ऑपरेशन सिंदूर ने भारत और भारतीय सेना को दुनिया में फिर से महाशक्ति के रूप में प्रतिष्ठित किया है,सारी दुनिया में आतंक के खिलाफ जितने भी ऑपरेशन हुए हैं उनमें इसका नाम हमेशा उल्लेखनीय रहेगा। ऑपरेशन सिंदूर जिसने एक तीर से कई निशान साधे,यह भारत की कूटनीतिक विजय के लिए याद किया जाएगा। भारतीय सेना की अद्भुत क्षमता का प्रमुख साक्ष्य बनकर उभरा है ऑपरेशन सिंदूर।
ऑपरेशन सिंदूर वैसे तो आतंकवाद के खिलाफ था लेकिन इसने पाकिस्तान के ऊपर जो घातक मनोवैज्ञानिक प्रभाव डाला है,उससे शायद कई सालों तक अब पाकिस्तान किसी से लड़ाई करने के बारे में नहीं सोचेगा। इस लड़ाई में पाकिस्तान को दुश्मन की उस ताकत का पता चला है जो पहले वो कभी सोच नहीं पाता था। इसके पहले पाकिस्तान जितनी बार भी पिटा, हमेशा पारंपरिक तरीके से पिटा है लेकिन पहली बार पाकिस्तान की ऐसी पिटाई हुई है जो उसके लिए सौ साल आगे का तरीका है। पाकिस्तान का सोचने का तरीका सौ साल पुराना था लेकिन भारत का हमला करने का तरीका उसकी तुलना में सौ साल आगे का था इसलिए पाकिस्तान के पास घुटने टेकने के अलावा कुछ बचा नहीं था । उसने आतंकवादियों को सबसे सुरक्षित जगह सहेजकर रखा था और सबसे ताकतवर डिफेंस सिस्टम उनकी सुरक्षा में तैनात किए थे। यह इतनी सुरक्षित जगह थी कि जो आतंकवादी दूसरी जगह छुपे हुए थे उनको भी वहीं शिफ्ट कर दिया गया था लेकिन यही उनके लिए बहुत घातक साबित हुआ। भारत ने इतने सुरक्षित अड्डे को भी ऐसे उड़ा दिया जैसे हम मच्छरों को मारते हैं, न कोई शोर न कोई प्रतिकार और एक ही वार में सब कुछ समाप्त । पाकिस्तान ने आतंकवादियों के छिपने के उन अड्डों को बीच शहर में इसलिए बनाया था कि रिहायशी इलाकों में कोई भी सेना हमला नहीं कर सकती और फिर सुरक्षा के लिए चाइना के सबसे ताकतवर डिफेंस सिस्टम भी लगे थे लेकिन भारत की सेना ने इतने नापतौल कर हमला किया कि पड़ोसी की नींद भी नहीं टूटी और आतंकवादियों का अड्डा पूरा ध्वस्त हो गया,इतना सटीक हमला सिर्फ इजराइल करता रहा है। खास बात यह कि इस हमले में पाकिस्तान का डिफेंस सिस्टम तो ऐसा फेल हुआ जैसे कि वहां यह सिस्टम था ही नहीं। यह सिस्टम भारत की मिसाइलों को छू भी नहीं पाया। बेहद चतुराई से हमारे पायलटों ने मिसाइलें दागीं। असल में इस पूरे आयोजन में पाकिस्तान की गलती यह रही कि उसने भारत को 1947 का भारत समझकर व्यूह रचना की जबकि भारत ने 2047 के भारत की तरह हमला किया जिसका जवाब सबसे आधुनिक देश अमेरिका और चाइना के पास भी नहीं था और दूसरी इस ऑपरेशन की खासियत यह रही कि हमने हमला पाकिस्तान पर किया लेकिन सदमा चाइना और अमेरिका को लगा। भारत के इस हमले से इन दोनों देशों के हथियारों की सच्चाई सामने आ गई। पाकिस्तान की तरफ से अमेरिका द्वारा निर्मित एफ 16 विमान सीधे तौर पर लड़ रहे थे और मेड इन चाइना डिफेंस सिस्टम एचक्यू 9 उनकी चौकीदारी कर रहा था लेकिन भारत के हमले में दोनों की धज्जियां उड़ गईं। जहां अमेरिका के एफ 16 की दुनिया में आलोचना हुई वहीं चाइना के हथियारों की तो कुछ देशों ने डील ही कैंसिल कर दी। अमेरिका और चाइना दोनों को अपनी इज्जत बचाने की चिंता होने लगी। तभी अमेरिका ने सीजफायर की पूरी कोशिश की। पाकिस्तान, अमेरिका और चीन तीनों की इज्जत बचाने का एकमात्र रास्ता यह सीजफायर ही था जिसे भारत ने स्वीकार कर लिया तो ट्रंप को इतनी खुशी हुई कि उन्होंने बिना एक सेकंड गंवाए सारे प्रोटोकॉल तोड़ते हुए सीजफायर की घोषणा कर दी, आखिर जब बात खुद की इज्जत बचाने की हो तो प्रोटोकॉल किसे दिखाई देता है?
