आदर्श अनुशासन, कुशल प्रबन्धन एवं स्वस्थ शैक्षिक वातावरण के चलते देवभूमि में बनाई अलग पहचान

ख़बर शेयर करें

——————++————-
आदर्श अनुशासन, कुशल प्रबन्धन एवं स्वस्थ शैक्षिक वातावरण के चलते देवभूमि में बनाई अलग पहचान
+++++++++++(++++++
हल्द्वानी ( नैनीताल ), नगर के जयदेवपुर आर टी ओ रोड कुसुमखेड़ा स्थित यूनिवर्सल कान्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में जो उच्च प्रतिमान स्थापित किये गये हैं, वस्तुतः अपने आप में अदभुत एवं अनुकरणीय हैं।आदर्श अनुशासन, कुशल प्रबन्धन,स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण और समग्र शिक्षा की बेहतर गुणवता के चलते स्कूल ने जनपद नैनीताल समेत समूचे उत्तराखण्ड में अपनी एक अलग पहचान बनाई है ।दरअसल इस मुकाम को हासिल कर पाना, स्कूल के एम डी सुनील जोशी व स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती मंजू जोशी की सामूहिक प्रतिबद्धता, कड़ी मेहनत, सतत संघर्ष, त्याग, धैर्य और साहस के कारण ही सम्भव हो सका है।वर्ष 1994 में सुनील जोशी व उनकी धर्म पत्नी मंजू जोशी द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में कुछ अलग व विशेष करने का संकल्प लेकर स्कूल की नींव रखी गयी और शुरुआत में नर्सरी से पांचवी तक की कक्षाएं छोटे से भवन में अंग्रेजी माध्यम से आरम्भ की गयी। यह वह दौर था जब उत्तराखण्ड राज्य गठन की सुगबुगाहट बढ़ चली थी, हल्द्वानी शहर विकास की सरपट भागने को तैयार था और नित नये पब्लिक स्कूल खुलने लगे थे । यानी हल्द्वानी व आसपास क्षेत्रों में शिक्षा को लेकर एक क्रान्ति सी आ गयी थी। ऐसे में प्रतिस्पर्धा की चुनौती भी स्वाभाविक रूप से सामने थी। तमाम वित्तीय अभावों के बीच तब कई वर्षों तक लगातार संघर्ष करते हुए सुनील जोशी व उनकी धर्म पत्नी मंजू जोशी ने कुशलता पूर्वक विद्यालय का संचालन किया और क्वालिटी एजूकेशन को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर स्कूल को वर्ष दर वर्ष आगे बढ़ाने में सफलता प्राप्त की।

और धीरे-धीरे अपने दृढ़ संकल्प के अनुरूप स्कूल को सीनियर सेकेंडरी स्टेंडर्ड तक पहुंचा कर छात्रों, शिक्षकगणों, अभिभावकों और आखिरकार स्वयम् का एक सुखद सपना साकार कर दिया । मात्र 60-70 बच्चों से शुरू किया गया स्कूल आज अध्ययनरत 1500 से भी अधिक छात्र संख्या के साथ स्वयम के विशाल व खूबसूरत भवन में संचालित है । सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित यूनिवर्सल कान्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आज क्वालिटी एजुकेशन के साथ ही खेल, संगीत, योगा आदि की शिक्षा भी अनिवार्य रूप से प्रदान की जा रही है

यह भी पढ़ें 👉  समाजसेवी दिनेश भारद्वाज को पितृ शोक

इतना ही नहीं समय – समय पर विज्ञान, पर्यावरण, क्लाइमेट चेन्ज जैसे समसामयिक विषयों पर डिबेट, निबन्ध लेखन प्रतियोगिता, कार्यशाला ( work shop ), इवेन्ट्स व शैक्षणिक ट्यूर जैसे आयोजन कर स्कूल की ओर से छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास ( all round development ) पर विशेष ध्यान दिया जाता है  अलग – अलग अवसरों पर सांस्कृतिक आयोजनों के जरिये देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने का प्रयास किया जाता रहा है और भारत की अन्य राज्यों की संस्कृति को भी जानने – समझने का बच्चों को भरपूर मौके मिलते हैं।

