शनि देवता को समर्पित भण्डारे में प्रसाद ग्रहण कर पुण्य अर्जित किया श्रद्वालुओं ने लोक मगंल की कामना को लेकर लालकुआं हल्द्वानी विक्रम एसोशिएशन के तत्वावधान में आयोजित हुआ विशाल भण्डारा

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लालकुआं / नगर के प्रसिद्ध शक्तिपीठ स्थल माँ अवंतिका देवी मंदिर के प्रांगण में लालकुआं – हल्द्वानी विक्रम एसोसिएशन के तत्वाधान में आयोजित भगवान श्री शनि देव को समर्पित विशाल भण्डारे में आपार संख्या में श्रद्वालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य अर्जित किया। क्षेत्र की सुख ,समृद्धि खुशहाली एवं लोक मंगल की कामना को लेकर आयोजित इस भंडारे में नगर एंव क्षेत्र व दूर दराज से पधारे भक्तजनों ने माँ अंवतिका व शनि देव के दर्शन कर पूजा अर्चना भी की पूजा अर्चना यज्ञ का कार्य पंडित श्री चन्द्रशेखर जोशी ने संपन्न कराया। शनि देवता को परम न्यायकारी देव माना जाता है ऐसी मान्यता है, कि श्री शनिदेव सभी के कर्मों का फल देते हैं । तथा अपने भक्तों पर सदैव कृपालु रहते हैं। जो प्राणी इनकी शरणागत रहता है ।वह समस्त संताप व भयों से मुक्त होकर आनंद भरा जीवन जीता है*।इसीलिए उनकी पूजा का बेहद महत्व है।

यहां शनि मंदिर में आयोजित पूजन भण्ड़ारा कार्यक्रम के यजमान श्रीमती एवं श्री भजन सिंह सहित मुरली धर पाण्डे पूर्व अध्यक्ष विक्रम एशोसियेशन हल्हानी विधायक मोहन सिंह बिष्ट नगर पंचायत अध्यक्ष लाल चन्द्र सिंह मंदिर कमेटी के महामन्त्री भुवन पाण्डेय व्यापार मण्डल अध्यक्ष दीवान सिंह बिष्ट प्रेमनाथ पड़ित शुभाशु खन्ना व्यापार मण्डल उपाध्यक्ष नन्दू राणा समाज सेवी राजा बडौला सभासद हेमंत पाण्डे संजीव शर्मा बीडी खोलिया बंटी खोलिया चंदू खोलिया प्रेमनाथ पड़ित रमेश चन्द्र जोशी जिला पंचायत सदस्य कमलेश चंदोला गोपाल दत्त भट्ट, त्रिलोक गोस्वामी, जसपाल नेगी, किशोर चन्द्र, गोपाल जोशी, खष्टी पाण्डे, मोहन चन्द्र पाण्डेय, भगवान बोरा, जगदीश चंदोला, रमेश भट्ट, गौरव जोशी, ललित जोशी, कुन्दन सिंह बिष्ट, सुभाष भाई, हरीश जोशी, जगदीश चन्दोला महेश नाथ केसरवानी यशपाल भीम सिंह जगत सिंह रमेश पाण्डेय हरीश जोशी लक्ष्मण सिंह ललित खोलिया राजू जोशी सतीश पाण्डे प्रकाश चन्द्र भट्ट राजू दिनेश सहित तमाम भक्त जनों ने भाग लिया

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यहां हर शनिवार शनि देवता कि पूजा की जाती है ।मान्यता है कि अगर पूजा सही तरीके से की जाए तो इससे शनिदेव की असीम कृपा मिलती है और ग्रहों की दशा भी सुधरती है।

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हर शनिवार को यहां दूर दराज क्षेत्र से शनि देव के मंदिर में सरसों के तेल का दीया जलाकर लोग मनौती मागंने आते है शनिदेव को तेल के साथ ही तिल, काली उदड़ या कोई काली वस्तु भी भेंट करते है
शनि पूजन के बाद हनुमान जी की पूजा भी की जाती है। उनकी मूर्ति पर सिन्दूर और केला अर्पित कर भक्तजन आसीम आनंद का अनुभव करते हैं

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शनिदेव की पूजा के ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: मन्त्र के जाप से यह स्थल गुंजायमान रहता है।उल्लेखनीय है, कि भगवान शनि देव सूर्य और भगवान विश्वकर्मा की पुत्री छाया के पुत्र है | अपने गुरु शंकर भगवान की तपस्या करके इन्हे नवग्रह का राजा का पद प्राप्त हुआ है | इन्हे मनुष्य के कर्मो के आधार पर दंड देने का भी कार्य सौपां गया है | पीपल के पेड़ में शनि निवास करते है अत: भक्तो को हर शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे एक सरसों के तेल का दीपक जरुर जलाना चाहिए। इनकी पत्नीयों का नाम जपनें मात्र से समस्त मनोरथ पूर्ण होते हैं इनकी पत्नियों के नाम इस प्रकार है ध्वजिनी,धामिनी ,कंकाली ,कलहप्रिया,कंटकी ,तुरंगी ,महिषी अजा

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