गुमनामी के साये में बदहाल देव स्थलों का हो विकास गुफाओं के विकास को भी बनें ठोस नीति: खजान गुड्डू

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गंगोलीहाट/ हिमालय की गोद में बसे उत्तराखंड के पवित्र ऑचल में स्थित गंगावली एवं नाग भूमि के तीर्थ स्थलों व पर्यटक स्थलों को गुमनामी के साये से बाहर निकाल कर उनकी महत्ता को देश एवं दुनिया के सामने लाया जाना चाहिये यह भूमि आध्यात्मिक रूप से बेहद समृद्ध शाली भूमि है यह बात पूर्व दर्जा राज्य मन्त्री खजान गुड्डू ने कही उन्होनें कहा प्राकृतिक सौदर्य की दृष्टि से भी यहाँ तमाम महत्वपूर्ण क्षेत्र है यहां के पर्यटक एंव तीर्थ स्थलों का भ्रमण करते हुए जो आध्यात्मिक अनूभूति होती है वह अपने आप में अद्भुत व अदितीय है। तीर्थाटन की दृष्टि से यह पावन भूमि महत्वपूर्ण है इसी कारण यहां का भ्रमण अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा श्रेष्ठ एंव ज्ञान को प्रदान करने वाला है,पर्यटन एंव तीर्थाटन के विकास के लिए राज्य सरकार को समुचित सहायता व प्रोत्साहन करना चाहिए
उन्होनें कहा राज्य में उनके प्रिय क्षेत्र में पर्यटन एंव तीर्थाटन की आपार सभांवनाएं है।स्थानीय लोक कलाओं के विकास व सास्कृतिक आदान प्रदान में तीर्थाटन एंव पर्यटन का विशेष महत्व है। मानव सभ्यता के विकास में तीर्थाटन एंव पर्यटन की विशेष भूमिका होती है। उन्होनें कहा तमाम स्थलों के बेहतर विकास के लिए स्थलों को सूचीबद्व कर उन्हें विकसित किया जाना चाहिए उन्होनें कहा गंगावली व नाग भूमि का यह क्षेत्र अपनी अलौकिक सुन्दरता व धार्मिक क्षेत्र के रुप में प्राचीन काल से ही प्रसिद्ध है। यहाँ की भूमि में कई ऐसे ऐतिहासिक धार्मिक व प्राकृतिक स्थल है जो पर्यटन एंव तीर्थ के रुप में अपना विशेष स्थान रखते है।जिनका प्राकृतिक सौदर्य के अलावा आध्यात्मिक महत्व भी है उन सबका समुचित विकास किया जाना चाहिए प्रकृत्ति के अनमोल खजाने के रूप में जो गुफायें यहां विद्यमान है उन्हें प्रकाश में लाकर उनका महत्व दुनियां के सामने प्रकट होना चाहिये
उन्होनें कहा प्रमुख स्थलों में पाताल भुवनेश्वर की गुफा, के अलावा दाणेश्वर की गुफा, कोटेश्वर की गुफा शैलेश्वर गुफा, मुक्तेश्वर की गुफा, भूलेश्वर महादेव की गुफा ,नानी शीतला की गुफा , भूतेश्वर महादेव की गुफा ,सहित तमाम गुफाओं को विकसित कर आध्यात्म के विराट केन्द्र के रूप में विकसित किये जानें चाहिए

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