आधुनिक विज्ञान और विज्ञान की नित नई खोजों को लेकर छात्रों में रूचि पैदा करने के लिए उनसे सम्बन्धित मॉडल बनाने की भी प्रतियोगिता आयोजित कराई जाती है । यानी क्वालिटी एजूकेशन के साथ-साथ एक्सट्रा करिक्यूलर एक्टीविटीज पर विशेष ध्यान दिये जाने से बच्चों के सोचने, समझने और कार्य करने के तौर तरीकों में सकारात्मक परिवर्तन लाने सतत प्रयासों के चलते ही यूनिवर्सल कान्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल ने तमाम अन्य शिक्षण संस्थानों की अपेक्षा जनपद नैनीताल में ही क्या समूचे राज्य में अपनी एक अलग पहचान बनाई है । यही कारण है कि छात्र – छात्राओं व अभिभावकों में स्कूल को लेकर खास उत्सुकता रहती है।

स्कूल की स्थापना से लेकर वर्तमान तक की यात्रा और इस कालखण्ड के संघर्षों तथा अनुभवों को लेकर स्कूल के प्रबन्ध निदेशक ( MD) सुनील जोशी से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में उनको अनेक चुनौतियों से जूझना पड़ा लेकिन स्कूल की प्रधानाचार्या मंजू जोशी तथा सभी शिक्षक गणों की कड़ी मेहनत, उचित तालमेल व बच्चों के उज्जवल भविष्य को लेकर अपने कर्तव्य के प्रति गहरे समर्पण भाव के चलते स्कूल प्रबन्धन हर प्रकार की चुनौतियो से पार पाने में और अभिभावकों का भरोसा जीतने में सफल रहा । एम डी सुनील जोशी ने कहा कि प्रधानाचार्या की विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्यपूर्वक कार्य करने की क्षमता एवं शिक्षकों को कर्तव्य के प्रति प्रोत्साहित करते रहने की कला का ही परिणाम है कि स्कूल ने शिक्षा जगत में अपना विशिष्ट स्थान हासिल किया है । श्री जोशी ने कहा कि आरम्भ से ही स्कूल केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( CBSE ) के तहत संचालित है और इसी के द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है। उन्होंने कहा कि स्कूल के प्रति और अपने कर्तव्य के प्रति शिक्षकों के सम्पूर्ण समर्पण का ही परिणाम है कि लगातार विगत कई वर्षों से स्कूल शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने में सफल रहा है। बोर्ड परीक्षाओं में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अनेक बच्चों ने मैरिट में जगह बनाई है ।
स्कूल की एक विशेष बात यह भी है कि बच्चों के बेहतर स्वास्थ के दृष्टिगत समय – समय पर उनको स्वच्छता के महत्व से अवगत कराने व स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने सम्बन्धी कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। प्राईमरी से लेकर सीनियर कक्षाओं तक नियमित योगाभ्यास प्रशिक्षित योग शिक्षकों के मार्गदर्शन में कराया जाता है और सीनियर कक्षाओं में तो योग को बाकायदा एक विषय के रूप मे पढ़ाया जाता है।
वर्तमान में विद्यालय का अपना स्वयम का विशाल व भव्य भवन है, जो सभी प्रकार की अत्यानुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। उच्च प्रशिक्षित शिक्षकों व अन्य व्यवहार कुशल कार्मिकों के रहते क्षेत्रभर के अभिभावकों में अपने बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाने की उत्सुकता देखी जाती है।
विद्यालय के उप प्रधानाचार्य पी डी पलड़िया कहते हैं कि समूचा विद्यालय परिवार कठोर अनुशासन, शुद्ध आचरण एवं कर्तव्य के प्रति अत्यधिक सजग व संवेदनशील रहता है। यही सब जीवन मूल्य बच्चों में भी विकसित करने को विद्यालय प्रबन्धन प्रयासरत रहता है। स्कूल मे बतौर कोआर्डिनेटर व फिजिक्स प्रवक्ता अपनी सेवा दे रहीं कंचन पंत ने कहा कि भौतिकी के क्षेत्र में बच्चों कुछ खास करने के लिए अलग से मोटिवेशनल पीरियड्स लिये जाते हैं और इस तरह उनको आगे चलकर भौतिकी में कैरियर बनाने को प्रेरित व प्रोत्साहित किया जाता है । कचन पंत ने बताया कि छात्र- छात्राओं के मानसिक विकास के लिए जहाँ क्विज कम्पटीशन जैसे प्रोग्राम कराये जाते हैं वहीं शारीरिक विकास के मद्देनजर बालीवॉल व फुटबाल जैसे खेलों को भी बढ़ावा दिया जाता है। इसी विजन के तहत स्कूल प्रबन्धन द्वारा अपने स्तर पर हर वर्ष बालीवाल का एक जनपद स्तरीय टूर्नामेंट का भी आयोजन कराया जाता है, जिसमें जिले भर तमाम स्कूलों के बच्चे भागीदारी करते हैं। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर बच्चों में आत्म विश्वास का भाव जगाने के लिए ही उक्त तमाम एक्टीविटीज कराई जाती हैं।
कंचन पंत ने बताया कि स्कूल की ओर से हर वर्ष ” पिनेकल” अर्थात शिखर नाम से एक स्मारिका का प्रकाशन किया जाता है, जिसमें स्कूल की उपलब्धियो से लेकर बच्चो द्वारा विविध विषयों में किये गये श्रेष्ठतम प्रदर्शन को उद्धृत किया जाता है। इसके अलावा बच्चों में रचनात्मक भाव जगाने के लिए हिन्दी कविता लेखन, अंग्रेजी पोइम्स लेखन का अवसर प्रदान किया जाता है । कला, संगीत व संस्कृति को लेकर सम्पन्न किया कलापों को भी स्मारिका में स्थान दिया जाता है।

