आतंकवाद के समूल सर्वनाश के लिए संकल्पबद्ध प्रधानमंत्री मोदी

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पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले ने हमारे पूरे देश को झकझोर दिया। यह भारत की अंतरात्मा पर भी किया गया आक्रमण था। निर्दोष नागरिकों की उनके परिवारों के सामने हत्या, उनके धर्म के आधार पर, आतंक और क्रूरता का भयानक चेहरा था। यह देश की एकता और सौहार्द को तोड़ने का एक शर्मनाक प्रयास था। इस हृदयविदारक घटना के बाद पूरे देश ने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेनाओं को पूरी स्वतंत्रता दी गई कि वे आतंकवादियों का खात्मा करें।
भारत द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार अटारी-वाघा सीमा बंद कर दी गई । द्विपक्षीय व्यापार निलंबित कर दिए गए। वीजा रद्द कर दिए गए। सिंधु जल संधि को रोक दिया गया । प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सुनिश्चित किया कि सिंधु जल संधि को निलंबित करने से लेकर आतंकी शिविरों पर सैन्य प्रहार करने तक का हर कदम सावधानीपूर्वक, योजनाबद्ध और समयबद्ध तरीके से उठाया जाएगा। इस संदर्भ में सरकार ने उत्तेजना में कार्रवाई करने के बजाय रणनीतिक रूप से ऑपरेशन सिंदूर के जरिए ठोस कार्रवाई के रास्ते को चुना। ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक नाम नहीं, यह देश के करोड़ों लोगों की भावनाओं का प्रतीक बनकर सामने आया।
6 मई की रात और 7 मई की सुबह, भारत ने आतंक के खिलाफ अपनी प्रतिज्ञा को साकार किया। भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान में आतंकियों के 9 ठिकानों पर और उनके प्रशिक्षण केंद्रों पर सटीक हमला किया, जिनमें प्रमुख हैं- 1. सवाई नाला कैंप मुजफ्फराबाद, 2. सैयदाना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद (जैश-ए-मोहम्मद का प्रशिक्षण केंद्र) 3. बरनाला कैंप, बीरबगढ़ 4. अब्‍बास कैंप, कोटली (एलईटी का फिदायीन प्रशिक्षण केंद्र) 5. सरजाल कैप, सियालकोट 6. मेहमूना जया कैंप, सियालकोट 7. गुलपुर कैंप, कोटली, 8. मरकज तैयबा, मुरीदके (26/11 के हमलावरों का प्रशिक्षण केंद्र) 9. मरकज सुभान अल्लाह, बहावलपुर (जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय) जिसे एयर फोर्स ने ध्वस्त किया ।
जब देश एकजुट होता है और “नेशन फर्स्ट” की भावना से काम करता है, तो ऐसे मजबूत निर्णय और परिणाम सामने आते हैं। ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के भीतर 100 किमी तक घुसकर कार्यवाही की। यह भारत की सैन्य क्षमता, राजनीतिक इच्छाशक्ति और राष्ट्रीय संकल्प का प्रतीक है। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। मारे गए प्रमुख आतंकियों में मुदस्सर कादियान उर्फ अब्बू जुंदाल (एलईटी), हाफिज मोहम्मद जमील (जेईएम), मसूद अजहर का साला, मोहम्मद यूसुफ (खालिद अजहर उर्फ उस्ताद और आईसी-814 हाइजैकिंग का आरोपी), खालिद उर्फ अब्बू अक्का खालिद (एलईटी) शामिल हैं। भारत ने इन आतंकियों को एक ही बार में खत्म कर दिया । इनके अंतिम संस्‍कार में पाक के आर्मी चीफ व पाक सरकार के नुमाइंदों का शामिल होना इस बात की पुष्टि करता है कि पाक सरकार आतंकवाद पोषक है ।
भारत की मजबूत सैन्‍य शक्ति, भारत के मिसाइलों और ड्रोन ने पाकिस्तानी एयरबेस को भारी नुकसान पहुँचाया । भारत ने राफेल, सुखोई, ब्रह्मोस, एस-400, एस-125, स्‍कल्‍प मिसाइल, हेमर मिसाइल बम का इस्‍तेमाल किया वहीं स्‍वदेशी आकाश मिसाइल, समर, नागास्‍त्र का इस्‍तेमाल करके पाकिस्‍तान के अनेक ड्रोन्‍स व मिसाइल नष्‍ट कर‍ दिये । डीआरडीओ के अभेद्य रक्षा कवच ने पाकिस्‍तान के एयर‍ डिफेंस सिस्‍टम को तबाह कर दिया । भारत का एयर डिफेंस सिस्‍टम सक्षम रहा और भारत निर्मित हथियारों और मिसाइलों की श्रेष्‍ठता साबित हो गई ।
भारतीय सेना द्वारा सतर्कता बरती गई कि पाकिस्तान के किसी नागरिक, सैन्य और आर्थिक ठिकाने पर निशाना लगाने के बजाय सिर्फ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया जाए । इस तरह दुनिया में किसी को इसके विरोध में कुछ कहने का मौका नहीं रह गया। चीन तक समझ नहीं पा रहा कि भारत के इस कदम को कैसे गलत ठहराया जाए । भारतीय सेना ने पाक के जिन नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किए, उनमें से चार पाक अधिकृत कश्मीर में और बाकी उसके पंजाब प्रांत में स्थित थे। शायद पाकिस्तानी सेना को अंदाजा नहीं था कि भारतीय सेना पंजाब प्रांत के भीतर भी हमला कर सकती है। पाक के 11 हवाई अड्डे भारतीय सेना द्वारा मिट्टी में मिला दिए गए, जिनमें प्रमुख थे बहावलपुर, नूरखान, जैकोबाबाद, सरगोधा, मुरीद, सुक्कूर, सियालकोट, पसरूर, चुनियान, स्‍कारू, भुलारी ।
