वीरांगनाओ की करुण पुकार, पूर्व सैनिक वर्ग की मांगों के समाधान हेतु दिया ज्ञापन

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रिपोर्टर: कैलाश पुजारी
स्थान: द्वाराहाट
: जब हमारे पतियों की शहादत के बाद ताबूत में उनके शव हमारे घरों पर पहुँचते हैं, तो एक तरफ तो राष्ट्र-रक्षा हेतु दिए गए बलिदान पर गर्व का अनुभव होता है, पर इंसानी वेदनावश, अचानक भविष्य को अन्धकारमय होते देख कर शहीद के माता-पिता, भाई, बहिन, पुत्र, पुत्री और परिजनों द्वारा किया जाने वाले रुदन एवं क्रन्दन परायों को भी रुला देता है. रह-रह कर उठने वाली शहीद वीरांगना की चीत्कार और बेहोशी की स्थिति में उसके सुहाग की निशानी “सिन्दूर को पोंछ कर पहनी हुई चूड़ियों को तोड़ने के द्रश्य” का अहसास कराने हेतु विधवा की तस्वीर संलग्न कर निवेदन है कि लाखों पूर्व सैनिकों और वीरांगनाओं को न्याय प्रदान करने के प्रयोजन से हमारी मांगो का शीघ्र निस्तारण कर अनुगृहित करें !
राष्ट्र-रक्षा में समर्पित रहे लाखों पूर्व सैनिक युद्ध-वीरांगनाएँ और दिव्यांग पूर्व सैनिक लम्बे समय से अपनी उचित मांगों के समाधान के प्रयोजन से आंदोलनरत हैं। देश के हर कोने से 03 अप्रैल 2023 को जिलाधीशों के माध्यम से और 30 अप्रैल 2023 को माननीय सांसदों के माध्यम से हमने अपनी विभिन्न मांगों का ज्ञापन आपको प्रेषित करवाया है, आशा है सभी कुछ आपके संज्ञान में होगा! दिनांक 20 फरवरी 2023 से सरकार के ध्यानाकर्षण बाबत दिल्ली के जंतर मंतर पर पूर्व सैनिक और वीरांगनायें धरने पर बैठे हुए हैं। आज धरने को एक सौ दिन पूरे हो चुके हैं, पर कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा। आपकी सरकार ने दीर्घ प्रतीक्षित ओ आर ओ पी व अन्य मांगों को स्वीकृत किया, पर पूर्व सैनिकों के बड़े वर्ग (गैर-अधिकारी) जो 97% हैं, के सम्बन्ध में सही तथ्य प्रस्तुत नहीं किये जाने से उपरोक्त मांगों के सन्दर्भ में एतिहासिक भेद-भाव और अन्यायपूर्ण फैसले हुए है, जिन से यह वर्ग बुरी तरह ठगा गया है। आपसे विनम्र निवेदन है कि राष्ट्रीय स्तर पर लाखों पूर्व सैनिकों द्वारा गठित हमारे संगठन “फेडरेशन ऑफ वेटरंस एसोसिएशंस” से वार्ता कर हमारी मांगों का उचित संज्ञान लेते हुए अति शीघ्र निराकरण किया जाये। आपकी अति कृपा होगी। आज के इस प्रोग्राम में सभी भूतपूर्व सैनिक मौजूद रहे।

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