लालकुआँ /वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं पत्रकार विनोद अग्रवाल की गौ वंश के प्रति सेवा का भाव बड़ा ही निराला है कहते है यदि सेवा की इच्छा प्रबल हो तो मनुष्य किसी न किसी रूप में अपनी सेवा का भाव अदा करता है लालकुआँ शहर में श्री अग्रवाल के कार्यालय के आगे पूरे शहर का गो वंश नियमित समय पर अपनें चारें का भाग प्राप्त करता है श्री अग्रवाल द्वारा नित्य ही बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ चारा उपलब्ध कराया जाता है अपने अथक परिश्रम से प्राप्त धन का अधिकांश भाग वे गौ वंश के चारे को समर्पित करते है
वर्षों से उनका यह क्रम चला आ रहा है दिन भर गायों का जमघट बारी -बारी से इनके कार्यालय के आगें लगा रहता है श्री अग्रवाल दिन भर गौ सेवा को समर्पित रहते है पूरे शहर में वे केवल एकमात्र ऐसे गौ भक्त है जो दिखावें से दूर रहकर अपने कार्य में सलग्न रहते है गौ सेवा के क्षेत्र में वे एक आदर्श है वे कहते है गौ सेवा से बढ़कर कोई दूसरा धर्म नही है।जिसनें गाय की सेवा कर ली उसनें तैतीस कोटि देवताओं सहित समूचे ब्रहमाण्ड की पूजा सम्पन कर ली। निराश्रित गौ वंश की सेवा को अपना जीवन अपर्ण करनें वाले पत्रकार विनोद अग्रवाल कहते है गौ सेवा से जो सन्तोष प्राप्त होता है।वह सन्तोष अन्यन्त्र कहीं नही मिलता ।
गौ सेवा के प्रति अपनें रुझान को बाबा श्री श्याम की कृपा माननें वाले श्रीअग्रवाल गौ सेवा के क्षेत्रं में अद्भूत क्रान्ति बिखेर रहे है।
उल्लेखनीय है, कि गाय प्राचीन काल से ही भारतवर्ष में पूज्य रही है और इस देश की प्राण मानी जाती रही है, गौ पालन ही इस महान देश का सम्पूर्ण जीवन रहा है। इसीलिए गोवंश का संरक्षण, सम्वर्धन एवं विकास करना प्रत्येक भारतीय के जीवन का सर्व प्रधान कर्तव्य है। श्री अग्रवाल का कहना है,भारतीय संस्कृति की मूल में गौमाता ही रही है। इसके बिना भारत तथा भारतीयता का कोई अर्थ नहीं रह जाता।
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