जिलाधिकारी ने की गौसदन, निर्माणाधीन गौसदन, ग्राम गौसवेक गौ सदन योजना, गौसेवक प्रगति की समीक्षा

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नैनीताल 23 अक्तूबर//जिलाधिकारी वंदना सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को नैनीताल क्लब सभागार में पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक संपन्न हुई। जिसमें जिलाधिकारी ने जिले भर में स्वयं के संसाधनों से संचालित गौसदन, निर्माणाधीन गौसदन, ग्राम गौसवेक गौ सदन योजना, गौसेवक प्रगति आदि की समीक्षा की।
सीवीओ डा धीरेश जोशी ने बताया कि वर्तमान में जिले में शासकीय सहायता प्राप्त पंजीकृत 5 गोसदन चल रहे हैं, जिनमें लगभग 3500 पशु क्षमता है, एक वर्ष पूर्व पंजीकृत गोसदन की संख्या 2 थी और क्षमता लगभग 1200 थी, पिछले एक वर्ष में युद्धस्तर पर गौशालाओं का कार्य हुआ है और क्षमता दो गुना बढ़ी है। इसके अतिरिक्त
स्वयं संसाधनों से संचालित गौसदन( गैर अनुदान प्राप्त) 3 गौसदन हैं जिसमें 411 पशुधन है। वर्तमान में भवाली नगर पालिका में 200 पशुधन क्षमता, नगरपालिका रामनगर में 200 पशुधन क्षमता, आनंदनगर जिला पंचायत मालधन चौड़ में 500 पशुधन क्षमता और नित्यानंद आश्रम क्षमता विस्तार में 400 पशुधन क्षमता का गौसदन बनाने के प्रस्ताव अलग अलग चरणों में प्रगति पर हैं । जिलाधिकारी ने निर्माणाधीन गौसदनों की कार्यदाही संस्था को गुणवत्ता और समय का ध्यान रखने और जल्द गौसदन तैयार करने के निर्देश देते हुए गौसदन को संचालित करने के लिए संस्था का चयन प्रक्रिया शुरु करने को कहा। साथ ही उन्होंने बेतालघाट, ओखलकांडा, धारी में गौसदनों के लिए भूमि चिन्हीकरण कर डीपीआर तैयार करने को कहा। जिससे ग्राणीण इलाकों में भी जल्द से जल्द गौसदन खोला जा सके और आवारा पशुओं से निजात मिल सके।
सीवीओ ने ग्राम गोसेवक गोसदन योजना के तहत नर गौवंश को पाले जाने पर एक नर गौवंश पर 80 रुपए प्रतिदिन भरण पोषण दिया जाता है, साथ ही कोई भी 5 नर गौवंश की देखरेख और पालन पोषण कर सकता है। नर गौ वंश पालने और जागरुक करने के लिए जिलाधिकारी ने पशुचिकित्सा अधिकारियों को नर पशु पंजीकरण की जानकारी के लिए न्याय पंचायतों में समय समय पर गोष्ठी और अभियान चलाने की बात कही। उन्होंने अन्य पालतू जानवरों के पंजीकरण कराने के भी निर्देश दिए। कहा कि शहर और ग्रामीण या आबादी वाले इलाकों में आवारा घूम रहे टैग लगे पशुओं को चिह्नित कर चालानी कार्रवाही करें। साथ ही इसकी जानकारी एसडीएम, नगर निगम, पालिका-पंचायत को देना भी सुनिश्चित करने को कहा।

डीएम ने कहा कि राजपुरा गौशाला में अधिकतर घायल पशुओं का उपचार भी किया जाता है इसके लिये सीवीओ को हर रोज सुबह शाम डाक्टरों की ड्यूटी लगाने, पर्याप्त औषधि की व्यव्यस्था करने और गौशालाओं में आ रही समस्याओं का निराकरण करने के निर्देश दिए।
उन्होंने आवारा पशुओं पर रेडीयम बैल्ट लगाने की बात कही। जिससे रात में होने वाली दुर्घटनाओं से पशुओं को बचाया जा सके। जिसके लिए उन्होंने पशु चिकित्सा अधिकारियों को नगर निगम, पालिका और एनजीओ से समंवय करने की बात कही। इसके अलावा श्वान पशुओं के पंजीकरण के लिए भी सभी नगर निकाय जागरूकता कार्यक्रम चलाए और घायल, आवारा श्वान पशुओं हेतु भवाली में बनाए गए शेल्टर को भवाली पालिका शीघ्र संचालित करे, नैनीताल नगर पालिका को श्वान पशुओं के बधियाकरण हेतु एबीसी सेंटर को शीघ्र संचालन के निर्देश दिए ।

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इस दौरान कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत, डीडीओ गोपाल गिरी गोस्वामी, कैंची धाम एसडीएम बीसी पंत समेत गौ समिति के सदस्य और विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

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