मोबाइल और कम्प्यूटर का कहर आँखों पर

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(चारु सक्सेना-विनायक फीचर्स)

कम्प्यूटर पर अधिक देर तक काम करने और मोबाइल के अंधाधुंध उपयोग के कारण आँखों में दर्द होना आम बात हो गई है। जापानी वैज्ञानिकों ने कम्प्यूटर,लेपटॉप और मोबाइल का अधिक इस्तेमाल करने वाले लोगों की आँखों का परीक्षण कर पाया है कि इससे ग्लूकोमा सहित कई बीमारियों के होने की आशंका बढ़ जाती है।

जापान स्थित टोटो यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने लगभग दस हजार कर्मचारियों पर अध्ययन कर पाया कि कम्प्यूटर सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का अधिक उपयोग करने वालों की दृष्टि कमजोर हो गई थी और आगे चलकर यह ग्लूकोमा में बदल गयी। ग्लूकोमा में आँख की नसें धीरे-धीरे कमजोर हो जाती हैं और अगर इनका समय रहते उपचार नहीं किया जाए, तो व्यक्ति के अंधे होने की आशंका बढ़ जाती है।

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चार अलग-अलग कंपनियों में काम करने वाले लोगों की आँखों की जांच करने वाले डॉक्टर मासायुकी तातेचिमी ने लोगों की कम्प्यूटर के सामने बैठने की आदत के बारे में जानकारी एकत्रित की और कम्प्यूटर का इस्तेमाल करने वालों को तीन श्रेणियों में बाँटा- मामूली, अधिक और अत्यधिक।

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कम्प्यूटर का जरूरत से ज्यादा उपयोग करने वाले लोगों में आँखों की बीमारियां अधिक पायी गयी। इन लोगों की पास की नजर तो कमजोर थी ही, अधिकांश की आंखें ग्लूकोमा की शिकार भी पाई गई।

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अब तो यह माना जा रहा है कि जैसे-जैसे कम्प्यूटर लेपटॉप और मोबाइल का उपयोग बढ़ रहा है, आँखों की बीमारियाँ भी बढ़ती जाएंगी और इनके उपचार के लिए और अधिक सुविधाओं की आवश्यकता होगी।

(चारु सक्सेना-विनायक फीचर्स)

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