अपरम्पार है खाटू श्याम की महिमां: रितुल शर्मा, रींगस से खाटू श्याम तक 17 किलो मीटर की यात्रा में भाग लेकर लौटे श्रद्धालु श्री शर्मा ने किये अनुभव साझा

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लाल कुआँ///खाटू नरेश की महिमां अपरम्पार है उनकी महिमां का वर्णन कर पाने में कोई भी समर्थ नहीं है खाटू नरेश के दर्शन करके लौटे श्री श्याम भक्त रितुल शर्मा ने अपनी इस आध्यात्मिक यात्रा के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि बाबा श्याम की कृपा से उन्हें श्याम जन्मोत्सव के अवसर पर इस वर्ष रींगस से खाटू श्याम तक की सत्रह किलोमीटर की यात्रा का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ

श्री शर्मा ने बताया परम श्याम भक्त श्री नन्दू जी महाराज जी के सानिध्य में यह यात्रा हर वर्ष आयोजित होती है जिसमें भक्तजन बड़ी संख्या में अपार श्रद्धा के साथ भाग लेते है इस वर्ष यह 39 वीं यात्रा थी और इस यात्रा में विशेष उल्लास देखने को मिला श्याम महिमा से सरोवर भजन संध्या में हजारों भक्तों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया तथा अपने आराधना के श्रद्वापुष्प बाबा श्री श्याम के चरणों में अर्पित किये श्री शर्मा ने कहा कि बाबा श्री श्याम की महिमा अपरंपार है जो भी प्राणी इनकी शरणागत होता है उसके समस्त संकटों का हरण हो जाता है

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श्री श्याम बाबा की महिमा का वर्णन अतुलनीय है। अर्थात् उसकी कहीं भी तुलना नहीं की जा सकती है। समस्त तुलनाओं से परे श्री श्याम बाबा की महिमा का वर्णन कर पाने में वसुंधरा में कोई भी सक्षम् नही है। उनकी महिमाओं का दिव्य लीलाओं का बखान समय-समय पर अनेक भक्तजनों ने लोक कल्याणार्थ मंगलकामनाओं के लिए अपने-अपने शब्दों में किया है।

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किन्तु वे शब्दों से भी परे हैं। कलियुग के संतापों से प्राणी मात्र का उद्दार करने के लिए उनका अक्तरण इस भू-धरा पर हुआ है। योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं ही अपने मुखारबिन्दु से अपने श्याम स्वरूप को कलिकाल का तारणहार बताते हुए कहा है कि जो भी प्राणी अपनी अराधना के श्रद्धापुष्प श्री श्याम चरणों में अर्पित करेगा। उसके रोग, शोक, दुःख, दरिद्र एवं विपदाओं का हरण हो जायेगा। समस्त लोकों में वह प्राणी सर्वत्र ही पूज्यनीय होगा। इसमें तनिक भी संदेह नही है। स्वयं योगश्वर भगवान श्री कृष्ण का यह वचन आध्यात्म प्रेमी भक्तजनों के लिए उनका द्वारा दिया गया अनुपम उपहार है। इसलिए कलियुग में श्री श्याम परम आस्था व श्रद्धा के साथ पूज्यनीय है।

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