आपरेशन सिंदूर के बाद भारत को कूटनीतिक कामयाबी मिली है । पहलगाम हमले के तुरंत बाद भारत ने पाकिस्तान की कूटनीतिक घेराबंदी कर दी । प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लगभग 20 देशों के राष्ट्रध्यक्षों से बात कर पाक द्वारा पोषित आतंकवाद की जानकारी दी। इसी कारण आज पाकिस्तान कूटनीतिक दृष्टि से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग पड़ चुका है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के विरुद्ध भारत की लड़ाई में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी वैचारिक असहमतियों से ऊपर उठकर एकजुटता दिखाई है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले सक्षम भारत की सशक्त तस्वीर ही है कि पाकिस्तान चार दिनों में ही घुटनों पर आ गया। दस मई को पाकिस्तान के 11 हवाई अड्डे धुआं-धुआं हो जाने के बाद पाक ‘सरेंडर’ कर सीजफायर के लिए अपने डीजीएमओ के जरिए गुहार करने लगा। भारत ने दो टूक फैसला किया कि ‘भविष्य में अगर आतंकी हमला हुआ तो उसे ‘एक्ट ऑफ वार’ माना जाएगा और उसका जवाब भी उसी भाषा में दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि आपरेशन सिंदूर केवल एक नाम नहीं है, बल्कि यह देश के लाखों लोगों की भावनाओं का प्रतिबिंब है। इसके माध्यम से दुनिया को भारत की ओर से यह संदेश दिया गया कि बर्बरता का सामना संतुलित और सटीक बल प्रयोग से किया जाएगा। आतंकवाद के साथ पड़ोसी देश की साठगांठ अब कूटनीतिक आवरण या परमाणु हथियारों की धमकियों से जुड़ी बयानबाजी के पीछे नहीं छिप सकेगी।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जोर देकर कहा है कि पाकिस्तान की सेना और सरकार ने लगातार आतंकवाद को बढ़ावा दिया है । उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह की कार्रवाइयां अंततः पाकिस्तान के पतन का कारण बनेंगी। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा है कि अगर पाकिस्तान को अपना अस्तित्व बचाना है, तो उसे अपने आतंकी ढांचे को खत्म करना होगा – शांति का कोई दूसरा रास्ता नहीं है। उन्होंने भारत के अटूट संकल्प की पुष्टि करते हुए कहा कि टेरर और टॉक एक साथ नहीं चल सकते, टेरर और ट्रेड साथ-साथ नहीं चल सकते, और खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते । प्रधानमंत्रीजी ने स्‍पष्‍ट किया है कि पाक से बातचीत का केवल एक एजेण्‍डा होगा आतंकवाद की समाप्ति और पाक अधिकृत कश्‍मीर।
इतिहास याद रखेगा कि पहलगाम के जवाब में भारत की प्रतिक्रिया संयमित और समयानुकूल रही। आतंकवाद के विरुद्ध भारत ने मजबूती से खड़े होकर एक सुर में बात की। रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने भी स्‍पष्‍ट किया कि आपरेशन सिंदूर जारी है। यह स्पष्टता, साहस और आतंकवाद से निपटने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के संकल्प के एक नए युग का आरंभ है।
ऑपरेशन सिंदूर’ से पाकिस्तान और उसकी पनाह में पल रहे आतंकियों को सबक सिखाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नाम संदेश दिया और अगले दिन आदमपुर एयरबेस पहुंचे। प्रधानमंत्री के संदेश व आदमपुर एयरबेस पहुंचने के अपने निहितार्थ हैं। आदमपुर एयरबेस पर प्रधानमंत्री मोदी जी का पहुंचना जहॉं वीर सैनिकों की हौसला अफजाई करना था वहीं पाकिस्‍तान के इस दावे की भी कलई खोलना था कि आदमपुर एयरबेस को कोई नुकसान नहीं हुआ है।
देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री ने स्‍पष्‍ट किया कि ‘भारत किसी भी परमाणु ब्‍लैकमेल को बर्दाश्‍त नहीं करेगा। बीते दिनों में हमारे देश का सामर्थ्य और उसका संयम दुनिया ने देखा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं हमारे देश की हर माता को, देश की हर बहन को और देश की हर बेटी को यह वीरता, साहस और पराक्रम समर्पित करता हूं। सबसे पहले मैं भारत की पराक्रमी सेनाओं, सशस्त्र बलों, हमारी खुफिया एजेंसियों, हमारे वैज्ञानिकों को हर भारतवासी की तरफ से सलाम करता हूं। हमारे वीर सैनिकों ने ऑपरेशन सिंदूर के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए असीम शौर्य का प्रदर्शन किया है, जिसके लिए कृतज्ञ भारत ऋणी है।

(सुरेश पचौरी-विनायक फीचर्स)

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(लेखक भारत सरकार के पूर्व रक्षा उत्‍पादन राज्‍य मंत्री हैं)

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