गढ़-कुमाऊँ महोत्सव की तैयारियाँ जोरों पर, संयोजकों ने माँ अवंतिका के दरबार में टेका मत्था

ख़बर शेयर करें

 

लालकुआँ (संवाददाता)
बिन्दुखत्ता में आयोजित होने जा रहे गढ़-कुमाऊँ महोत्सव की तैयारियाँ इस समय पूरे उत्साह और जोश के साथ चल रही हैं। महोत्सव को लेकर स्थानीय कलाकारों, समाजसेवियों और आयोजकों में गहरी उत्सुकता देखी जा रही है।

कार्यक्रम के संयोजक श्री जीवन पाण्डेय तथा वरिष्ठ पत्रकार श्री बसंत पाण्डेय ने सोमवार को माँ अवंतिका मंदिर लालकुआँ पहुंचकर महोत्सव की सफलता और क्षेत्र की समृद्धि के लिए माँ अवंतिका के चरणों में पूजा-अर्चना की। उन्होंने दीप प्रज्वलित कर माता से प्रार्थना की कि आगामी आयोजन शांति, सौहार्द और सांस्कृतिक एकता का संदेश लेकर सफलतापूर्वक संपन्न हो।

यह भी पढ़ें 👉  माँ अवंतिका मंदिर लालकुआँ में नव निर्मित कक्ष के लोकार्पण की तैयारियाँ जोरों पर

माँ अवंतिका मंदिर के पुजारी ने दोनों अतिथियों को आशीर्वाद प्रदान किया और कहा कि जब किसी शुभ कार्य की शुरुआत माँ के आशीष से होती है, तो सफलता निश्चित होती है।
इस अवसर पर मंदिर कमेटी के अध्यक्ष पूरन सिंह रजवार महामन्त्री भुवन पाण्डेय वरिष्ठ पत्रकार रंजीत बोरा ने आयोजकों को अपनी तरफ से कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभ कामनाएं प्रेषित की

 

गढ़-कुमाऊँ महोत्सव : संस्कृति और परंपरा का संगम

आगामी 21 दिसम्बर से 25 दिसम्बर तक बिन्दुखत्ता के हाट कालिका मंदिर कालेज में आयोजित गढ़-कुमाऊँ महोत्सव क्षेत्र की लोकसंस्कृति, कला और परंपराओं को एक मंच पर लाने का प्रयास है। इस महोत्सव में लोकगीत, लोकनृत्य, हस्तशिल्प प्रदर्शनी, क्षेत्रीय व्यंजनों का स्वाद और पारंपरिक खेलों की झलक देखने को मिलेगी।
कार्यक्रम में अनेक स्थानीय कलाकारों के साथ-साथ प्रदेश भर से आए प्रतिभागी भाग लेंगे।

यह भी पढ़ें 👉  आखिरकार अल्मोड़ा जिला अस्पताल में आयुर्वेदिक उपचार व्यवस्था में हुआ सुधार

माँ अवंतिका के आशीष से होगा सफल आयोजन

कार्यक्रम संयोजक जीवन पाण्डेय ने कहा कि “यह महोत्सव केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक जड़ों को सशक्त करने का प्रयास है। हमने माँ अवंतिका से प्रार्थना की है कि यह पर्व क्षेत्र की एकता और उत्सवधर्मिता का प्रतीक बने।”
वरिष्ठ पत्रकार बसंत पाण्डेय ने भी कहा कि “माँ अवंतिका का आशीर्वाद हमें शक्ति और प्रेरणा देता है। निश्चित ही यह महोत्सव यादगार रहेगा।”

यह भी पढ़ें 👉  बागजाला में 85 वें दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रहा

लालकुआँ का माँ अवंतिका मंदिर, जो शक्ति और श्रद्धा का प्रमुख केंद्र है, एक बार फिर क्षेत्रीय सांस्कृतिक भावना का साक्षी बना जहाँ आस्था और संस्कृति ने मिलकर भक्ति और विकास का सुंदर संगम रचा।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad