बिहार में खेमका हत्याकांड पर गरमाई सियासत

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बिहार के पटना में बड़े कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं। यह घटना उनके निवास के सामने एक वीआईपी इलाके में हुई, जो ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग के आवास और गांधी मैदान थाने से कुछ ही दूरी पर है। परिजनों ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए हैं, उनका कहना है कि घटना के दो घंटे बाद पुलिस की टीम उनके अपार्टमेंट के गेट पर पहुंची। इस हत्याकांड से बिहार का सियासी पारा भी चढ़ गया है।

हत्या के विरोध में राज्यपाल को ज्ञापन सौपते पप्पू यादव

अब लोग सवाल कर रहे हैं कि यदि सुशासन में सरे आम अपराधी तांडव कर रहे हैं, तो फिर जंगल राज क्या है? महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे तेजस्वी यादव पहले से ही अपराध बुलेटिन जारी कर सरकार के विरुद्ध मुहिम छेड चुके है । ऐसे में गोपाल खेमका समेत कई व्यवसाईयों की हत्या के बाद नाराज वैश्य समाज सुशासन की सरकार के विरुद्ध खड़ा होने लगा है,और सरकार पर सवालिया निशान लगा रहा है।
व्यवसायी गोपाल खेमका के पहले गत जून माह में ही पुनपुन के सुहागी-कंडाप पथ पर बाइक सवार बदमाशों ने जमीन कारोबारी अंजनी सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। यह घटना गौरीचक के कंडाप पैक्स गोदाम के पास की है, जहां सुनसान जगह का फायदा उठाकर अपराधियों ने वारदात को अंजाम दिया। मृतक हंडेर गांव के श्याम नंदन सिंह के पुत्र थे और जमीन के कारोबार से जुड़े थे। कारोबारी जयप्रकाश नारायण की भी गत वर्ष अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। आरोप यह था कि अपराधियों ने कारोबारी जयप्रकाश से 1.5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी। जब पैसा नहीं मिला तो उनकी हत्या कर दी गई।
बेगूसराय में अक्टूबर 2024 को सोना व्यापारी अनिल कुमार की अपहरण कर हत्या कर दी गई। अनिल कुमार ज्योति ज्वेलर्स के मालिक थे। जून 2024 में ही बिहार के नालंदा जिले के पनहेस्सा गांव के पास दो बाइक सवार बदमाशों ने जमीन कारोबारी को गोलियों से छलनी कर दिया। उन्हें चार गोलियां मारी गयीं। इलाज के लिए ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गयी। मृतक की पहचान पनहेस्सा गांव निवासी 42 वर्षीय रजी अहमद उर्फ नन्हे के रूप में की गयी। इस हत्या का कारण भी जमीन की खरीद-बिक्री के कारोबार को बताया गया।
खेमका की हत्या की इस घटना के बाद बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक समीक्षा बैठक की। नीतीश कुमार ने कहा कि अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
समीक्षा बैठक में मुख्य मंत्री नीतीश कुमार के साथ पुलिस के बड़े अधिकारी भी शामिल थे। नीतीश कुमार ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ें और उन्हें कड़ी सजा दें।
‘1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में पुलिस महानिदेशक एवं अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारियों के साथ विधि व्यवस्था की समीक्षा बैठक में कहा गया कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपराध करने वाले कोई भी हों, उन्हें किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाए। घटित आपराधिक घटनाओं के अनुसंधान कार्यों में तेजी लाने और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन को पूरी मुस्तैदी एवं कड़ाई से काम करने को कहा।
वहीं गोपाल खेमका मर्डर केस में पटना पुलिस को कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं। पुलिस ने एक संदिग्ध को हिरासत में भी लिया है। सूत्र बता रहे हैं कि सुपारी देकर हत्या करवाई गई है। इसकी लिए प्रोफेशनल शूटर हायर किए गए थे। पटना प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक जितेंद्र राणा ने कहा कि एसटीएफ टीम लगातार छापेमारी कर रही है। वहीं बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने कहा है कि वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान के आधार पर पुलिस को गोपाल खेमका हत्याकांड में कुछ साक्ष्य हाथ लगे हैं। पुलिस टीम एक-एक बिंदू पर गहराई से जांच कर रही है। बेऊर जेल में भी काफी देर तक छापेमारी चली। कुछ संदिग्धों से पूछताछ जारी है।
इधर, गोपाल खेमका की हत्या के बाद उनके परिवार वालों ने बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया था। परिजनों का कहना था कि घर में दो-दो सदस्यों की हत्या के बाद पूरा परिवार दशहत के माहौल में जी रहा है। इस सब चीजों को देखते हुए नीतीश सरकार ने गोपाल खेमका के छोटे बेटे को सुरक्षा मुहैया करवाई है। दो पुलिसकर्मी चौबीसों घंटे उनकी सुरक्षा में तैनात रहेंगे। बता दें कि गोपाल खेमका को बिहार पुलिस की ओर से सुरक्षा दी गई थी लेकिन, अप्रैल 2024 में इसे वापस कर लिया गया था। इस बात को लेकर भी अब लोग सवाल उठा रहे हैं।
