योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की अद्भूत कथा को सुनकर श्रद्वालु जन आनन्द विभोर हो उठे।

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लालकुआँ के अवंतिका मन्दिर में श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की अद्भूत कथा को सुनकर श्रद्वालु जन आनन्द विभोर हो उठे।
प्रसिद्ध कथा वाचक व्यास श्री नमन् कृष्ण महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की सुन्दर कथा का वाचन करते हुए कहा जो प्राणी अपने आराधना के श्रद्वापुष्प प्रभु श्रीकृष्ण के चरणों में अर्पित करता है,अर्थात् जो श्रीकृष्ण की शरणागत है वह सदा अभयत्व पूर्ण जीवन जीकर मुक्ति का अधिकारी बनता है।तथा उसके रोग,शोक,दुःख,द्ररिदता एंव विपदाओं का हरण हो जाता है।

श्री महाराज ने कहा कि भागवत तो साक्षात भगवान का स्वरुप है। इसके ज्ञान मात्र से ही मानव धन्य हो जाता है। वास्तविक व्यक्ति तो वही है जो इसके गुणों को अपनाता है।

श्रीमद्भागवत मे भगवान ने कहा कि जब मनुष्य में अहम हो जाएं वहां मेरा दर्शन नहीं हो सकता। ईश्वरीय प्रेम के बिना मानवीय जीवन का कल्याण नहीं हो सकता। उन्होनें कहा धन का लालच मनुष्य को अंधा बना देता है इससे सबसे उपर उठकर श्रीकृष्ण की कृपा पात्र बनों।
उन्होनें कहा श्रीमदभागवद कथा मनुष्य को सन्मार्गी बनने की प्रेरणा देती है यह आत्मा से परमात्मा का मिलन कराते हुए ईश्वरीय शक्ति का साक्षात्कार कराती है, श्रीं कृष्ण जन्म की कथा के साथ चतुर्थ दिवस की मंगलमयी कथा में, वामन अवतार की कथा गजेंद्र मोक्ष की कथा ,समुद्र मंथन की कथा ,भक्त अंबरीष का चरित्र,राम जन्म, मत्स्य अवतार , सत्य व्रत राजा व सगर की कथा, गंगा माता की कथा, एवं नंदोत्सव, की कथाओं के साथ-साथ प्रभु के पावन चरित्र का सुंदर वर्णन किया

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इस अवसर पर श्री महाराज ने रामकथा के विभिन्न प्रसंगों पर सुधामयवाणी से चर्चा की श्रद्धालु जन रामकथा को सुनकर गदगद हो उठे तुलसीदास की रामभक्ति की प्रगाढता पर विस्तृत चर्चा करते हुए श्री नमन कृष्ण महाराज जी द्वारा राम जन्म जानकी विवाह सहित राक्षसों के वध एवं राम नाम की महिमा पर प्रकाश डाला गया रामायण के अनेकों प्रसंगों का उन्होंने सुंदर वर्णन किया उन्होनें कहा राम का जीवन हमारे जीवन को आदर्श बनाने की प्रेरणा देता है। उन्होंने हनुमान जी की राम भक्ति पर भी विस्तृत चर्चा की उन्होंने कहा कथा कलयुग में कामधेनु के समान है। कलिकाल में राम नाम स्मरण एवं भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही मानव कष्टों से छुटकारा पाकर जीवन को धन्य कर सकता है। उन्होंने कर्म की शुद्धता पर बल दिया और कहा जितनी कर्म की शुद्धता होगी, भगवान उतनी ही भक्त पर कृपा करेंगे। कर्म करना व्यक्ति के वश में है इसलिए व्यक्ति को कर्म करते रहना चाहिए और सब कर्मों को श्रीराम के अधीन छोड़ देना चाहिए
उन्होनें ने कहा श्रीमद्भागवत अत्यंत पावन पुराण है। यह भगवत्स्वरूप का अनुभव कराने वाला और समस्त वेदों का सार है। संसार में फंसे हुए लोगों को भवसागर पार करानें वाला है। श्रीमदभागवत कथा हम सब को जीवन जीने की कला सीखाती है

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आज की कथा के पावन अवसर पर श्री नमन कृष्ण महाराज जी ने भगवान के विभिन्न अवतारों की कथाओं का भी वर्णन किया

इस अवसर पर पूर्व कैबीनेट मन्त्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल वरिष्ठ भाजपा नेता प्रदीप बिष्ट नगर पंचायत अध्यक्ष लाल चन्द्र सिंह पूर्व चैयरमैन राम बाबू मिश्रा घनश्याम शर्मा विपिन भट्ट पूर्व चैयरमैन कैलाश चन्द्र पन्त पूर्व चैयरमैन अरुणा चौहान सभासद हेमन्त पाण्डे योगेश उपाध्याय भोला जी नारायण सिंह बिष्ट पूरन सिंह रजवार रवि शंकर तिवारी प्रेम बल्लभ भट्ट शुभाष शर्मा रितुल शर्मा रामपाल शर्मा प्रकाश चन्द्र जैन श्रीमती दीपा शर्मा पूर्व प्रधान सरिता भक्ता प्रेमा तिवारी उर्मिला मिश्रा व्यापार मण्डल अध्यक्ष दीवान सिंह बिष्ट उपाध्यक्षा मीना रावत संजीव शर्मा विनोद शर्मा माँ अवंतिका मंदिर के आचार्य प० चन्द्रशेखर जोशी आचार्य प० विवेक पाण्डे प० गिरीश भट्ट प० ब्रजेश पन्त प० त्रिलोचन जोशी संगीतज्ञ प० रवि शंकर प० छोटू शरण शर्मा प० श्याम दादा दीप चन्द्र लोहनी विनोद श्रीवास्तव आनन्द बल्लभ डौर्बी ईष्ट देव पाण्डे जीवन सिंह भण्डारी राजेश गोयल
यजमान परिवार के हनुमान प्रसाद गर्ग गणेश गर्ग व गोपी गर्ग सहित तमाम मौजूद रहे

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