श्री राम कथा में प्रभु राम द्वारा दिया गया माता शबरी को नवधा भक्ति का संदेश

ख़बर शेयर करें

किच्छा यहां सुनहरी स्थित सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में 9 दिवसीय श्रीराम कथा में आज भरत मिलाप सूर्पनखा का नासिका छेदन खर दूषण वध जानकी हरण जटायु मरण तथा ऋषि मतंग के आश्रम में माता शबरी की कुटिया में प्रभु राम का लक्ष्मण के साथ प्रवेश आदि बहुत ही रोचक प्रसंग सुनाए गए कथावाचक अवधेश मिश्र किंकर ने कहा कि श्री राम कथा मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की सीख देती है उन्होंने कहा कि माता शबरी जिसके जन्म जन्मांतर की अभिलाषा थी कि वह प्रभु श्री राम के दर्शन के बाद अपनी देह का परित्याग करेगी और अपने गुरु ऋषि मतंग के परमधाम में उनके चरणों में स्थान प्राप्त करेगी माता शबरी की अनुनय विनय पर प्रभु राम द्वारा उन्हें नवधा भक्ति का पाठ पढ़ाया गया और सर्वश्रेष्ठ भक्ति को संत समाज का सानिध्य बताते हुए कहा गया कि प्रथम भगति संतन कर संगा दूसरी रति मम कथा प्रसंगा गुरु पद पंकज सेवा तीसरी भगति अमान चौथी भगत मम गुण गन करइ कपट तजि गान उन्होंने कहा कि यह नवधा भक्ति पूर्व में विष्णु भक्त प्रह्लाद ने अपने पिता हिरण्यकश्यप को बताई और त्रेता युग में इसी नवधा भक्ति का पाठ प्रभु राम ने सबरी के माध्यम से संपूर्ण मानव जाति को पढ़ाया इस अवसर पर महात्मा सत्यबोधानंद जी ने भी श्री राम कथा के विभिन्न सोपानों का बहुत ही हृदय स्पर्शी वर्णन किया और उन्होंने माता सबरी द्वारा बताए गए ऋष्यमूक पर्वत तथा वहां हनुमान से हुई भेंट का बहुत ही सुंदर चित्रण प्रस्तुत किया उन्होंने कहा कि प्रभु राम की लीला से भ्रमित हुए हनुमान उनसे पूछते हैं कौ तुम्ह श्यामल गौर शरीरा छत्री रूप फिरहूं बन वीरा कठिन भूमि कोमल पद गामी कवन हेतु बिचरहू बन स्वामी उसके बाद जैसे ही प्रभु राम उन्हें अपना परिचय देते हैं और बताते हैं कि कौसलेस दशरथ के जाए हम पितु बचन मानी बन आए नाम राम लक्ष्मण दो भाई संग नारी सुकुमारि सुहाई सुनते ही पवनसुत हनुमान प्रभु राम के चरणों में लेट जाते हैं अश्रु धारा बहने लगती है और अपने भक्तों का ऐसा प्रेम देखकर प्रभु राम की भी आंखों से आंसू छलक उठते हैं उन्होंने कहा कि यह सब कथा अथवा प्रभु राम की लीला हमें संदेश देती है कि भगवान भाव के भूखे होते हैं भाव से उन्हें अपने बस में किया जा सकता है इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भी श्री राम कथा में पहुंचकर खुद के जीवन को धन्य किया महात्मा सत्यबोधानंद जी ने बताया कि 30 मार्च को सुबह 9:00 बजे से हवन पूजन शुरू कर दिया जाएगा 11:00 बजे पूर्णाहुति संत महात्माओं का आशीर्वचन और उसके बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा इस अवसर पर मदन मोहन गर्ग ग्यारसी लाल गिरधारी लाल महात्मा प्रचारिका बाई महात्मा हेमंती बाई प्रभाकर आनंद आलोकानंद आशीष भगवानदास वर्मा इंदर सिंह कन्हैया सिंह देवेंद्र नंदन सिंह गोविंदी श्वेता दीक्षा संजना रंजना नीरा अग्रवाल मनजीत मनीषा गुप्ता समेत अनेकों श्रद्धालु मौजूद रहे

Ad
Ad Ad Ad Ad
Ad