नाम जाप की महिमां अपरम्पार : रामेश्वर दास

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श्री हनुमान जन्मोत्सव के पावन अवसर पर श्रील् नित्यानंद पाद आश्रम गौधाम हल्दुचौड़ में 16 करोड़ हरि नाम श्री हनुमानजी को अर्पित किए जाएंगे 6 अप्रैल को आयोजित होने जा रहे इस कार्यक्रम को लेकर समूचे क्षेत्र में विशेष उत्साह है आश्रम परिसर का वातावरण अध्यात्म के रंग से निखरनें लगा है
दूर-दराज क्षेत्रों के भक्तजनों में भी इस आयोजन को लेकर विशेष उत्साह है आश्रम के व्यवस्थापक श्री रामेश्वर दास महाराज जी ने बताया की ग्यारह सौ से ज्यादा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अब तक हो चुके हैं
इस अवसर पर श्री महाराज जी ने नाम की महिमां पर विशेष प्रकाश डालते हुए कहा कि
नाम जप से बढ़कर कोई दूसरा कल्याणकारी साधना नहीं है। नाम के बल पर ही हनुमान जी ने प्रभु श्री राम को अपने बस में किया है रामचरित मानस में वर्णित है सुमिर पवन सुत पावन नामू अपनें वश करि राखे रामू श्री रामेश्वर दास जी ने कहा नाम जप महा साधन है अन्य किसी साधन की कोई जरूरत नहीं है। बस निष्ठा के साथ नाम जपते रहो।
श्री महाराज ने कहा कि भवसागर से पार उतरने का सबसे श्रेष्ठ साधन नाम जाप है और यही ध्यान का आधार है नाम जप ही सुलभ और श्रेष्ठ साधन है। उन्होनें कहा अखंड नाम जप की महिमां तो अतुलनीय है।

उन्होनें कहा नाम जप ईश्वरीय शक्ति का आहार है। ईश्वर को रिझाने के लिए एकाग्रचित्त श्रद्धाभाव से किया गया नाम-जप बहुत श्रेष्ठ आध्यात्मिकता है। नाम धुन एक अलौकिक आनंद की महाजननी है। इसमें डूबने के लिए आवश्यक है कि जपकर्त्ता अपने आपको उसमें विलीन कर दे। तभी महा आनंद की प्राप्ति होगी

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