चंपावत जनपद में स्थित डिप्टेश्वर अर्थात् दीपेश्वर महादेव जी का मंदिर प्राचीन काल से आस्था व भक्ति का अलौकिक संगम है महादेव जी के इस मंदिर में पहुंचकर जो भी भक्तजन अपने आराधना के श्रद्धा पुष्प दीपेश्वर महादेव जी के चरणों में अर्पित करता है उसके समस्त संकटों का हरण हो जाता है मंदिर की मान्यता दूर-दूर तक फैली हुई है भक्तजनों का मानना है कि इस दरबार में कालसर्प दोष का निवारण अति शीघ्र होता है
यहां पर किए जाने वाला यज्ञ परम वैभवता को प्रदान करता है रमणीक पर्वतमाला में स्थित भगवान शिव के इस दरबार की सुंदरता बरबस ही यहां आने वाले भक्तजनों को अपनी ओर आकर्षित करती है मंदिर प्रांगण के चारों ओर से दृष्टिगोचर होने वाली पर्वत श्रृंखलाएं यहां के सौंदर्य में चार चांद लगा देती है साधनाकी दृष्टि से भी यह मंदिर अद्भुत शांति का केंद्र है
यहाँ पूजा- अर्चना को पहुंचे वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मी दत्त सूतेड़ी ने बताया उत्तरमुखी गंडक नदी के तट पर स्थित यह मन्दिर काल सर्प योग की पूजा के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है
चंपावत जनपद मुख्यालय से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर गौड़ी मोटर मार्ग में स्थित डिप्टेश्वर महादेव मंदिर शिव भक्तों के लिए भगवान शिव की ओर से अलौकिक सौगात है
लोक मान्यताओं के अनुसार मंदिर के पास कल कल धुन में बहती गंडक नदी में दीप प्रज्जवलित रहती है
जिसके दर्शन शौभाग्य शाली मनुष्य को होते है डिप्टेश्वर महादेव को सप्त ऋषियों के सबसे बड़े भाई के रूप में यहाँ पूजा जाता है
रिपोर्ट : रमाकान्त पन्त



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