यह भी पढ़ें 👉  पुण्य तिथी पर विशेष : चलता-फिरता खबरनामा थे दादा दिनेश चंद्र वर्मा

स्कूल के कार्यालय प्रभारी दीप चन्द्र तिवारी कहते हैं कि स्कूल प्रबन्धन का कुशल अनुशासन व एम डी सुनील जोशी का कार्य करने का जुनून वास्तव में अनुकरणीय है। सही मायने में यही कारण है कि यूनिवर्सल कान्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल की अपनी अलग छवि तथा अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि यूॅ तो स्कूल में सभी प्रकार के परम्परागत खेलों को बढ़ावा दिया जाता है, परन्तु एक खेल जो बच्चों के साथ ही उनके अभिभावकों के बीच भी काफी लोकप्रिय है, वह है ” सेपक ताकरा ” । दरअसल यह पावों से और सिर से खेले जाने वाला एक प्रकार का बॉलीवाल का ही खेल है। बच्चों को शारीरिक व मानसिक रूप से चुस्त दुरुस्त रखने में इस खेल का अपना ही महत्व है।
बहरहाल शिक्षा जगत में उत्तरोत्तर प्रगति की ओर अग्रसर यूनिवर्सल कॉनवेंट स्कूल ( हल्द्वानी )में शिक्षको का समर्पण भाव काबिले तारीफ है। वर्तमान में यहाँ होशियार सिंह बोरा, नवीन चन्द तिवारी, सीमा, चित्रा जोशी, भवानी चुफाल, अनीता रावत, प्रीति साह, हेम लता, नूरीन खान, बलवीर सिंह, गौरव बिष्ट सुनील चुफाल, गणेश उपाध्याय व दीपक महरा समेत अनेक अन्य शिक्षक छात्र-छात्राओं के भविष्य निर्माण में अपना भरपूर योगदान दे रहे हैं।/ मधुकर

Ad
Ad Ad Ad Ad
Ad