अल्मोड़ा जिला महिला अस्पताल में आखिरकार बहाल हो गई ऑपरेशन थिएटर सेवा

ख़बर शेयर करें

 

+ रंग लाया सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे का संघर्ष
+ माता-बहनों को मिलेगी बड़ी राहत
+ अस्पताल परिसर में निर्माण कार्यों के नाम पर साल भर से
ठप्प पड़ी थी यह सेवा
+ निजी अस्पतालों में भटकने को मजबूर थी महिलाएं
अल्मोड़ा।
लंबे संघर्ष और सामाजिक दबाव के बाद आखिरकार अल्मोड़ा जिला महिला चिकित्सालय में ऑपरेशन थिएटर की सेवा एक बार फिर से बहाल हो गई है। पिछले एक वर्ष से अधिक समय से अस्पताल परिसर में चल रहे निर्माण कार्यों के नाम पर यह सेवा पूरी तरह से ठप्प पड़ी हुई थी, जिससे महिलाओं को और ख़ासतौर से गर्भवती महिलाओं को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था । मजबूर होकर उनको जान जोखिम में डालकर और जरूरत से कहीं अधिक धन राशि खर्च करके शहर के निजी अस्पतालों की तरफ या फिर हल्द्वानी, बरेली आदि अन्य नगरों का रुख करना पड़ता था।
नगर के एक संघर्षशील सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे एक साल से लगातार जिला महिला अस्पताल में ऑपरेशन सेवा बहाल करने करने की मांग करते आ रहे थे। आखिरकार अब उनका संघर्ष रंग लाया है, परिणामरूप जिला महिला अस्पताल अल्मोड़ा में ऑपरेशन थिएटर जैसी अति महत्वपूर्ण सेवा बहाल हो पायी है।
संजय पाण्डे की लगातार माँग पर हालांकि इससे पूर्व भी तत्कालीन महानिदेशक, स्वास्थ्य डॉ. विनीता साह ने स्थिति को गम्भीर मानते हुए प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिए थे कि जिला चिकित्सालय परिसर में एक अस्थायी ऑपरेशन थिएटर तत्काल संचालित किया जाए। लेकिन ये निर्देश कागजों में ही दब कर गए।
सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे ने इस मामले को महज एक प्रशासनिक चूक नहीं, बल्कि “सैकड़ों माताओं के जीवन और सम्मान से जुड़ा गंभीर विषय” बताया। संजय पाण्डे ने इस विषय में जिलाधिकारी से फोन पर सीधे वार्ता कर स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया और तत्काल कार्रवाई की मांग की। साथ ही, सूचना का अधिकार (RTI) के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग की जवाबदेही भी तय करवाई।
लगातार प्रयासों, जनदबाव और मीडिया सहयोग के चलते अब जाकर ऑपरेशन थिएटर की सेवा पुनः शुरू हो सकी है।
बता दें कि इससे पहले भी संजय पाण्डे की पहल पर महिला चिकित्सालय में वर्षों से बंद अल्ट्रासाउंड सेवा को बहाल किया जा चुका है। और अल्मोड़ा जिला चिकित्सालय में आधुनिक सिटी स्कैन मशीन की स्थापना सुनिश्चित की गई, जो अब 24 घंटे चालू है।
इसी तरह, उनके प्रयासों से अस्पताल में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी शुरू हो सकी, जो वर्षों से केवल एक मांग बनकर रह गई थी।वहीं, ऑडियोमैट्री टेस्ट सुविधा, जो काफी समय से बंद थी, उसे भी उन्होंने पुनः शुरू करवाया गया, जिससे सैकड़ों मरीजों को लाभ मिल रहा है।
संजय पाण्डे ने बताया कि जिला चिकित्सालय में रूट केनाल और अन्य दंत चिकित्सा से जुड़ी सेवाएं अब तक शुरू नहीं हो सकी हैं, जबकि इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अंतर्गत एक डॉक्टर की नियुक्ति भी हो चुकी है। यह लापरवाही सीधे तौर पर मरीजों की परेशानी को बढ़ा रही है।
संजय पाण्डे ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी पद या प्रशंसा के लिए नहीं, बल्कि जनहित के लिए है और यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक जिला अस्पताल समग्र स्वास्थ्य सुविधाओं से पूरी तरह लैस नहीं हो जाता।