गोपाल खेमका की हत्या के बाद पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने सड़क पर उतरकर आक्रोश मार्च निकाला। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में गोपाल खेमका हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराई जाय। इस मामले में वे राज्यपाल से भी मिलने की बात भी कह रहे हैं।
हत्याकांड को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कोई बहुत रसूखदार व्यक्ति इस हत्याकांड का सूत्रधार है। अन्यथा पटना प्रक्षेत्र पुलिस के हेडक्वार्टर के ठीक सामने इतना बड़ा हत्याकांड का दुःसाहस कोई टुच्चा अपराधी नहीं करता! उनके बेटे की हत्या भी उसी अंदाज़ में हुई थी । मतलब हत्यारा साजिशकर्ता एक ही है और शासन सत्ता संरक्षित है।
एनडीए में नीतीश के सहयोगी चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (आर) के खगड़िया से सांसद राजेश वर्मा ने भी सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होने कहा कि जिस तरह गोपाल खेमका की हत्या को अंजाम दिया गया उससे लगने लगा है कि राज्य में अपराधियों को पुलिस का कोई खौफ नहीं है। कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है। बिहार में व्यापारी सुरक्षित नहीं है।
लोजपा (आर) के सांसद राजेश वर्मा ने कहा कि खेमका परिवार में ये दूसरी हत्या है, इससे पहले 2018 में गोपाल खेमका के बेटे गुंजन की हत्या भी इसी तरह की गई है। बिहार को आगे बढ़ाने की सोच रखने वाला वैश्य समाज भी सुरक्षित नहीं है। हाथ जोड़कर आग्रह करते हुए सांसद ने कहा कि सबसे पहले बिहार में व्यापारी वर्ग की सुरक्षा पुख्ता की जाए। यही नहीं कानून व्यवस्था में सुधार के लिए पड़ोसी राज्य यूपी का हवाला देते हुए लोजपा (आर) के सांसद ने कहा कि यूपी से भी सीख सकते हैं कि कैसे लॉ एंड ऑर्डर को दुरूस्त किया जा सकता है। अपराधियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने का वक्त आ गया है। आज गोपाल खेमका नहीं तो कल कोई और होगा।
विपक्षी पार्टियां निरंतर सरकार पर हमला कर रही हैं। उनका कहना है कि बिहार में कानून का राज खत्म हो गया है। नीतीश कुमार को इस्तीफा दे देना चाहिए।
इस घटना के बाद बिहार की राजनीति भी गरमा गई है। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि खेमका परिवार ने घटना के बाद वरीय पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक और स्थानीय थाने में फोन किया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद जिला मजिस्ट्रेट को फोन किया गया, जिन्होंने फोन उठाया। उन्हें बताया गया कि पुलिस जवाब नहीं दे रही है और उन्हें मदद की ज़रूरत है।
राजेश कुमार ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि जिला मजिस्ट्रेट को फोन करने के तीन घंटे बाद पुलिस पहुंची। उन्होंने नीतीश कुमार के शासन को बीमार बताया और मांग की कि नीतीश कुमार और राजग गठबंधन को इस मुद्दे पर इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने की भी मांग की।
वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि पटना में थाने से कुछ ही कदम दूर, बिहार के एक प्रमुख व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई! उन्होंने सवाल उठाया कि बिहार में हर महीने सैकड़ों व्यापारियों की हत्या की जा रही है, लेकिन इसे जंगल राज क्यों नहीं कहा जा सकता? उन्होंने मीडिया मैनेजमेंट और परसेप्शन मैनेजमेंट पर भी सवाल उठाए। तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘बिहार में हर महीने सैकड़ों व्यापारियों की हत्या की जा रही है, लेकिन हम इसे जंगल राज नहीं कह सकते?
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी इस मामले में कहा कि लालू यादव के जंगल राज और नीतीश कुमार के राज में कोई अंतर नहीं है। लालू यादव के राज में अपराधियों का तांडव था और नीतीश कुमार के राज में अधिकारियों का तांडव है। उन्होंने कहा कि पहले जिस तरह का भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था की स्थिति थी, वह आज भी वैसी ही है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि पटना में इतने बड़े व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है और कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने सिवान में हुई तीन लोगों की हत्या का भी जिक्र किया और कहा कि यह रोज की बात है। उन्होंने इसे अधिकारियों का राज बताया, जो अपनी मर्जी से काम चला रहे हैं। ‘

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(कुमार कृष्णन- विनायक फीचर्स)

 

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