भारत के हमले की एक खासियत यह भी रही कि दुनिया में जितने भी बुद्धिजीवी और रणनीतिकार हैं उन्हें भारत का हमला करने का तरीका बहुत पसंद आया। यह हमला बेहद बारीक और ताकतवर था और सबसे बड़ी बात यह थी कि भारत ने हर मुख्य ठिकाने पर हमला नहीं किया बल्कि उनसे आठ दस मीटर की दूरी पर हमला किया। इसे भले ही पाकिस्तान जैसे मूर्ख देश हमले की नाकामी बताते हों लेकिन जो उनके रक्षा विशेषज्ञ हैं, सेना और दुनिया के जितने भी युद्ध एक्सपर्ट्स हैं वो समझ गए कि भारत ने असल में किया क्या है,दुनिया में ऐसी चेतावनी आज तक किसी देश ने नहीं दी । बिना चोट किए ही चोट का इतना गहरा दर्द दे दिया कि अगली बार कोई लड़ने की सोचे ही नहीं। पाकिस्तान की सेना को उम्मीद नहीं थी भारत के पास इतनी एडवांस टेक्नोलॉजी है और इतने एक्सपर्ट फाइटर पायलट हैं और न ही पाकिस्तान को यह उम्मीद थी कि उनके परमाणु ठिकाने तक भी भारत बहुत आसानी से पहुंच सकता है लेकिन भारत उनके परमाणु के दस मीटर नजदीक पहुंचकर हमला करके निकल लिया और सारी दुनिया को संदेश चला गया कि परमाणु ठिकानों को भी भारत एक मिनिट में ध्वस्त कर सकता है,इसे कोई परमाणु हमला भी नहीं कह सकता और परमाणु युद्ध के खतरे से इनकार भी नहीं कर सकता इसीलिए अमेरिका और इजिप्ट के परमाणु विशेषज्ञ दो दिन से पाकिस्तान में आकर परमाणु रिएक्टर की जांच कर रहे हैं और उसको न्यूट्रलाइज करने में लगे हैं। इसका खौफ इतना हुआ कि पाकिस्तान सीजफायर की गुहार लगाने लगा और अमेरिका भी इतना चिंतित हुआ कि भारत से तुरंत सीजफायर की गुजारिश करने में लग गया,अमेरिका इतना बेबस पहले कभी नहीं हुआ। अमेरिका की चिंता और सक्रियता से लगा कि जैसे हमला अमेरिका पर ही हुआ हो। कुल मिलाकर ऑपरेशन सिंदूर बेहद सफल और बेहद दूरगामी असर डालने वाला साबित हुआ और वह भी सिर्फ तीन दिन में। ऑपरेशन सिंदूर ने जहां हमारी सेना की क्षमता को दिखाया वहीं हमारी राजनीतिक इच्छा शक्ति और कूटनीति को भी प्रमाणित कर दिया। और सबसे बड़ा संदेश जो भारत दुनिया को देने में सफल रहा वह यह कि भारत में नारियों के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं होगा इसीलिए इस विजय को देश की हर मां, बहन और बेटी को समर्पित किया गया ,यह भी दुनिया में एक नई मिसाल कायम हुई जो महिलाओं के सम्मान की ऐतिहासिक प्रतीक बन गई और यह इसके नाम को भी सही साबित करती है जिसका नाम ही था ऑपरेशन सिंदूर ।
(डॉ.मुकेश कबीर-विभूति फीचर्स)



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