ग को दुरुस्त करने की माँग लम्बे समय से कर रहे थे ग्रामीण

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 *पटोजी गधेरे के पास ठीक उसी जगह पर पहले भी हो चुके हैं हादसे

*सरकार, विभाग व जनप्रतिनिधि, किसी ने भी ग्रामीणों के दर्द को समझने की नहीं समझी जरूरत
 *पाताल भुवनेश्वर के समीपवर्ती गाँवों में बदहाल सड़कों और जर्जर ग्रामीण मार्गों पर हादसे और दुर्घटनाएं होना कोई नई बात नहीं
 

*सरकार व विभागीय अधिकारियों की लगातार अनदेखी से गुस्से में हैं क्षेत्रवासी

गंगोलीहाट ( पिथौरागढ़ ), तहसील गंगोलीहाट अन्तर्गत मोना गांव तक सड़क मार्ग ना सही, यदि गाँव तक पहुंचने के लिए एक अदद पक्का मार्ग भी होता तो शायद 22 वर्षीय युवक सूरज भण्डारी की जान बच जाती ।

अत्यधिक संकरा व जर्जर मार्ग होने के कारण अपने गॉव से ठीक एक किमी पहले पटोजी गधेरे के पास अचानक फिसलकर 300 मीटर गहरी खाई में गिरने से 22 वर्षीय युवक सूरज पुत्र विक्रम सिंह,की जान चली गई।
ग्राम प्रधान श्रीमती भण्डारी ने अवगत कराया है कि कुछ दिन पूर्व ही सूरज की दादी का निधन हुआ था । सूरज अपने चचेरे भाई कमल के साथ पीपलपानी का सामान लेने गगोलीहाट बाजार गया था । बाजार से वापसी में सायंकाल लगभग चार बजे मुख्य सड़क से सामान लेकर पैदल गॉव को आ रहे थे, जैसे ही दोनों युवक गॉव से एक किलोमीटर पहले पटोजी गधेरे के पास पहुंचे, मार्ग उबड़-खाबड़ व जर्जर होने के कारण सूरज का पैर फिसल गया और वह गहरी खाई में जा गिरा ।
ग्राम प्रधान ने बताया कि हादसे के तुरन्त बाद चचेरे भाई कमल ने स्वयम उनको, क्षेत्र पंचायत सदस्य को, मन्दिर समिति अध्यक्ष और ग्रामीणों को इस बाबत सूचना दी ।

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ग्राम प्रधान श्रीमती दीपा भण्डारी ने बताया कि सूचना पा कर सभी लोग मौके पर पहुंचे और बड़ी-बड़ी रस्सियों के सहारे किसी तरह दो घन्टे की मशक्कत के बाद कुछ युवक खाई में उतर पाये । खाई में सूरज लहुलुहान और बेहोश पड़ा था । शीघ्र ही उसको सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बेरीनाग ले जाया गया, जहाँ चिकित्सकों द्वारा सूरज को मृत घोषित कर दिया ।

इस हादसे के बाद से मोना गॉव के लोगों के साथ – साथ आस-पास के गाँवों की जनता में भी सरकार, प्रशासन व विभागीय अधिकारियों के प्रति जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है ।

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ग्राम प्रधान श्रीमती दीपा भण्डारी ने बताया कि मोना गॉव को सड़क मार्ग से जोड़ने की माँग ग्रामीणों द्वारा लम्बे समय से की जाती रही है, परन्तु आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई । उन्होंने बताया कि थक-हार कर ग्रामीणों ने सरकार, जिला प्रशासन व क्षेत्रीय विधायक से आग्रह किया कि फिलहाल यदि गॉव तक सड़क निर्माण सम्भव नहीं है तो, कम से कम गॉव के आवा-जाही के लिए जर्जर, संकरे व खतरनाक पैदल मार्ग को ही दुरुस्त करा दें।

उन्होंने कहा कि बार-बार अनुनय – विनय के बावजूद किसी भी स्तर से ग्रामीणों के दर्द को समझने की जरूरत तक नहीं समझी गयी । जबकि इस पैदल मार्ग से मोना गॉव के अलावा छतौड़ी गॉव के लोगों व स्कूल बच्चों की हर रोज आवा-जाही रहती है। सरकार की अनदेखी का ही कारण है कि हादसे वाली जगह पर ऐसी भयावह घटनाएं अब आम होने लगी हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी इसी जगह पर तीन ग्रामीण खाई में गिर कर गम्भीर रूप से जख्मी हो चुके हैं।

पाताल भुवनेश्वर मन्दिर समिति के अध्यक्ष श्री नीलम भण्डारी का कहना है कि क्षेत्रभर में तमाम सड़क मार्गों की स्थिति बदहाल देखी जा सकती है। ज्यादातर गावों तक आज भी पैदल रास्तों से ही आना-जाना होता है, जिनकी जर्जर हालत की तरफ किसी भी जिम्मेवार अधिकारी अथवा जनप्रतिनिधि का ध्यान आज तक नहीं गया ।
श्री भण्डारी ने कहा कि क्षेत्र भर की सड़कों व ग्रामीण पैदल सम्पर्क मार्गों को दुरस्त किये जाने को लेकर सरकार व प्रशासन से प्रार्थना की गयी , परन्तु हर बार ग्रामीणों को निराश होना पड़ा है।

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श्री नीलम भण्डारी ने राज्य सरकार से प्रार्थना करते हुए कहा है कि सरकारी व विभागीय लापरवाही के चलते अपनी जान गंवा चुके युवक सूरज के परिवार को 20 लाख रुपए की आर्थिक मदद प्रदान की जाए।
उन्होंने कहा है कि क्षेत्रभर में इस घटना को लेकर जनता में सरकार व प्रशासन के प्रति जबर्दस्त गुस्सा है । यदि समय रहते क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में आवा-जाही सुरक्षित बनाने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए तो फिर क्षेत्रीय जनता के समक्ष सड़कों पर उतर कर आन्दोलन करना ही एकमात्र विकल्प रह जायेगा।

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